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सीएम गहलोत की अपील के बाद चितलवाना सेवा संस्थान का परिंडा बांध अभियान शुरू - परिंडे लगाने की बड़े स्तर पर व्यवस्था

जालोर जिले के चितलवाना क्षेत्र में पक्षियों के लिए गर्मी के मौसम में परिंडे लगाने की बड़े स्तर पर व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए चितलवाना सेवा समिति के तत्वावधान में परिंडे तैयार करके लगाए जाएंगे, ताकि पक्षियों को गर्मी के मौसम में पानी मिल सकेगा.

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चितलवाना सेवा संस्थान ने चलाया परिंडे बांध अभियान
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Published : Apr 19, 2020, 3:13 PM IST

सांचौर (जालोर). वैशाख का महीना आते ही मौसम में गर्मी बढ़ने लगी है. ऐसे में जलाशयों में पानी भी सूखने लगा है, जिससे बेजुबान पक्षियों के लिए पीने के पानी की किल्लत होना शुरू हो गई है. इन बेजुबान पक्षियों के पानी की समस्या न हो इसके लिए चितलवाना सेवा संस्थान की ओर से चितलवाना के कई स्थानों पर 1000 परिंडे बांध अभियान की शुरुआत की गई. वहीं, अगले कुछ दिन में 2000 परिंडे और लगाए जाएंगे.

चितलवाना सेवा संस्थान ने चलाया परिंडे बांध अभियान

ऐसे में चितलवाना सेवा संस्थान की ओर से उपखण्ड कार्यालय, तहसील कार्यालय, पंचायत समिति कार्यालय, पुलिस थाना और अस्पताल सहित चितलवाना ग्राम पंचायत के प्रत्येक घर में परिंडा लगाकर अभियान की शुरुआत की हैं. आगे भी इस संस्थान का लक्ष्य है कि चितलवाना ग्राम पंचायत क्षेत्र के प्रत्येक घर में एक-एक परिंडा बांटा जाए.

पढ़ें- जालोर में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं, तपती धूप में एसपी कर रहे मॉनिटरिंग

वहीं, इस अभियान की शुरुआत एसडीएम मासिंगाराम जांगिड़ ने उपखण्ड कार्यालय परिसर में परिंडा लगाकर इस अभियान की शुरुआत की. वहीं, अब ग्राम पंचायत क्षेत्र के प्रत्येक घरों में परिंडा बांटा जा रहा है. इसके साथ ही ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है कि प्रतिदिन परिंडों में पानी भरें. वहीं, संस्थान की ओर से पक्षियों को लिए चुग्गाघर भी बनाया गया है और पक्षियों के आश्रय के लिए नौ मंजिला घर बना हुआ है, इसमें 900 से अधिक पक्षी रह सकते है. इसके प्रत्येक मंजिल में सोलह द्वार बने हुए है, इस प्रकार से सभी मिलाकर 144 द्वार बने हैं और यह पूरी तरह से सुरक्षित है.

चितलवाना सेवा संस्थान के अध्यक्ष जगदीश गोदारा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील किया है कि बेजुबान पशु-पक्षियों की भी चिंता की जाए. हम सभी को गाय, भेड़, बकरी और अन्य मूक पशुओं की जान की भी परवाह करनी है, इसके लिए स्वयंसेवी धार्मिक संस्थाओं के लोग आगे आए और इन मूक पशु-पक्षियों के दाना-पानी की जिम्मेदारी उठाएं. इस अपील के बाद चितलवाना सेवा संस्थान ने इन पक्षियों की सुरक्षा और दाना-पानी का जिम्मा उठाया है और इस अभियान के बाद क्षेत्र के लोग भी काफी जागरूक हुए है और अपने घरों पर परिंडे लगाकर पक्षियों के दाना-पानी का संकल्प ले रहे है.

सांचौर (जालोर). वैशाख का महीना आते ही मौसम में गर्मी बढ़ने लगी है. ऐसे में जलाशयों में पानी भी सूखने लगा है, जिससे बेजुबान पक्षियों के लिए पीने के पानी की किल्लत होना शुरू हो गई है. इन बेजुबान पक्षियों के पानी की समस्या न हो इसके लिए चितलवाना सेवा संस्थान की ओर से चितलवाना के कई स्थानों पर 1000 परिंडे बांध अभियान की शुरुआत की गई. वहीं, अगले कुछ दिन में 2000 परिंडे और लगाए जाएंगे.

चितलवाना सेवा संस्थान ने चलाया परिंडे बांध अभियान

ऐसे में चितलवाना सेवा संस्थान की ओर से उपखण्ड कार्यालय, तहसील कार्यालय, पंचायत समिति कार्यालय, पुलिस थाना और अस्पताल सहित चितलवाना ग्राम पंचायत के प्रत्येक घर में परिंडा लगाकर अभियान की शुरुआत की हैं. आगे भी इस संस्थान का लक्ष्य है कि चितलवाना ग्राम पंचायत क्षेत्र के प्रत्येक घर में एक-एक परिंडा बांटा जाए.

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वहीं, इस अभियान की शुरुआत एसडीएम मासिंगाराम जांगिड़ ने उपखण्ड कार्यालय परिसर में परिंडा लगाकर इस अभियान की शुरुआत की. वहीं, अब ग्राम पंचायत क्षेत्र के प्रत्येक घरों में परिंडा बांटा जा रहा है. इसके साथ ही ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है कि प्रतिदिन परिंडों में पानी भरें. वहीं, संस्थान की ओर से पक्षियों को लिए चुग्गाघर भी बनाया गया है और पक्षियों के आश्रय के लिए नौ मंजिला घर बना हुआ है, इसमें 900 से अधिक पक्षी रह सकते है. इसके प्रत्येक मंजिल में सोलह द्वार बने हुए है, इस प्रकार से सभी मिलाकर 144 द्वार बने हैं और यह पूरी तरह से सुरक्षित है.

चितलवाना सेवा संस्थान के अध्यक्ष जगदीश गोदारा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील किया है कि बेजुबान पशु-पक्षियों की भी चिंता की जाए. हम सभी को गाय, भेड़, बकरी और अन्य मूक पशुओं की जान की भी परवाह करनी है, इसके लिए स्वयंसेवी धार्मिक संस्थाओं के लोग आगे आए और इन मूक पशु-पक्षियों के दाना-पानी की जिम्मेदारी उठाएं. इस अपील के बाद चितलवाना सेवा संस्थान ने इन पक्षियों की सुरक्षा और दाना-पानी का जिम्मा उठाया है और इस अभियान के बाद क्षेत्र के लोग भी काफी जागरूक हुए है और अपने घरों पर परिंडे लगाकर पक्षियों के दाना-पानी का संकल्प ले रहे है.

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