जालोर: गैर वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मियों को मूल पद पर भेजने के लिए वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मी विरोध पर उतर आए है. वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया है और सफाई कार्य का कल से बहिष्कार किया है. वाल्मीकि समाज के पदाधिकारियों का आरोप है कि जालौर मुख्यालय की नगर परिषद, नगर पालिका भीनमाल और नगरपालिका सांचौर के अधिकारियों को उच्च अधिकारियों ने पत्र लिखकर कार्मिकों को मूल पद वापस भेजने की बात कहीं है, लेकिन स्थानीय अधिकारी राजनीतिक दबाव के चलते गैर वाल्मीकि समाज के कार्मिकों को अपने मूल पद पर नहीं लगाया जा रहा है. जिसके कारण वाल्मीकि समाज द्वारा सफाई का कार्य नहीं किया जाएगा.
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बता दें कि जिला मुख्यालय सहित भीनमाल व सांचोर नगर पालिका के सफाई कार्मिकों की ओर से सफाई कार्य का बहिष्कार करने के कारण जिले के प्रमुख तीनों शहरों की सफाई व्यवस्था बिगड़ जाएगी. ज्ञात रहे कि तीनों जगहों पर गैर वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मी बाबूगिरी का कार्य कर रहे है, जिनका वाल्मीकि समाज के लोग विरोध कर रहे है.
ज्ञापन में उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में आरक्षण अनुसार वर्गवार सफाई कार्मिकों की भर्ती लॉटरी प्रक्रिया से हुई थी. जिससे वाल्मीकि और गैर वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों का लॉटरी से चयन हुआ था. माह अक्टूबर 2018 में चयन प्रक्रिया की जांच कर विभागीय स्तर पर नगर परिषद जालोर द्वारा सफाईकर्मियों को नियुक्ति दी गई थी.
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बता दें कि कार्य ग्रहण करने के बाद वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मी पद का निर्वहन करते हुए सफाई का कार्य कर रहे है, लेकिन गैर वाल्मीकि समाज के कार्मिकों का राजनीतिक पहुंच होने के कारण अधिकारियों ने नगर परिषद की अलग अलग शाखा और विभिन्न सरकारी विभागों में मूल पद के विपरीत जॉइन करवाकर बाबू गिरी का कार्य करवाया जा रहा है.
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ऐसे में पूरे राजस्थान में समय-समय पर वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के ओर से कार्मिक विभाग जयपुर, निर्देशक महोदय व स्वास्थ्य शासन विभाग जयपुर को शिकायत करके गैर वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों को अपने मूल पद पर लगाने की मांग की जा रही है. लेकिन सरकारी अधिकारियों द्वारा मांग को अनसुना किया जा रहा है. ऐसे में परेशान होकर वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों ने गैर वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों को मूल पद पर लगाने की मांग करते हुए सफाई कार्य का बहिष्कार कर दिया.