जैसलमेर. जिले के पोकरण क्षेत्र में लंबे समय से चल रही किसानों की बिजली समस्याओं की मांग को लेकर डिस्कॉम के अधिकारियों ने किसानों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया. इस कारण किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है. इसके बाद क्षेत्र के किसानों ने चांदसर जीएसएस पर विरोध प्रदर्शन कर डिस्कॉम के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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समाजसेवी कार्यकर्ता स्वरूप शर्मा के नेतृत्व में चांस जीसस पर किसानों द्वारा अपनी लंबे समय से चल रही समस्याओं का समाधान करने के लिए किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया है. ऐसे में अभी तक डिस्कॉम के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किसानों की लंबे समय से चल रही मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. किसानों ने चांदसर जीएसएस पर विरोध प्रदर्शन कर अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए डिस्कॉम के अधिकारियों को चेताया.
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स्वरूप शर्मा ने बताया कि चांदसर सहित आस-पास के क्षेत्र में नलकूप वाले किसानों के लंबे समय से वोल्टेज की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है. इस कारण किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि नलकूप पर आए दिन मोटर पंखा और तार जल जाते हैं. इस कारण किसानों का समय पर अपनी फसलों पर पानी नहीं पा रहा है. ऐसे में किसानों को समय पर पानी नहीं मिलने के कारण बाई हुई फसलों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. विरोध प्रदर्शन के दौरान रूपनाथ चौधरी राहुल सोनी उगम सिंह, सवाई शर्मा, खेत सिंह, झूमर लाल पटेल, हुक्माराम और जगदिश बिश्नोई सहित कई लोग उपस्थित रहे.
7 दिवसीय महिला सिलाई प्रशिक्षण शिविर की हुई शुरुआत
पोकरण क्षेत्र के चाचा गांव में उरमुल ट्रस्ट एचडीएफसी बैंक के सहयोग से संचालित एचआरडीपी परिवर्तन मरुगंधा परियोजना के तहत चाचा गांव में क्राफ्ट सेंटर पर महिला हस्तकला के तहत सिलाई उत्पाद निर्माण परिषद चल रहा है. इस संबंध में जानकारी देते हुए परियोजना के निदेशक दिनदयाल अरोड़ा ने बताया कि परियोजना के चाचा गांव में बने क्राफ्ट सेंटर में पिछले 15 सितंबर को 7 दिवसीय महिला सिलाई प्रशिक्षण को शुरू किया गया है, जिसमें कुल 11 महिलाएं सिलाई सीख रही हैं. उन्होंने बताया कि इस 7 दिवसीय महिला सिलाई प्रशिक्षण के दौरान सिलाई दक्ष प्रशिक्षक माधुुराम गोयल द्वारा बैग, लैपटॉप, कवर सेविंग, बैग, लेडीस बैग और मोबाइल कवर आदि की सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अरोड़ा ने बताया कि संस्था ने महिलाओं को पहले जो कट वर्क का काम सिखाया था. उससे अब कटवर्क के कपड़े, बैग, लैपटॉप, कवर बेडशीट, कुशन कवर, तकिया कवर और रजाई आदि की सिलाई करवाई जाएगी, जिससे महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो सकें. मरुगंधा परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है.