रानीवाड़ा (जालोर). देशभर में कोरोना वायरस दिनों-दिन तेजी से बढ़ता ही जा रहा है, तो दूसरी तरफ लोग भयंकर गर्मी में पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. रानीवाड़ा तहसील के ग्राम पंचायत कूड़ा में रहने वाले 20 भीलों की ढाणी में इन दिनों लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है.
कूड़ा से हर्षवाड़ा जाने वाली सड़क पर इन भीलों की ढाणी बसी है. गांव के बिल्कुल नजदीक होने के बावजूद भी इनके सामने पेयजल की भारी किल्लत है. ढाणी में पानी पहुंचाने के लिए जीएलआर टंकी से पाइप लाइनें भी डाली गई थी. मगर पाइपलाइनों में एक बार भी पानी नहीं आया. जैसी पाइपलाइन जमीन के अंदर डाली थी, वैसी की वैसी ही पड़ी हुई है.
लॉकडाउन होने की वजह से इन भीलों के घरों में कोई टैंकर वाला भी पानी लेकर नहीं पहुंच रहा है. यह रहने वाले लोगों ने बताया कि पेयजल की भयंकर समस्या को लेकर कई बार जलदाय विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया है. लेकिन इस समस्या के ऊपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते ढाणी के लोग इस संकट की घड़ी में बूंद-बूंद पेयजल को तरस रहे हैं.
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प्यास के सामने सभी नियमों को रखा ताक पर
ग्रामीण अणदाराम भील ने कहा कि हम खाने के बिना रह सकते हैं. लेकिन पानी के बिना नहीं रह सकते. वहीं रमेश कुमार, मेहती देवी, सोरम देवी ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित प्रशासन की ओर से इस महामारी से निपटने के लिए घरों से बाहर नहीं निकलने, सोंशल डिस्टेसिंग, की पालना करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. हम भी देश के हित में घरों से बाहर नहीं निकलना चाहते हैं. मन में हमेशा मौत का भय सताता रहता है, लेकिन क्या करें एक ओर सामने बीमारी है. वहीं दूसरी ओर प्यासे मरने को मजबूर कर रही है.
इन भीलों ने ईटीवी भारत के माध्यम से जलदाय विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से मांग करते हुए जल्द से जल्द पेयजल की समस्या को दूर करने की अपील की है.