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जैसलमेरः धोरों की धरा में बड़ा चमत्कार, जमीन से स्वतः निकल रहा पानी - भारत-पाक सीमा

जैसलमेर के पोकरण के एक गांव के एक फार्म हाउस में एक ऐसा चमत्कार देखने को मिला जिसे देख कर हर कोई चकित है. दरअसल, सरहदी जिले के इस गांव में पिछले पांच सालों से जमीन से स्वतः ही पानी निकल रहा है और ये पानी जमीन से पांच फीट तक कि ऊंचाई से तेज प्रवाह से बह रहा है.

जैसलमेर की खबर, News of Pokaran, भारत-पाक सीमा
पोकरण के गांव में जमीन से स्वतः निकल रहा पानी
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Published : Dec 2, 2019, 9:04 PM IST

पोकरण (जैसलमेर). रेत के समंदर में आपको खीप और कुचे जरूर मिल सकते हैं. लेकिन दूर दूर तक पानी का नामो निशान तक नहीं होता है. पानी की एक बोतल ही मिल जाये तो इंसान भगवान का शुक्रिया अदा करते करते नहीं थकता है. लेकिन, भारत-पाक सीमा से सटे पोकरण के टावरी वाला में एक ऐसा चमत्कार हुआ है जिसे देखते ही आप दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जायेंगे.

जी हां हम बात कर रहे है पोकरण के टावरी वाले गांव की. सरहदी जिले का ये गांव आज कल सुर्खियों में छाया हुआ है. रेत के धोरो में बसे इस गांव के एक फार्म हाउस में ऐसा चमत्कार हुआ है कि पिछले पांच सालों से जमीन से स्वतः ही पानी निकल रहा है.

पोकरण के गांव में जमीन से स्वतः निकल रहा पानी

यही नहीं यह पानी जमीन से पांच फीट तक कि ऊंचाई से तेज प्रवाह से बह रहा है. रेत के धोरो के बीच अथाह पानी का भंडार मिलने से ये चर्चा का विषय बना हुआ है. कोई इसे ईश्वरीय चमत्कार बता रहा है तो कोई इसे विलुप्त हुई सरस्वती नदी का. पानी निकलने की चर्चाओं के बाद यहां भूगर्भीय वैज्ञानिक भी पहुंचे. लेकिन, आज तक यह कोई पता नहीं लगा पाया है कि यह पानी कहा से आ रहा है.

पढ़ें- जैसलमेरः फाइलों से घिरे रहने वाले कार्मिक खेल मैदान में दिखायेगें अपनी प्रतिभा

वहीं, इसके बारे में फार्म हाउस के मालिक से बात करने पर उन्होंने बताया कि उसने पांच साल पहले यहां पर नलकूप खुदवाया था. लेकिन जमीन में थोड़ी ही खुदाई के बाद यहां पर पानी निकलना प्रारंभ हो गया है. यह पानी जमीन से स्वतः ही निकल रहा है. न तो कोई मोटर लगाने की जरूरत है न कोई इसमें यंत्र लगा हुआ है. यह पानी कहा से आ रहा है आज तक इसका कोई पता नहीं लगा पाया है. कई वैज्ञानिक भी आये लेकिन इसका आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है.

पोकरण (जैसलमेर). रेत के समंदर में आपको खीप और कुचे जरूर मिल सकते हैं. लेकिन दूर दूर तक पानी का नामो निशान तक नहीं होता है. पानी की एक बोतल ही मिल जाये तो इंसान भगवान का शुक्रिया अदा करते करते नहीं थकता है. लेकिन, भारत-पाक सीमा से सटे पोकरण के टावरी वाला में एक ऐसा चमत्कार हुआ है जिसे देखते ही आप दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जायेंगे.

जी हां हम बात कर रहे है पोकरण के टावरी वाले गांव की. सरहदी जिले का ये गांव आज कल सुर्खियों में छाया हुआ है. रेत के धोरो में बसे इस गांव के एक फार्म हाउस में ऐसा चमत्कार हुआ है कि पिछले पांच सालों से जमीन से स्वतः ही पानी निकल रहा है.

पोकरण के गांव में जमीन से स्वतः निकल रहा पानी

यही नहीं यह पानी जमीन से पांच फीट तक कि ऊंचाई से तेज प्रवाह से बह रहा है. रेत के धोरो के बीच अथाह पानी का भंडार मिलने से ये चर्चा का विषय बना हुआ है. कोई इसे ईश्वरीय चमत्कार बता रहा है तो कोई इसे विलुप्त हुई सरस्वती नदी का. पानी निकलने की चर्चाओं के बाद यहां भूगर्भीय वैज्ञानिक भी पहुंचे. लेकिन, आज तक यह कोई पता नहीं लगा पाया है कि यह पानी कहा से आ रहा है.

पढ़ें- जैसलमेरः फाइलों से घिरे रहने वाले कार्मिक खेल मैदान में दिखायेगें अपनी प्रतिभा

वहीं, इसके बारे में फार्म हाउस के मालिक से बात करने पर उन्होंने बताया कि उसने पांच साल पहले यहां पर नलकूप खुदवाया था. लेकिन जमीन में थोड़ी ही खुदाई के बाद यहां पर पानी निकलना प्रारंभ हो गया है. यह पानी जमीन से स्वतः ही निकल रहा है. न तो कोई मोटर लगाने की जरूरत है न कोई इसमें यंत्र लगा हुआ है. यह पानी कहा से आ रहा है आज तक इसका कोई पता नहीं लगा पाया है. कई वैज्ञानिक भी आये लेकिन इसका आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है.

Intro:पोकरण
धोरों की धरा में बड़ा चमत्कार
जमीन से स्वतः निकल रहा पानी
पांच फीट की ऊँचाई पर निकल रहा पानी
पानी निकलने को लेकर लोग मान रहे चमत्कार
विलुप्त होती सरस्वती नदी का मान रहे पानी
पानी निकलने का रहस्य अभी भी बरकरारBody:पोकरण
रेत के समंदर में आपको खीप व कुचे जरूर मिल सकते है । वही दूर दूर तक पानी का नामो निशान ही नही होता है । पानी की एक बोतल ही मिल जाये तो इंसान भगवान का शुक्रिया अदा करते करते नही थकता है । लेकिन भारत पाक सीमा से सटे पोकरण के टावरी वाला में एक ऐसा चमत्कार हुआ है जिसे देखते ही आप दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जायेगे।
जी है हम बात कर रहे है पोकरण के टावरी वाला गांव की । सरहदी जिले का यह गाँव आज कल सुर्खियों में छाया हुआ है । रेत के धोरो में बसे इस गाव के एक फार्म हाउस में ऐसा चमत्कार हुआ हुआ है कि पिछले पांच सालों से जमीन से स्वतः ही पानी निकल रहा है । यही नही यह पानी जमीन से पांच फीट तक कि ऊँचाई से तेज प्रवाह से बह रहा है । रेत के धोरो के बीच अथाह पानी का भंडार मिलने से चर्चा का विषय बना हुआ है । कोई इसे ईश्वरीय चमत्कार बता रहा है । तो कोई इसे विलुप्त हुई सरस्वती नदी का । पानी निकलने की चर्चाओं के बाद यहाँ भूगर्भीय वैज्ञानिक भी पहुँचे लेकिन आज तक यह कोई पता नही लगा पाया है कि यह पानी कहा से आ रहा है । इसके बारे में फार्म हाउस के मालिक से बात करने पर बताया कि उसने पांच साल पहले यहां पर नलकूप खुदवाया था । लेकिन जमीन में थोड़ी ही खुदाई के बाद यहाँ पर पानी निकलने प्रारंभ हो गया है । यह पानी जमीन से स्वतः ही निकल रहा है । न तो कोई मोटर लगाने की जरूरत है न कोई इसमें यंत्र लगा हुआ है । यह पानी कहा से आ रहा है आज तक इसका कोई पता नही लगा पाया है । कई वैज्ञानिक भी आये । लेकिन इसका आज तक कोई पता नही लगा पाया है ।
बाईट 1 स्वरूप सिंह चंपावत
फार्म हाउस मालिकConclusion:पानी निकलने का रहस्य अभी भी बरकरार है । जिससे लोग इसे ईश्वरीय चमत्कार मान रहे है ।
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