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प्रताप सिंह का पायलट पर पलटवार, कहा- किसी को भी घमंड नहीं करना चाहिए - Pratap Singh Khachariwas

सचिन पायलट सहित अन्य विधायकों की घर वापसी को लेकर अब मंत्रियों के सुर बदले हुए हैं. परिवहन मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि आलाकमान और प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व ने जब फैसला कर लिया है तो अब कुछ भी कहने को नहीं रह जाता है. अब हमारी जिम्मेदारी बनती है कि अनुशासन में रहकर उस फैसले का सम्मान करें.

Pratap Singh Khachariawas talk to media
मीडिया से रूबरू हुए प्रताप सिंह खाचरियावास
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Published : Aug 12, 2020, 3:32 PM IST

जैसलमेर. सचिन पायलट सहित अन्य विधायकों की घर वापसी को लेकर परिवहन मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि आलाकमान और प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व ने जब फैसला कर लिया है तो अब कुछ भी कहने को नहीं रह जाता है. वापसी के बाद वे कांग्रेस के साथ खड़े हैं तो अब हमारी जिम्मेदारी बनती है कि अनुशासन में रहकर उस फैसले का सम्मान करें. कैबिनेट मंत्री खाचरियावास आज जयपुर लौटने से पहले जैसलमेर के सिविल एयरपोर्ट पर मीडिया से रूबरू हुए.

मीडिया से रूबरू हुए प्रताप सिंह खाचरियावास

मंत्री ने कहा कि राजनीति में कई बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं लेकिन मन को बड़ा रखकर परिस्थिति के अनुसार फैसले लिए जाते हैं. लगभग 2 महीने में पक्ष और विपक्ष को एक-दूसरे पर जितना बोलना था और बयानबाजी करनी थी वह की जा चुकी है, अब राजस्थान की जनता चाहती है कि एक स्थाई सरकार हो ताकि प्रदेश का विकास हो.

प्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा कितने भी षड्यंत्र कर ले, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होगी. मंत्री ने कहा कि इतने दिन 100 से अधिक विधायकों का एक साथ रहना और किसी भी प्रकार का गलत बयान नहीं देना, इसके पीछे कोई ईश्वरीय शक्ति ही उनके साथ थी.

यह भी पढ़ें : सचिन पायलट की घर वापसी पर कैलाश विजयवर्गीय का तंज, कहा- BJP से माफी मांगे कांग्रेस

सचिन पायलट का बयान था कि "जो शब्द मेरे लिए बोले गए उन्हें खून के घूंट पीकर मैं अंदर रखे हुए हों, जो कभी नहीं भूल सकता". इस पर मंत्री ने कहा कि भूलना भी नहीं चाहिए, क्योंकि एक पक्ष की तरफ से ऐसे शब्द तभी निकलते हैं, जब सामने वाले की तरफ से कुछ ऐसा बोला जाए. मंत्री ने कहा कि किसी को भी घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि घमंड तो रावण का भी नहीं रहा. इसलिए गलत शब्द बोलने का हक किसी को नहीं है. मंत्री ने कहा कि यदि किसी और के जरिए मैं कोई शब्द कहलाऊं और उसके बाद वह मेरे लिए कुछ बोले तो कुछ गलत नहीं है. मंत्री ने कहा कि जो हुआ उसे मन में रखना चाहिए. राजनीति कोई संतों की जमात नहीं है, सबको राजनीति करना आता है और सबको मैदान में उतर कर संघर्ष करना भी आता है.

यह भी पढ़ें : अब गुटबाजी की आग भाजपा में...जिसे बुझाने के लिए आएंगे केंद्रीय मंत्री और तीन पदाधिकारी

उन्होंने कहा कि यह राजस्थान की धरती, स्वाभिमान, शौर्य एवं बलिदान की जीत है. चाहे भाजपा कितना भी षड्यंत्र कर ले और कितनी ही एजेंसी से डरा धमका ले लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बागी विधायकों की घर वापसी के बाद आपसी कटुता के सवाल पर मंत्री ने कहा कि वह किसी के दिल की बात तो नहीं कह सकते लेकिन जब आलाकमान ने यह फैसला लिया है तो अब अब सब अच्छा होगा. आगामी विधानसभा सत्र में अशोक गहलोत के नेतृत्व में सब एकजुट होकर काम करेंगे.

यह भी पढ़ें : पायलट कैंप के विधायक बोले- हमारे नेता ने बड़ा मन रखते हुए CM पद का 'त्याग' किया

पायलट व गहलोत के बारे में पूछने पर कहा कि भाजपा को अपने लोगों से ज्यादा सचिन पायलट, अशोक गहलोत और कांग्रेस के अंदर के मामलों की जानकारी भाजपा को होती है. उन्होंने कहा कि भाजपा को अपनी पार्टी से ज्यादा कांग्रेस की चिंता है. लेकिन सच्चाई सबके सामने आ गई है.

कल रात हुई विधायक दल की बैठक में हुए हंगामे को लेकर मंत्री खाचरियावास ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. जब 19 विधायकों ने जाकर अपनी बात आलाकमान के सामने रखी तो इन 100 से अधिक विधायकों ने भी अपने मन का दर्द यहां उपस्थित दिग्गज नेताओं के सामने रखा. मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं द्वारा उन्हें जवाब देकर संतुष्ट भी किया गया.

जैसलमेर. सचिन पायलट सहित अन्य विधायकों की घर वापसी को लेकर परिवहन मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि आलाकमान और प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व ने जब फैसला कर लिया है तो अब कुछ भी कहने को नहीं रह जाता है. वापसी के बाद वे कांग्रेस के साथ खड़े हैं तो अब हमारी जिम्मेदारी बनती है कि अनुशासन में रहकर उस फैसले का सम्मान करें. कैबिनेट मंत्री खाचरियावास आज जयपुर लौटने से पहले जैसलमेर के सिविल एयरपोर्ट पर मीडिया से रूबरू हुए.

मीडिया से रूबरू हुए प्रताप सिंह खाचरियावास

मंत्री ने कहा कि राजनीति में कई बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं लेकिन मन को बड़ा रखकर परिस्थिति के अनुसार फैसले लिए जाते हैं. लगभग 2 महीने में पक्ष और विपक्ष को एक-दूसरे पर जितना बोलना था और बयानबाजी करनी थी वह की जा चुकी है, अब राजस्थान की जनता चाहती है कि एक स्थाई सरकार हो ताकि प्रदेश का विकास हो.

प्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा कितने भी षड्यंत्र कर ले, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होगी. मंत्री ने कहा कि इतने दिन 100 से अधिक विधायकों का एक साथ रहना और किसी भी प्रकार का गलत बयान नहीं देना, इसके पीछे कोई ईश्वरीय शक्ति ही उनके साथ थी.

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सचिन पायलट का बयान था कि "जो शब्द मेरे लिए बोले गए उन्हें खून के घूंट पीकर मैं अंदर रखे हुए हों, जो कभी नहीं भूल सकता". इस पर मंत्री ने कहा कि भूलना भी नहीं चाहिए, क्योंकि एक पक्ष की तरफ से ऐसे शब्द तभी निकलते हैं, जब सामने वाले की तरफ से कुछ ऐसा बोला जाए. मंत्री ने कहा कि किसी को भी घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि घमंड तो रावण का भी नहीं रहा. इसलिए गलत शब्द बोलने का हक किसी को नहीं है. मंत्री ने कहा कि यदि किसी और के जरिए मैं कोई शब्द कहलाऊं और उसके बाद वह मेरे लिए कुछ बोले तो कुछ गलत नहीं है. मंत्री ने कहा कि जो हुआ उसे मन में रखना चाहिए. राजनीति कोई संतों की जमात नहीं है, सबको राजनीति करना आता है और सबको मैदान में उतर कर संघर्ष करना भी आता है.

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उन्होंने कहा कि यह राजस्थान की धरती, स्वाभिमान, शौर्य एवं बलिदान की जीत है. चाहे भाजपा कितना भी षड्यंत्र कर ले और कितनी ही एजेंसी से डरा धमका ले लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बागी विधायकों की घर वापसी के बाद आपसी कटुता के सवाल पर मंत्री ने कहा कि वह किसी के दिल की बात तो नहीं कह सकते लेकिन जब आलाकमान ने यह फैसला लिया है तो अब अब सब अच्छा होगा. आगामी विधानसभा सत्र में अशोक गहलोत के नेतृत्व में सब एकजुट होकर काम करेंगे.

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पायलट व गहलोत के बारे में पूछने पर कहा कि भाजपा को अपने लोगों से ज्यादा सचिन पायलट, अशोक गहलोत और कांग्रेस के अंदर के मामलों की जानकारी भाजपा को होती है. उन्होंने कहा कि भाजपा को अपनी पार्टी से ज्यादा कांग्रेस की चिंता है. लेकिन सच्चाई सबके सामने आ गई है.

कल रात हुई विधायक दल की बैठक में हुए हंगामे को लेकर मंत्री खाचरियावास ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. जब 19 विधायकों ने जाकर अपनी बात आलाकमान के सामने रखी तो इन 100 से अधिक विधायकों ने भी अपने मन का दर्द यहां उपस्थित दिग्गज नेताओं के सामने रखा. मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं द्वारा उन्हें जवाब देकर संतुष्ट भी किया गया.

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