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जैसलमेर: सिंचाई पानी की मांग को लेकर किसानों ने आईजीएनपी कार्यालय के बाहर डेरा डाला

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Published : Feb 20, 2021, 9:54 AM IST

जैसलमेर के किसान पिछले कई दिनों से सिंचाई पानी की पर्याप्त मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जता रहे हैं, जहां नहरी क्षेत्र मोहनगढ़ के जीरो आरडी पर किसान पिछले 16 दिन से धरने पर और तीन दिनों से भूख हड़ताल पर है. 19 फरवरी शुक्रवार से भारी संख्या में किसान जैसलमेर स्थित इंदिरा गांधी नहर परियोजना के एडिशनल चीफ कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए.

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आईजीएनपी कार्यालय के बाहर डाला डेरा

जैसलमेर. किसान पिछले कई दिनों से सिंचाई पानी की पर्याप्त मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जता रहे हैं, जहां नहरी क्षेत्र मोहनगढ़ के जीरो आरडी पर किसान पिछले 16 दिन से धरने पर और तीन दिनों से भूख हड़ताल पर है. 19 फरवरी शुक्रवार से भारी संख्या में किसान जैसलमेर स्थित इंदिरा गांधी नहर परियोजना के एडिशनल चीफ कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए.

आईजीएनपी कार्यालय के बाहर डाला डेरा

किसानों के बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधि पहुंचे, जहां कांग्रेस जनप्रतिनिधि और पूर्व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल किसानों से धरना समाप्त करने की अपील करती दिखाई दिए, तो वहीं भाजपा जनप्रतिनिधि व जैसलमेर जिला प्रमुख प्रताप सिंह और पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी किसानों की इस मांग को लेकर उनके साथ दिखाई दिए. इस दौरान ईटीवी भारत ने किसानों के बीच पहुंचकर विशेष बातचीत की.

किसानों ने बताया कि पिछले 1 महीने से अधिक समय से नहरों में पानी नहीं है. जिसके चलते अब उनकी फसलें बर्बाद होने की कगार पर है, लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्हें हक का पानी नहीं मिल रहा है, ऐसे में मजबूरन उन्हें जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. उनका कहना है, कि उन्होंने अपना लंगर यहीं डाल दिया है और जब तक नहरों में पर्याप्त पानी नहीं आता तब तक वो यहां से नहीं हटेंगे.

यह भी पढ़ें: भारत और चीन के बीच 10वीं कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता आज!

वहीं जिला प्रमुख प्रताप सिंह ने कहा कि किसानों के पास जो भी पूंजी थी, उसे लगाकर फसलें बोई और अब उनकी लागत भी तब निकल पाएगी जब आगामी दो-तीन दिनों में ही उन्हें पानी मिल पाएगा अन्यथा पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे, क्योंकि पिछले वर्ष जहां टिड्डियों ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी थी, तो इस वर्ष पानी की कमी के चलते यह बर्बाद होने की कगार पर है.

जैसलमेर. किसान पिछले कई दिनों से सिंचाई पानी की पर्याप्त मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जता रहे हैं, जहां नहरी क्षेत्र मोहनगढ़ के जीरो आरडी पर किसान पिछले 16 दिन से धरने पर और तीन दिनों से भूख हड़ताल पर है. 19 फरवरी शुक्रवार से भारी संख्या में किसान जैसलमेर स्थित इंदिरा गांधी नहर परियोजना के एडिशनल चीफ कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए.

आईजीएनपी कार्यालय के बाहर डाला डेरा

किसानों के बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधि पहुंचे, जहां कांग्रेस जनप्रतिनिधि और पूर्व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल किसानों से धरना समाप्त करने की अपील करती दिखाई दिए, तो वहीं भाजपा जनप्रतिनिधि व जैसलमेर जिला प्रमुख प्रताप सिंह और पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी किसानों की इस मांग को लेकर उनके साथ दिखाई दिए. इस दौरान ईटीवी भारत ने किसानों के बीच पहुंचकर विशेष बातचीत की.

किसानों ने बताया कि पिछले 1 महीने से अधिक समय से नहरों में पानी नहीं है. जिसके चलते अब उनकी फसलें बर्बाद होने की कगार पर है, लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्हें हक का पानी नहीं मिल रहा है, ऐसे में मजबूरन उन्हें जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. उनका कहना है, कि उन्होंने अपना लंगर यहीं डाल दिया है और जब तक नहरों में पर्याप्त पानी नहीं आता तब तक वो यहां से नहीं हटेंगे.

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वहीं जिला प्रमुख प्रताप सिंह ने कहा कि किसानों के पास जो भी पूंजी थी, उसे लगाकर फसलें बोई और अब उनकी लागत भी तब निकल पाएगी जब आगामी दो-तीन दिनों में ही उन्हें पानी मिल पाएगा अन्यथा पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे, क्योंकि पिछले वर्ष जहां टिड्डियों ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी थी, तो इस वर्ष पानी की कमी के चलते यह बर्बाद होने की कगार पर है.

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