जालोर. जिले के आहोर विधानसभा क्षेत्र के पीपरला की ढाणी भाद्राजून में स्थानीय लोगों के सहयोग से निर्मित भवन का रविवार को मंहत रणछोड़भारती, क्षेत्रीय सांसद देवजी पटेल, आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित सहित स्थानीय ग्रामीण लोगों की उपस्थिति में लोकापर्ण किया गया.
इस दौरान सांसद देवजी पटेल ने भवन निर्माण में आर्थिक सहयोग प्रदान करने वाले भामाशाहाओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस प्रकार सभी के सहयोग से किए गए आम जनहितार्थ कार्य को हमेशा याद किया जाता है. इस दौरान उन्होंने किसान चौपाल का आयोजन किया. जिसमें सांसद देवजी पटेल ने ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों की किसानों को जानकारी दी.
सांसद पटेल ने बताया कि विपक्ष की ओर से इन विधेयकों के लिए फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियों के बावजूद देश का किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा है. इस देश के विकास में किसानों का सबसे बड़ा योगदान होगा. देश के किसान भाईयों के सुनहरे भविष्य के लिए ये बिल अतिआवश्यक और वांछनीय था. प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए पूरा मार्केट खोल दिया है. इसके बावजूद मंडी व्यवस्था और एमएसपी सिस्टम को पहले से भी मजबूत किया है.
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वहीं, नए कानून के तहत किसान को अपनी उपज को बेहतर कीमत पर बेचने की आजादी दी है. इसके लिए उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसानों की आय बढ़ेगी और खेती का दायरा बढ़ेगा. सांसद पटेल ने बताया कि संसद में पारित विधेयक से शकों से कई प्रकार के बन्धनों से जकड़े हुए अन्नदाताओं को आजादी मिली हैं. इससे किसानों की आय दोगुना करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी.
केंद्र सरकार ने किसानों के हित के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, 10 हजार एफपीओ का गठन, एमएसपी में भारी बढ़ोतरी, किसान सम्मान निधि इत्यादि के साथ ही कृषि क्षेत्र में 1 लाख करोड़ से अधिक निवेश की सराहनीय पहल की हैं. जिससे किसानों की आय दोगुना करने में यह सभी सार्थक सिद्ध होंगे. विपक्षी दल अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए मिथ्या और अनर्गल प्रचार कर रहे हैं, जबकि एएसपी, सरकारी खरीद और मंडी व्यवस्था जारी रहेगी, लेकिन इसके साथ-साथ किसानों को वैकल्पिक बाजार की व्यवस्था और कृषि क्षेत्र में बहुत बडा निवेश भी आएगा. इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष स्वरूप सिंह नोरवा, दिनेश सिंह, शंकर भारती, लाल सिंह नीलकंठ और जसराज पुरोहित सहित बड़ी संख्या में स्थानीय किसान मौजूद थे.