भीनमाल (जालोर). श्रीमाल विचार मंच की ओर से बाबा साहब डॉक्टर भीमराव राम अंबेडकर की 130वीं जन्म जयंती "अंबेडकर जी और समाज दृष्टि" विषय पर संगोष्ठी स्थानीय गायत्री माता मंदिर में आयोजित हुई, जिसमें मुख्य अतिथि स्वामी दिव्य स्वरूप दास, अध्यक्ष धर्मानंद, मुख्य वक्ता हनुमान सिंह क्षेत्रीय कार्यवाहक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान क्षेत्र और विशिष्ट अतिथि दिनेश हेगडे़ रहे. संगोष्ठी के पूर्व अतिथियों ने बाबा साहब की अम्बेडकर सर्किल पर स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता और अंबेडकर जी की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन कर की गई.
मुख्य अतिथि स्वामी जी ने कहा की अगर हिंदू समाज एक नहीं रहेगा तो आने वाला समय बहुत संकट पूर्ण रहेगा और इससे बचने के लिए हमें सामाजिक समरसता पर विशेष ध्यान आकृष्ट करना होगा. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता हनुमान सिंह ने प्रबुद्धजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर का जीवन काफी समस्याओं और संघर्षों से भरा पड़ा था. बाबासाहेब आंबेडकर ने अस्पृश्यता को निकट से जाना था और वह अपने समय के सर्वश्रेष्ठ शिक्षाविद और अधिवक्ता में से एक थे.
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उन्होंने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर ने भारतीय संविधान को बनाने में अपना शत प्रतिशत योगदान दिया और बाबा साहब ने हिंदू धर्म के दर्शन से प्रेरित भी हुए बाबा साहब भारत के भूपटल पर एक मणि के समान है. मुख्य वक्ता ने वर्तमान के परिदृश्य को देखते हुए कहा कि सामाजिक समरसता का ठीक प्रकार से क्रियान्वयन करना आज समाज और राष्ट्र की आवश्यकता है.