जालोर. जिलेभर के सभी उपखण्ड मुख्यालयों और उसके क्षेत्र के गांवों में पिछले एक सप्ताह से लगातार रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है. जिसके कारण अब ज्यादा बारिश से खरीफ की फसल में बाजरे को नुकसान होना शुरू हो गया है.
जिसके चलते किसानों ने भी खरीफ की फसल का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलवाने की मांग की है. जानकारी के अनुसार इस बार मानसून के फिर से सक्रिय होने के बाद शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भी जिले के कई इलाकों में तेज बारिश हुई.
जालोर शहर में जहां हल्की बारिश से सड़कों पर पानी बहा तो गांवों में तेज हवा के साथ बारिश से खेतों में खड़ी बाजरे की फसलों को नुकसान हुआ है. रानीवाड़ा क्षेत्र के गांवों में पक्की फसलें जमींदोज हो जाने से बर्बाद हो गई.
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वहीं आसपास के उपखण्ड क्षेत्रों में शुक्रवार को भी तेज हवा के साथ अचानक हुई तेज बारिश से सबसे ज्यादा बाजरे की फसल को नुकसान पहुंचा है. वहीं जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश से बाजरे की 80 फीसदी फसल खराब हो गई है. बारिश के साथ तेज आंधी चलने से खड़ी बाजरे की फसल गिर गई, वहीं काटी हुई बाजरे की फसल खेतों में पड़ी होने के कारण बारिश से खराब हो गई.
आधा शहर भीगा, आधा रहा सूखा
शहर में शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई बारिश के बाद शहर में दो नजारे देखने को मिले. जालोर शहर के एक भाग में बड़ी बड़ी बूंदों के साथ बारिश हो रही थी, वहीं दूसरे भाग में बारिश की एक भी बूंद नहीं पड़ी और धूप नजर आई.
शहर के हरदेव जोशी सर्कल सहित आसपास के क्षेत्र में अच्छी बारिश थी, जिसके चलते सड़कों पर पानी बहता दिखा, जबकि आहोर जाने वाले मार्ग पर लेटा रेलवे क्रॉसिंग फाटक से आगे बिल्कुल सूखा था. बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी थी.