रानीवाड़ा (जालोर). रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर जीरे की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद कराने का आग्रह किया है. जीरे की फसल एमएसपी में अधिसूचित फसलों में की सूची में शामिल नहीं है. वहीं लॉकडाउन के कारण गुजरात की ऊंझा मण्डी भी बंद है, जहां किसान अपना जीरा बेचते है.
विधायक देवल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को लिखा है कि, पश्चिमी राजस्थान के जिलों बाडमेर और जालोर में जीरे की फसल बहुतायत में उगाई जाती है और इन दो जिलों में ही अरबों रुपयों का जीरा पैदा होता है. जिसे जीरा उत्पादक किसान गुजरात की ऊंझा मण्डी में बेचते हैं, जो देश की सबसे बड़ी जीरा मण्डी है. इस बार कोविड-19 महामारी के कारण ऊंझा मण्डी भी बन्द पड़ी है. वहां कारोबार नहीं होने के कारण किसान अपना जीरा नहीं बेच पा रहे हैं. हालांकि केन्द्र और राज्य सरकार ने किसानों को आर्थिक सम्बल देने के लिए अनेक प्रकार के प्रयास किए हैं. लेकिन जीरा उत्पादक किसानों के सामने संकट यह है कि, ऊंझा मण्डी में व्यापार बन्द है.
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विधायक देवल ने पत्र में लिखा है कि एमएसपी में अधिसूचित फसलों में जीरे की फसल शामिल नहीं है. इसलिए सरकार जीरे की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदती है. इससे किसानों में फसल बिक्री को लेकर डर बढ़ रहा है और उनकी आर्थिक जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही है. इसलिए विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि इस वर्ष कोविड-19 की वजह से उत्पन्न असामान्य परिस्थितियों में विशेष प्रावधान करते हुए राज्य सरकार जीरा उत्पादक किसानों को राहत देने के लिए जीरे की फसल की एमएसपी पर सरकारी खरीद कराए.