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बाजरे की न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीद की जाए: सांसद देवजी पटेल - सांसद देवजी पटेल

प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पादन होने वाले बाजरे की फसल की समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर शनिवार को जालोर-सिरोही के सांसद देवजी पटेल ने केंद्रीय कृषि मंत्री से बात की है. साथ ही सांसद ने समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद की मांग की है.

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सांसद देवजी पटेल ने बाजरे की न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीद की जाए
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Published : Oct 17, 2020, 5:31 PM IST

जालोर. प्रदेश की सबसे प्रमुख फसल बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री से दूरभाष पर वार्ता की, जिसमें केन्द्रीय कृषि मंत्री ने सांसद पटेल को बताया कि राज्य सरकार अगर बाजरा की न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीद करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे तो स्वीकृति दे दी जाएगी. सांसद पटेल ने इस संबंध में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत करवाया कि प्रदेश की प्रमुख फसल बाजरा की न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीद करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने की मांग की है.

सांसद पटेल ने बताया कि राजस्थान प्रदेश में बाजरे की सबसे ज्यादा पैदावार होती है, लेकिन उसकी समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए एक भी सेंटर नहीं खोला गया है. इस बार प्रदेश में लगभग 40 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी. कृषि विभाग के अनुसार प्रति हेक्टेयर 1107 किलो का उत्पादन है. केंद्र सरकार ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2,150 रुपए प्रति क्विंटल तय कर दिया है, लेकिन प्रदेश में इसकी सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों को बाजार में 1200-1400 रुपए क्विंटल के भाव से बेचनी पड़ रही है। इससे किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित फसलें, जिनका समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है, उन फसलों का तय समर्थन मूल्य से नीचे बाजार भाव होने की स्थिति में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान योजना के तहत फसल उत्पादन की 25 प्रतिशत फसल खरीद के प्रावधान है. किसानों की आय दोगुनी करने और आत्मनिर्भर बनाने पर सरकार का जोर है, लेकिन राजस्थान की प्रमुख फसल बाजरा की प्रदेश में ही सरकारी खरीद नहीं हो रही है. इससे किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. आज कोरोना काल में किसानों की कमर टूटी हुई है.

यह भी पढ़ें- बिना अंडरटेकिंग दिए नहीं हो सकती गुर्जर महापंचायत, ऐसा करने पर होगी हाईकोर्ट की अवमानना

सांसद पटेल ने बताया कि प्रदेश के लगभग सभी जिला में जालोर 2.80 लाख, सिरोही 10 हजार, अजमेर 60 हजार, जयपुर 2 .70 लाख, दौसा 1.30 लाख, टोंक 40 हजार, सीकर 2.55 लाख, झुंझुनूं 1.95 लाख, नागौर 3.10 लाख, अलवर 2.60 लाख, भरतपुर 1.20 लाख, धौलपुर 90 हजार, सवाईमाधोपुर 6000, करौली 1.20 लाख, बीकानेर 1 लाख, चूरू 2.60 लाख, जैसलमेर 1.15 लाख, श्रीगंगानगर 7000, हनुमानगढ़ 4000, बाड़मेर 7.80 लाख, जोधपुर 4.10 लाख, पाली 35 हजार, कोटा संभाग में 3000 हेक्टेयर में बाजरे की बुवाई हुई है. सरकार को मूंग, मूंगफली के साथ बाजरे की खरीद शुरू करनी चाहिए. ऐसे में सांसद पटेल ने मुख्यमंत्री से प्रदेश की प्रमुख फसल बाजरा की न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीद करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द केन्द्र सरकार को भिजवाने की मांग की है.

जालोर. प्रदेश की सबसे प्रमुख फसल बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री से दूरभाष पर वार्ता की, जिसमें केन्द्रीय कृषि मंत्री ने सांसद पटेल को बताया कि राज्य सरकार अगर बाजरा की न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीद करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे तो स्वीकृति दे दी जाएगी. सांसद पटेल ने इस संबंध में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत करवाया कि प्रदेश की प्रमुख फसल बाजरा की न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीद करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने की मांग की है.

सांसद पटेल ने बताया कि राजस्थान प्रदेश में बाजरे की सबसे ज्यादा पैदावार होती है, लेकिन उसकी समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए एक भी सेंटर नहीं खोला गया है. इस बार प्रदेश में लगभग 40 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी. कृषि विभाग के अनुसार प्रति हेक्टेयर 1107 किलो का उत्पादन है. केंद्र सरकार ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2,150 रुपए प्रति क्विंटल तय कर दिया है, लेकिन प्रदेश में इसकी सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों को बाजार में 1200-1400 रुपए क्विंटल के भाव से बेचनी पड़ रही है। इससे किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित फसलें, जिनका समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है, उन फसलों का तय समर्थन मूल्य से नीचे बाजार भाव होने की स्थिति में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान योजना के तहत फसल उत्पादन की 25 प्रतिशत फसल खरीद के प्रावधान है. किसानों की आय दोगुनी करने और आत्मनिर्भर बनाने पर सरकार का जोर है, लेकिन राजस्थान की प्रमुख फसल बाजरा की प्रदेश में ही सरकारी खरीद नहीं हो रही है. इससे किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. आज कोरोना काल में किसानों की कमर टूटी हुई है.

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सांसद पटेल ने बताया कि प्रदेश के लगभग सभी जिला में जालोर 2.80 लाख, सिरोही 10 हजार, अजमेर 60 हजार, जयपुर 2 .70 लाख, दौसा 1.30 लाख, टोंक 40 हजार, सीकर 2.55 लाख, झुंझुनूं 1.95 लाख, नागौर 3.10 लाख, अलवर 2.60 लाख, भरतपुर 1.20 लाख, धौलपुर 90 हजार, सवाईमाधोपुर 6000, करौली 1.20 लाख, बीकानेर 1 लाख, चूरू 2.60 लाख, जैसलमेर 1.15 लाख, श्रीगंगानगर 7000, हनुमानगढ़ 4000, बाड़मेर 7.80 लाख, जोधपुर 4.10 लाख, पाली 35 हजार, कोटा संभाग में 3000 हेक्टेयर में बाजरे की बुवाई हुई है. सरकार को मूंग, मूंगफली के साथ बाजरे की खरीद शुरू करनी चाहिए. ऐसे में सांसद पटेल ने मुख्यमंत्री से प्रदेश की प्रमुख फसल बाजरा की न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीद करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द केन्द्र सरकार को भिजवाने की मांग की है.

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