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शहीद सूबेदार गुमान सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि

सिक्किम के जेमा में सैन्य ट्रक हादसे में जैसलमेर के गुमान सिंह (Last Rites of Shahid Subedar Guman Singh) भी शहीद हो गए. रविवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव जोगा पहुंचा. जिसके बाद उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

Shahid Subedar Guman Singh of Jaisalmer
शहीद सूबेदार गुमान सिंह का पार्थिव शव पहुंचा पैतृक गांव
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Published : Dec 25, 2022, 2:16 PM IST

Updated : Dec 27, 2022, 1:21 PM IST

जैसलमेर. सिक्किम में हुए सड़क हादसे में (Sikkim Army Truck Accident) शहीद सूबेदार गुमान सिंह का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया. बड़े बेटे प्रह्लाद सिंह ने पिता को मुखाग्नि दी. इससे पहले जोगा के बेटे का पार्थिव शव तिरंगा यात्रा के जरिए पैतृक जब गांव पहुंचा तो बड़ी संख्या में ग्रामीण उमड़ पड़े. राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद, नगर परिषद जैसलमेर के सभापति हरिवल्लभ कल्ला समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की.

5 बच्चों के पिता थे गुमान सिंह: शहीद सूबेदार गुमान सिंह के पांच बच्चे हैं. 3 बेटी और 2 बेटे हैं. बड़े बेटे प्रह्लाद सिंह पर अब सबसे बड़ी जिम्मेदारी आ गई गई है. प्रह्लाद सिंह नागौर जिले के कुचामन में 11वीं क्लास में पढ़ते है. गुमान सिंह बेटे को भारतीय सेना में ऑफिसर बनाने की चाहत रखते थे.

ये भी पढ़ें: सिक्किम दुर्घटना: पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद 16 जवानों के पार्थिव शरीर घर भेजे गए

सिक्किम हादसे में मौत: सूबेदार गुमान सिंह हाल ही 5 दिन पहले जैसलमेर से छुट्टी काटकर सिक्किम गए थे. उनके परिवार में मां, पत्नी और 5 बच्चे हैं. किसान पिता के बेटे गुमान सिंह ने 27 साल पहले भारतीय सेना को ज्वॉइन किया था. वह 10 महीनों में सेना से रिटायर होने वाले थे. शहीद के 2 बड़े भाई हैं. बड़े भाई अमर सिंह फौज से रिटायर हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें: Sikkim Army Truck Accident: शहीद मनोज यादव का पार्थिव शव पहुंचा पैतृक गांव, घर में मचा कोहराम

सेना में 27 साल की नौकरी: शहीद सूबेदार गुमान सिंह ने अपनी 27 साल की नौकरी में श्रीनगर और लेह लद्दाख समेत भारत में कई जगह सेवाएं दी. हाल ही में आंध्र प्रदेश से उनको सिक्किम भेजा गया था. सिक्किम जाने से पहले वह 7 दिन के लिए परिवार से मिलने जैसलमेर आए थे.

जैसलमेर. सिक्किम में हुए सड़क हादसे में (Sikkim Army Truck Accident) शहीद सूबेदार गुमान सिंह का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया. बड़े बेटे प्रह्लाद सिंह ने पिता को मुखाग्नि दी. इससे पहले जोगा के बेटे का पार्थिव शव तिरंगा यात्रा के जरिए पैतृक जब गांव पहुंचा तो बड़ी संख्या में ग्रामीण उमड़ पड़े. राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद, नगर परिषद जैसलमेर के सभापति हरिवल्लभ कल्ला समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की.

5 बच्चों के पिता थे गुमान सिंह: शहीद सूबेदार गुमान सिंह के पांच बच्चे हैं. 3 बेटी और 2 बेटे हैं. बड़े बेटे प्रह्लाद सिंह पर अब सबसे बड़ी जिम्मेदारी आ गई गई है. प्रह्लाद सिंह नागौर जिले के कुचामन में 11वीं क्लास में पढ़ते है. गुमान सिंह बेटे को भारतीय सेना में ऑफिसर बनाने की चाहत रखते थे.

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सिक्किम हादसे में मौत: सूबेदार गुमान सिंह हाल ही 5 दिन पहले जैसलमेर से छुट्टी काटकर सिक्किम गए थे. उनके परिवार में मां, पत्नी और 5 बच्चे हैं. किसान पिता के बेटे गुमान सिंह ने 27 साल पहले भारतीय सेना को ज्वॉइन किया था. वह 10 महीनों में सेना से रिटायर होने वाले थे. शहीद के 2 बड़े भाई हैं. बड़े भाई अमर सिंह फौज से रिटायर हो चुके हैं.

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सेना में 27 साल की नौकरी: शहीद सूबेदार गुमान सिंह ने अपनी 27 साल की नौकरी में श्रीनगर और लेह लद्दाख समेत भारत में कई जगह सेवाएं दी. हाल ही में आंध्र प्रदेश से उनको सिक्किम भेजा गया था. सिक्किम जाने से पहले वह 7 दिन के लिए परिवार से मिलने जैसलमेर आए थे.

Last Updated : Dec 27, 2022, 1:21 PM IST
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