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जानबूझकर लगाई गई आग! : जालोर नगरपरिषद के रिकॉर्ड रूम में लगी आग से अहम दस्तावेज खाक - जालोर नगरपरिषद

जालोर नगरपरिषद के रिकॅार्ड रूम में सोमवार को आग लग गई. जिससे वहां रखे महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए. इस आगजनी के बाद चर्चाएं जोरों पर है, कि आग जानबूझकर लगाई गई है.

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आग लगने से दस्तावेज जलकर खाक
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Published : Jan 20, 2020, 2:10 PM IST

जालोर. नगरपरिषद में फर्जी पट्टों सहित दर्जन भर मामले एसीबी और डीडीआर में पेंडिंग चल रहे हैं. सोमवार को अचानक नगर परिषद के रिकॉर्ड रूम में आग लग जाने से महत्त्वपूर्ण दस्तावेज जल गए. आग लगने की जानकारी पर प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भी मौके पर पहुंचे और फायर बिग्रेड की मदद से आग पर काबू पाया.

आग लगने से दस्तावेज जलकर खाक

जालोर नगर परिषद पिछले लंबे समय से विवादों में है. यहां पर फर्जी पट्टे, भवन निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर कई मामले एसीबी में लंबित है. नगरपरिषद के रिकॉर्ड रूम में आग लगने और महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक होना किसी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है. CCTV की केबल भी निकली मिली है. जिससे संभावना जताई जा रही है, कि आग जानबूझकर लगाई गई है.

यह भी पढ़ें. जालोर: मेडिकल रिप्रजेंटेटिव ने किया प्रदर्शन, CM के नाम दिया ज्ञापन

आग लगने के कारणों की पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है. आगजनी के घटनाक्रम के बाद नवनियुक्त सभापति गोविन्द टांक और उपसभापति अम्बालाल व्यास सहित अन्य लोग मौके पर पहुंचे और निष्पक्ष जांच करवाने की बात कही है.

आग जानबूझकर लगाई गई, इसका संदेह इसलिए हो रहा है....

बताया जा रहा है, कि सभापति भंवर लाल माली के कार्यकाल में फर्जी पट्टे जारी करने सहित कई पट्टों से जुड़ी पत्रावलियां गुम होने के मामले दर्ज हैं. डीडीआर में शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी. ऐसे में इस बार नया बोर्ड बनने के बाद संभावना थी, कि पिछले कार्यकाल में हुए फर्जीवाड़े की जांच होगी तो कई मामलों की परतें खुल जाएगी. कई बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं. ऐसी आशंका है, कि इसी वजह से सोमवार को अचानक अज्ञात व्यक्ति ने रिकॉर्ड रूम में आग लगाई है.

कई सवाल अब भी अनसुलझे

आग लगने की सूचना पर पुलिस और नगरपरिषद के कर्मी पहुंचे. रिकॉर्ड रूम में कई दस्तावेज जले हैं, लेकिन कौन-कौन से दस्तावेज आग की भेंट चढ़े हैं, इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है. इसकी नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है.

दूसरी तरफ पहले स्तर की जांच में यह भी सामने आया है, कि रिकॉर्ड रूम में किसी तरह के शॉर्ट सर्किट की स्थिति नजर नहीं आ रही है. यहां लगे सीसीटीवी की केबल भी निकली हुई मिली. ऐसे में यह घटनाक्रम सोची समझी साजिश नजर आती है.

जालोर. नगरपरिषद में फर्जी पट्टों सहित दर्जन भर मामले एसीबी और डीडीआर में पेंडिंग चल रहे हैं. सोमवार को अचानक नगर परिषद के रिकॉर्ड रूम में आग लग जाने से महत्त्वपूर्ण दस्तावेज जल गए. आग लगने की जानकारी पर प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भी मौके पर पहुंचे और फायर बिग्रेड की मदद से आग पर काबू पाया.

आग लगने से दस्तावेज जलकर खाक

जालोर नगर परिषद पिछले लंबे समय से विवादों में है. यहां पर फर्जी पट्टे, भवन निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर कई मामले एसीबी में लंबित है. नगरपरिषद के रिकॉर्ड रूम में आग लगने और महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक होना किसी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है. CCTV की केबल भी निकली मिली है. जिससे संभावना जताई जा रही है, कि आग जानबूझकर लगाई गई है.

यह भी पढ़ें. जालोर: मेडिकल रिप्रजेंटेटिव ने किया प्रदर्शन, CM के नाम दिया ज्ञापन

आग लगने के कारणों की पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है. आगजनी के घटनाक्रम के बाद नवनियुक्त सभापति गोविन्द टांक और उपसभापति अम्बालाल व्यास सहित अन्य लोग मौके पर पहुंचे और निष्पक्ष जांच करवाने की बात कही है.

आग जानबूझकर लगाई गई, इसका संदेह इसलिए हो रहा है....

बताया जा रहा है, कि सभापति भंवर लाल माली के कार्यकाल में फर्जी पट्टे जारी करने सहित कई पट्टों से जुड़ी पत्रावलियां गुम होने के मामले दर्ज हैं. डीडीआर में शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी. ऐसे में इस बार नया बोर्ड बनने के बाद संभावना थी, कि पिछले कार्यकाल में हुए फर्जीवाड़े की जांच होगी तो कई मामलों की परतें खुल जाएगी. कई बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं. ऐसी आशंका है, कि इसी वजह से सोमवार को अचानक अज्ञात व्यक्ति ने रिकॉर्ड रूम में आग लगाई है.

कई सवाल अब भी अनसुलझे

आग लगने की सूचना पर पुलिस और नगरपरिषद के कर्मी पहुंचे. रिकॉर्ड रूम में कई दस्तावेज जले हैं, लेकिन कौन-कौन से दस्तावेज आग की भेंट चढ़े हैं, इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है. इसकी नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है.

दूसरी तरफ पहले स्तर की जांच में यह भी सामने आया है, कि रिकॉर्ड रूम में किसी तरह के शॉर्ट सर्किट की स्थिति नजर नहीं आ रही है. यहां लगे सीसीटीवी की केबल भी निकली हुई मिली. ऐसे में यह घटनाक्रम सोची समझी साजिश नजर आती है.

Intro:नगरपरिषद में फर्जी पट्टों सहित अन्य प्रकार के दर्जन भर मामले एसीबी व डीडीआर में पेंडिंग चल रहे है। आज अचानक उसी नगर परिषद के रिकॉर्ड रूम में आज लग जाने से महत्त्वपूर्ण दस्तावेज जलने व सीसीटीवी कैमरे की पिन निकालनी हुई होने के कारण आगजनी के घटनाक्रम पर संदेह जाहिर हो रहा है।

Body:जालोर नगरपरिषद के रिकॉर्ड रूम में आग से दस्तावेज जले, आग लगने पर उठ रहे है कई सवाल
जालोर
नगर परिषद पिछले लंबे समय से विवादों में है। यहां पर फर्जी पट्टे, भवन निर्माण में अनियमितता व भ्रष्टाचार को लेकर कई मामले एसीबी में लंबित है। इसी नगर परिषद में एक बार फिर से सोमवार अल सवेरे ऐसा घटनाक्रम घटित हुआ, जिसने पूरे शहरवासियों को चौंका दिया। नगरपरिषद के रिकॉर्ड रूम में आग लगने के साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जल कर खाख हो गए। आग के कारणों की पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। आग लगने की जानकारी पर प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस भी मौके पर पहुंची और फायर बिग्रेड की मदद से आग पर काबू पाया। इस आगजनी की घटनाक्रम के बाद शहर में चर्चाएं जोरों पर है कि सब कुछ सोची समझी साजिश के तहत यह आग लगाई गई है। वहीं इस आगजनी के घटनाक्रम के बाद नव नियुक्त सभापति गोविन्द टांक व उप सभापति अम्बालाल व्यास सहित अन्य मौके पर पहुंचे और निष्पक्ष जांच करवाने की बात कही।
आग लगाने का इसलिए हो रहा है संदेह
नगर परिषद में आगजनी की इस घटना के पीछे सोची समझी साजिश को बु आ रही है। जानकारी के अनुसार सभापति भंवर लाल माली के कार्यकाल में फर्जी पट्टे जारी करने सहित कई पट्टों से जुड़ी पत्रावलियां गुम होने के मामले दर्ज है। साथ ही डीडीआर में शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी। ऐसे में इस बार नया बोर्ड बनने के बाद संभावना थी कि जो पिछले कार्यकाल में फर्जीवाड़ा किया गया था। उसकी जांच होगी तो कई मामलों को परते खुल जाएगी। कई बड़े नाम भी सामने आ सकते है। जिसके कारण आज अचानक अज्ञात व्यक्ति ने रिकॉर्ड रूम में आग लगाई है।
कई सवाल अब भी है अनसुलझे
आग लगने की सूचना पर पुलिस और नगरपरिषद के कारिंदे पहुंचे। रिकॉर्ड रूम में कई दस्तावेज जले हैं, लेकिन कौन कौन से दस्तावेज आग की भेंट चढ़े हैं, इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। इसकी नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है। दूसरी तरफ पहले स्तर की जांच में यह भी सामने आया है कि रिकॉर्ड रूम में किसी तरह के शॉर्ट सर्किट की स्थिति नजर नहीं आ रही। वहीं यहां लगे मॉनिटरिंग सीसीटीवी कैमरे की केबल भी निकली हुई थी। ऐसे में यह घटनाक्रम सोची समझी साजिश नजर आती है। अब यह सबसे बड़ा सवाल है कि इस मामले की जांच किस स्तर से की जाती है।

बाइट- गोविंद टांक, सभापति नगर परिषद जालोर
बाइट- भैरू सिंह, सब इंस्पेक्टर पुलिस कोतवाली जालोर



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