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श्रीराम मंदिर की नींव में रखी जाएगी धर्मिक स्थल रामदेवरा की मिट्टी

भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण में जैसलमेर की लोकप्रिय धार्मिक स्थल रामदेवरा की मिट्टी भी ली जाएगी. इसके लिए रविवार को रामदेवरा से मिट्टी, रामसरोवर तालाब का जल और भस्मी के कलश को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को सौंप दिया गया है.

Jaisalmer news, जैसलमेर समाचार
धर्मिक स्थल रामदेवरा
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Published : Jul 26, 2020, 10:48 PM IST

जैसलमेर. अयोध्या में लम्बे इंतजार के बाद बनने जा रहे भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण में लोकप्रिय धार्मिक स्थल रामदेवरा की मिट्टी को भी शामिल किया जाएगा. यह मिट्टी राम मंदिर की नींव में रखी जाएगी. रविवार को जिले के रामदेवरा से मिट्टी, रामसरोवर तालाब का जल और भस्मी के कलश को विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को भेंट किया गया, जिसको अयोध्या ले जाया जाएगा.

धर्मिक स्थल रामदेवरा

इस दौरान जगविख्यात बाबा रामदेव जी की समाधि के समक्ष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोचार के बाद श्रीराम के जयकारों के साथ इस सामग्री को रवाना किया गया. दरअसल, 5 अगस्त को अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए नींव रखी जाएगी, जिसमें प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.

सामाजिक समरसता का प्रतीक है बाबा का धाम

बाबा रामदेव जी को कलयुग के अवतारी पुरुष के नाम से जाना जाता है. जनसाधारण की आस्था के प्रतीक बाबा रामदेव जी ने अपनी समाधि, कर्मस्थली रामदेवरा (रूणीचा) को बनाया. बाबा रामदेव जी के वर्तमान मंदिर का निर्माण सन 1939 में बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने करवाया था.

पढ़ें- आधारशिला अयोध्या में और उत्साह डूंगरपुर में...दीवाली की तरह रोशनी से जगमगाएगा शहर

इस विशाल मंदिर की खास बात यहा है कि यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोग आते हैं. इसलिए बाबा रामदेव को सामाजिक समरसता का प्रतीक माना जाता है. बाबा रामदेव का मंदिर इस दृस्टि से भी अनुपम है कि यहां बाबा रामदेव की मूर्ति भी है और मजार भी. बाबा रामदेव के समाधि स्थल के पास ही स्थित ज्योत पिछले करीब 600 सालों से अनवरत जल रही है. यहां श्रद्धालु केवल आसपास के इलाकों से ही नहीं वरन गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से लाखों की संख्या में आते हैं.

जैसलमेर में भू-माफिया भी हुए सक्रिय

जैसलमेर. कोरोना संकट काल के बीच हुए लॉकडाउन में बड़ी संख्या में भू-माफिया भी सक्रिय हो गए है. शहर के मुख्य चौराहों से लेकर कॉलोनियों और कच्ची बस्तियों में इनका कब्जा है. आलम यह है कि नगर परिषद कार्यालय के 100 से 200 मीटर के दायरे में मुख्य चौराहों की जमीन तक भू-माफियाओं ने नहीं छोड़ी. रातों-रात निर्माण करवाकर इस पर विद्युत कनेक्शन तक ले लिया.

भू-माफिया भी हुए सक्रिय

पढ़ें- 'बेखौफ' हैं खनन माफिया...बॉर्डर होमगार्ड के जवान को ट्रैक्टर से रौंदा

नगर परिषद के आयुक्त फतेह सिंह मीणा से जब शहर में हो रहे अतिक्रमण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान उनकी प्राथमिकता लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाना था. ऐसे में इसका फायदा उठाकर जिन भू-माफियाओं ने अतिक्रमण किए थे, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान शहर में हुए अतिक्रमण को चिन्हित किए जाने के लिए नगर परिषद की विशेष टीम बनाई गई है, जो आगामी एक माह में इन अतिक्रमणों को चिन्हित करेगी और इसके बाद इन अतिक्रमणों को हटाने के साथ-साथ इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

जैसलमेर. अयोध्या में लम्बे इंतजार के बाद बनने जा रहे भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण में लोकप्रिय धार्मिक स्थल रामदेवरा की मिट्टी को भी शामिल किया जाएगा. यह मिट्टी राम मंदिर की नींव में रखी जाएगी. रविवार को जिले के रामदेवरा से मिट्टी, रामसरोवर तालाब का जल और भस्मी के कलश को विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को भेंट किया गया, जिसको अयोध्या ले जाया जाएगा.

धर्मिक स्थल रामदेवरा

इस दौरान जगविख्यात बाबा रामदेव जी की समाधि के समक्ष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोचार के बाद श्रीराम के जयकारों के साथ इस सामग्री को रवाना किया गया. दरअसल, 5 अगस्त को अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए नींव रखी जाएगी, जिसमें प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.

सामाजिक समरसता का प्रतीक है बाबा का धाम

बाबा रामदेव जी को कलयुग के अवतारी पुरुष के नाम से जाना जाता है. जनसाधारण की आस्था के प्रतीक बाबा रामदेव जी ने अपनी समाधि, कर्मस्थली रामदेवरा (रूणीचा) को बनाया. बाबा रामदेव जी के वर्तमान मंदिर का निर्माण सन 1939 में बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने करवाया था.

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इस विशाल मंदिर की खास बात यहा है कि यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोग आते हैं. इसलिए बाबा रामदेव को सामाजिक समरसता का प्रतीक माना जाता है. बाबा रामदेव का मंदिर इस दृस्टि से भी अनुपम है कि यहां बाबा रामदेव की मूर्ति भी है और मजार भी. बाबा रामदेव के समाधि स्थल के पास ही स्थित ज्योत पिछले करीब 600 सालों से अनवरत जल रही है. यहां श्रद्धालु केवल आसपास के इलाकों से ही नहीं वरन गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से लाखों की संख्या में आते हैं.

जैसलमेर में भू-माफिया भी हुए सक्रिय

जैसलमेर. कोरोना संकट काल के बीच हुए लॉकडाउन में बड़ी संख्या में भू-माफिया भी सक्रिय हो गए है. शहर के मुख्य चौराहों से लेकर कॉलोनियों और कच्ची बस्तियों में इनका कब्जा है. आलम यह है कि नगर परिषद कार्यालय के 100 से 200 मीटर के दायरे में मुख्य चौराहों की जमीन तक भू-माफियाओं ने नहीं छोड़ी. रातों-रात निर्माण करवाकर इस पर विद्युत कनेक्शन तक ले लिया.

भू-माफिया भी हुए सक्रिय

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नगर परिषद के आयुक्त फतेह सिंह मीणा से जब शहर में हो रहे अतिक्रमण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान उनकी प्राथमिकता लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाना था. ऐसे में इसका फायदा उठाकर जिन भू-माफियाओं ने अतिक्रमण किए थे, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान शहर में हुए अतिक्रमण को चिन्हित किए जाने के लिए नगर परिषद की विशेष टीम बनाई गई है, जो आगामी एक माह में इन अतिक्रमणों को चिन्हित करेगी और इसके बाद इन अतिक्रमणों को हटाने के साथ-साथ इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

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