रानीवाड़ा (जालोर). जिले में मानसून की दस्तक के साथ ही कई स्थानों पर जलभराव की समस्या भी उत्पन्न होने लगी है. कई जगह तो प्रशासनिक अनदेखी के चलते जलनिकास नहीं होने से लोगों के लिए आफत बन जाती है. जिले के रानीवाड़ा भीनमाल रेल मार्ग पर स्थित रानीवाड़ा खुर्द अंडरब्रिज में बारिश के दौरान पानी भर जाता हैं. रेलवे विभाग द्वारा निकासी व्यवस्था के अभाव में वर्षा का पानी महीनों तक भरा रहता है.
समदड़ी-भीलड़ी रेलखण्ड पर बने अंडर ब्रिज बारिश में आफत बन गये हैं. अंडर ब्रिज में चार पांच फीट पानी जमा हो गया. ऐेसे में रानीवाड़ा खुर्द के गांव के ग्रामीणों को रानीवाड़ा शहर व भीनमाल जाने के लिए अंडर ब्रिज से गुजरना पड़ता है. बारिश के दौरान अंडरब्रिज में पानी जमा होने की वजह से ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पटरियां के ऊपर से गुजरने को मजबूर है.
बारिश होते ही अंडर ब्रिज में पानी लबालब हो गया. पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं होने से खासकर विद्यार्थियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. गांव में विद्यार्थियों को लाने ले जाने वाले वाहन भी पहुंचने बंद हो गए है. इतना कुछ होने के बाद भी रेलवे प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. अण्डर ब्रिज से आवाजाही बंद होने से रानीवाड़ा खुर्द सहित कई गांव-ढाणियों के लोग परेशान है.
रानीवाड़ा खुर्द गांव से दर्जनों की संख्या में विद्यार्थी रानीवाड़ा शहर में अध्ययन के लिए पहुंचते है. पानी भरने से रोजाना कई लग्जरी वाहन फंस कर खराब हो रहे है. वाहनों को यहां से बाहर निकालने में 500 रुपए चुकाकर जेसीबी मंगवानी पड़ती है.
हो सकता है बड़ा हादसा
समदड़ी-भीलड़ी रेलखण्ड पर रोजाना 35-40 मालगाड़ियां गुजरती है. अण्डर ब्रिज पानी से लबालब होने की वजह से लोग पटरियों के ऊपर से गुजरने को मजबूर है. ऐसे में यहां पर कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. कई बार हादसे होत-होते भी बच गए.
सांसद देवजी पटेल ने दिया आश्वासन
जालोर से ETV भारत संवाददाता ने सिरोही सांसद देवजी पटेल से दूरभाष पर बात कर इस समस्या को लेकर अवगत करवाया. पटेल ने कहा कि जल्द ही रेलवे विभाग के अधिकारियों से बातकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा ताकि रानीवाड़ा खुर्द गांव के ग्रामीणों व विद्यार्थियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
रानीवाड़ा खुर्द गांव के बाशिदों के लिए रानीवाड़ा शहर व भीनमाल जाने के लिए अंडर ब्रिज से गुजरना पड़ता है. पानी के भराव की वजह से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर रेलवे पटरी को पैदल क्रास करना पड़ता है. वाहनों के लिए दुगुनी दूरी तय करनी पड़ती हैं.