कोटपूतली (जयपुर). टिड्डियों ने कोटपूतली तहसील में भी शुक्रवार को धावा बोल दिया है. टिड्डी हमले के बाद ग्रामीणों ने अपने स्तर पर थाली-परात बजाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश की. टिड्डियों के दल ने पूरे आसमान को ढंक लिया है. बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने 25-30 साल बाद टिड्डियों का ऐसा हमला देखा है.
पाथरेड़ी, सरुंड, नारेहेड़ा, चूरी, बनेठी, रामनगर, पवाला, कीतरपुरा, फतेहपुरा, जोधपुरा-मोहनपुरा समेत इस पूरी बेल्ट में टिड्डियों का बहुत बड़ा दल देखा गया है. टिड्डियों के दल बनेठी की तरफ से आकर चिमनपुरा, खेड़ा निहालपुरा, पूरण नगर की तरफ भी पहुंचा. वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि कृषि विभाग के अधिकारी ने अभी तक कोई सुध नहीं ली है.
पूर्व सरपंच रामकरण सराधना ने बताया कि लोगों ने पुराने टायर जलाकर धुआं कर टिड्डी भगाने का प्रयास किया. साथ ही पीपे, थालियां और परातों को बजाकर टिड्डियों को उड़ाने की कोशिश की. कोटपूतली तहसील के उत्तरी इलाकों में मलपुरा, मोरदा, मोलाहेड़ा, शेखुपुर, सांगटेड़ा, खेड़की, पनियाला, बिंजाहेड़ा और केशवाना के तरफ भी टिड्डी दल देखे गए हैं.
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नारेहेड़ा सहायक कृषि केंद्र के कृषि पर्यवेक्षक रमेश मीना ने बताया कि टिड्डी दल देखे जरूर गए हैं, लेकिन फिलहाल इन्होने यहां डेरा नहीं डाला है. संभवतया रात को जहां ये दल ठहरते हैं, वहां फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है. साथ ही कोटपूतली उपखंड अधिकारी नानूराम सैनी ने बताया कि टिड्डियों से निपटने के लिए पटवारियों और ग्राम विकास अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है. दवा छिड़काव की व्यवस्था भी की गई है.
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वहीं, इस अटैक को लेकर आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री और कोटपूतली विधायक राजेंद्र सिंह यादव ने कहा है कि टिड्डियों से बचाव के लिए 30 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है. इस राशि से टिड्डियों को खत्म करने वाली मशीनें खरीदी जाएंगी. यादव ने कहा कि टिड्डियों के हमले के प्रति सरकार पूरी तरह सचेत और संवेदनशील है.
यादव ने कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया से मुलाकात कर इस राशि को स्वीकृत कराया. प्रशासन का कहना है कि टिड्डियों के निपटने के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. दूसरी तरफ BJP ने आरोप लगाया है कि टिड्डियों के दल निकल जाने के बाद कृषि विभाग लकीर पीट रहा है.