जालोर. सांचौर उपखंड क्षेत्र के हाड़ेचा गांव में हो रही एक मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी लापरवाही सामने आई है. पिछले दो महीनों से इस प्रतिबंधित क्षेत्र में दो हजार से ज्यादा बाहरी राज्य के लोगों का जमावड़ा है. इस पूरे प्रकरण को लेकर जिला प्रशासन ने मौन धारण कर रखा है. भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा नजदीक होने के कारण इस क्षेत्र को प्रतिबंधित घोषित किया गया है.
जानकारी के अनुसार 3 फरवरी को हाड़ेचा गांव में जैन समाज के मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम है. इसको लेकर पिछले दो महीने से तैयारियां चल रही हैं, जिसमें करीबन दो हजार से ज्यादा बाहरी लोगों का जमावड़ा है जो वहां पर काम कर रहे है. लेकिन यहां अंतरराष्ट्रीय सीमा नजदीक होने के कारण जिले के सरवाना, सांचौर और चितलवाना थाने के क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया हुआ है.
इसमें आने के लिए बकायदा एसडीएम से अनुमति लेनी पड़ती है, लेकिन यहां पर सभी नियमों को धत्ता बताते हुए दो हजार से ज्यादा लोग बाहरी राज्यों के काम कर रहे हैं. जबकि एसडीएम से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई. इस पूरे प्रकरण को लेकर अब स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
इसलिए कर रखा है इस क्षेत्र को प्रतिबंधित : भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा नजदीक होने के कारण जालोर जिले के सरवाना, चितलवाना और सांचौर थाना क्षेत्र को प्रतिबंधित घोषित कर रखा है. बाहरी लोगों को इस क्षेत्र में आने और जाने के लिए एसडीएम से अनुमति लेनी होती है, लेकिन हाड़ेचा में किसी ने अनुमति नहीं ली है. सांचौर सीआई निरंजन प्रताप सिंह ने बताया कि हाड़ेचा में मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चल रहा है. उसमें बाहर से आने वाले लोगों ने अनुमति नहीं ली है.