पोकरण (जैसलमेर). नगरपालिका अध्यक्ष के चुनाव के पश्चात उपाध्यक्ष का चुनाव सोमवार को हुआ. जिसमें कांग्रेस के प्रत्याशी मांगीलाल गहलोत की ओर से अपना नामांकन वापस लेने के कारण भाजपा की सजना चंदेल को निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना गया. उपाध्यक्ष चुनने के साथ ही बधाईयों का दौर शुरू हो गया.
नगरपालिका अध्यक्ष के चुनाव के पश्चात दोनों खेमों में एक बार फिर से उपाध्यक्ष की सीट को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई. भाजपा से जहां सजना चंदेल का नाम दिया गया. वहीं कांग्रेस से मांगीलाल गहलोत को सिंबल देते हुए उपाध्यक्ष पद के लिए खड़ा किया. अंतिम समय तक किस का फार्म जमा नहीं हुआ. जिसके चलते यह दोनों उपाध्यक्ष के चुनाव में खड़े रहे, लेकिन नाम वापस लेने के दौरान मांगीलाल गहलोत ने ऐनवक्त पर अपन नाम वापस ले लिया.
जातिगत समीकरण का पत्ता खेला लेकिन नहीं मिली सफलता
उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर जहां भाजपा की ओर से सजना चंदेल का नाम लिया गया. वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर से उपाध्यक्ष की सीट को लेकर जातिगत समीकरण का पत्ता खोल उपाध्यक्ष कांग्रेस की बनाने की कोशिश करने लगे. वहीं कांग्रेस के पास 11 वोट तो थे ही अन्य दो वोट माली समाज के थे. जिन्हें रिझाने की काफी कोशिश की, लेकिन भाजपा के खेमे से एक भी प्रत्याशी कांग्रेस के खेमे में नहीं गया.
अंतिम समय पर हार के डर से वापस लिया नामांकन
नगरपालिका उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस की ओर से नामांकन भरने वाले मांगीलाल गहलोत ने हार के डर से अपना नामांकन वापस लिया. कांग्रेस के पास 11 वोट थे, लेकिन अन्य प्रत्याशियों की ओर से वोट देने से मना कर देने के कारण मांगीलाल गहलोत ने हार जाने के डर से अपना नामांकन वापस ले लिया. जिसके चलते भाजपा की सजना निर्विरोध उपाध्यक्ष चुनी गई.
उपाध्यक्ष को दिलाई शपथ
सजना चंदेल के निविरोध उपध्यक्ष चुने जाने के बाद रिटर्निंग अधिकारी राजेश विश्नोई ने नगरपालिका सभागार में उन्हें उपाध्यक्ष की शपथ दिलाई. साथ ही उन्हें उपाध्यक्ष का प्रमाण पत्र सौंपा. इस दौरान महंत प्रतापपुरी महाराज, नगरपालिका अध्यक्ष मनीष पुरोहित, पूर्व विधायक शैतानसिंह राठौड़, जिला प्रमुख प्रतापसिंह, पंचायत समिति सांकड़ा प्रधान भगवतसिंह, जिला मंत्री मदनसिंह राठौड़, कंवराजसिंह चौहान सहित भाजपा के कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.
छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन
प्रदेश के जोधपुर जिले के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में गत बुधवार को सिंडिकेट की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय की जमीन को कन्वेंशन सेंटर के लिए जेडीए को देने की बात हुई थी. जहां नाराज छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला फुंका.