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जालोर: एसबीआई बैंक के लॉकर में रखा सोना 7 साल बाद मार्बल के टुकड़ों में परिवर्तित, मामला दर्ज

जालोर शहर में एक ऐसा अविश्वसनीय मामला सामने आया है, जो बेहद चौंका देने वाला है. जिला मुख्यालय के समीप स्थित एसबीआई बैंक के लॉकर में 7 साल पहले रखे 800 ग्राम सोने के आभूषण अब मार्बल के टुकड़ों में बदल गए है, जिसके कारण पीड़ित प्रवासी ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है. वहीं, पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी.

Jalore news, जालोर की खबर
लॉकर में रखा आभूषण 7 साल बाद मार्बल के टुकड़ों में हुआ परिवर्तित
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Published : May 17, 2020, 9:02 PM IST

जालोर. शहर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो बेहद चौंकाने वाला है. दरअसल, 7 साल पहले एसबीआई बैंक के लॉकर में रखे सोने के आभूषण अब मार्बल के टुकड़ों में परिवर्तित हो गए है. इस बात की भनक लगते ही प्रवासी पारसमल ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है. जानकारी के अनुसार जालोर निवासी पीड़ित पारसमल जैन का भिवंडी में व्यापार है.

लॉकर में रखा आभूषण 7 साल बाद मार्बल के टुकड़ों में हुआ परिवर्तित

जैन का कहना है कि सात साल पहले तिलकद्वार स्थित एसबीआई बैंक में उन्होंने एक लॉकर लिया, जिसमें उन्होंने सोने के आभूषण रखे थे. इस बीच जब पिछले शुक्रवार को उन्होंने बैंक का लॉकर खोला तो उसमें वह सोने के आभूषण की जगह मार्बल के टुकड़ों में परिवर्तित हो गए थे. ऐसे में सोने के आभूषण नहीं देखकर उसके होश उड़ गए.

पढ़ें- जालोरः रानीवाड़ा वन विभाग लगाएगा एक लाख 27 हजार पौधे

जैन ने बताया कि उसने करीब 800 ग्राम सोने के आभूषण बैंक लॉकर में रखे थे. लेकिन अब आभूषण के बजाय उसमें से मार्बल के टुकड़े निकले, जिसके बाद पीड़ित ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है. वहीं, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

कई सवाल खड़े हो रहे है इस पूरे घटनाक्रम में

तिलक द्वार के अंदर स्थित एसबीआई बैंक से एक लॉकर से गहने के स्थान पर पत्थर मिलने के मामले में शनिवार से पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि साल 2013 में अंतिम बार लॉकर खुला था और वह स्वयं धारक पारसमल ने खोला था. उसके बाद पीड़ित ने लॉकर को ऑपरेट नहीं किया है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि पीड़ित ने 7 साल तक लॉकर को ऑपरेट नहीं किया तो इसमें से आभूषण कैसे गायब हो गए?

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर बैंक प्रबंधन का कहना है कि बैंक में लॉकर की पारदर्शी प्रक्रिया है और इसे कोई भी अपनी मर्जी से नहीं खोल सकता. क्योंकि, इसे दो चाबी से ही खोला जा सकता है, जिसमें एक लॉकर धारक के पास तो दूसरी बैंक प्रबंधक के पास ही होती है. बिना चाबी के लॉकर खुलना सम्भव नहीं है और बिना खोले आभूषण भी बदला नहीं जा सकता. ऐसे में पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी हुई है.

जालोर. शहर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो बेहद चौंकाने वाला है. दरअसल, 7 साल पहले एसबीआई बैंक के लॉकर में रखे सोने के आभूषण अब मार्बल के टुकड़ों में परिवर्तित हो गए है. इस बात की भनक लगते ही प्रवासी पारसमल ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है. जानकारी के अनुसार जालोर निवासी पीड़ित पारसमल जैन का भिवंडी में व्यापार है.

लॉकर में रखा आभूषण 7 साल बाद मार्बल के टुकड़ों में हुआ परिवर्तित

जैन का कहना है कि सात साल पहले तिलकद्वार स्थित एसबीआई बैंक में उन्होंने एक लॉकर लिया, जिसमें उन्होंने सोने के आभूषण रखे थे. इस बीच जब पिछले शुक्रवार को उन्होंने बैंक का लॉकर खोला तो उसमें वह सोने के आभूषण की जगह मार्बल के टुकड़ों में परिवर्तित हो गए थे. ऐसे में सोने के आभूषण नहीं देखकर उसके होश उड़ गए.

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जैन ने बताया कि उसने करीब 800 ग्राम सोने के आभूषण बैंक लॉकर में रखे थे. लेकिन अब आभूषण के बजाय उसमें से मार्बल के टुकड़े निकले, जिसके बाद पीड़ित ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है. वहीं, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

कई सवाल खड़े हो रहे है इस पूरे घटनाक्रम में

तिलक द्वार के अंदर स्थित एसबीआई बैंक से एक लॉकर से गहने के स्थान पर पत्थर मिलने के मामले में शनिवार से पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि साल 2013 में अंतिम बार लॉकर खुला था और वह स्वयं धारक पारसमल ने खोला था. उसके बाद पीड़ित ने लॉकर को ऑपरेट नहीं किया है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि पीड़ित ने 7 साल तक लॉकर को ऑपरेट नहीं किया तो इसमें से आभूषण कैसे गायब हो गए?

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर बैंक प्रबंधन का कहना है कि बैंक में लॉकर की पारदर्शी प्रक्रिया है और इसे कोई भी अपनी मर्जी से नहीं खोल सकता. क्योंकि, इसे दो चाबी से ही खोला जा सकता है, जिसमें एक लॉकर धारक के पास तो दूसरी बैंक प्रबंधक के पास ही होती है. बिना चाबी के लॉकर खुलना सम्भव नहीं है और बिना खोले आभूषण भी बदला नहीं जा सकता. ऐसे में पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी हुई है.

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