जैसलमेर. जिले के कई क्षेत्रों में 200 से ज्यादा लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए. जिन्हें इसके बाद राजकीय जवाहिर चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है. दूसरी तरफ एफडीए ने राज्य भर में छापेमारी शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में जोधपुर जिले में मंडोर मंडी स्थित गोरांश ईंटरप्राइजेज के खिलाफ कार्रवाई की. यहां से 3298 किलो मनपसंद भगर गोरांश ईंटरप्राइजेज से मिला है. इसके बाद नासिक से माल जाकर सप्लाई करने वाले अनुराग को जोधपुर से पकड़ा गया है.
जानकारी के अनुसार व्रत में खाने की सामग्री भगर को खाने के बाद लोगों को जी घबराना उल्टी थकावट पेटदर्द जैसी समस्याएं होने लगी जिसके बाद सभी को जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय जवाहिर चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है. बड़ी संख्या में लोगों के अस्पताल में भर्ती होने से सभी बेड फुल हो गए. साथ ही जैसलमेर, जोधपुर सहित अन्य जिलों में एफडीए ने छापेमारी शुरू कर इस प्रकार का माल बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
दरअसल, बुधवार देर शाम से इक्का दुक्का मरीजों का अस्पताल पहुंचना शुरू हुआ था. लेकिन देर रात तक जिले भर से फूड पॉइजनिंग के करीब 200 से ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंच गए, जिसके बाद अस्पताल के सभी बैड फुल नजर आए. लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने से अफरा-तफरी का माहौल नजर आया. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती देख अस्पताल के ट्रॉमा के पास वाला कोरोना का वार्ड भी फूड पॉइजनिंग के मरीजों के लिए खोला गया है.
एफडीए ने शुरू की कार्रवाई : खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि जैसलमेर भी सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन अब तक किसी भी दुकान और होलसेलर के यहां मनपसंद ब्रांड का माल बरामद नहीं हुआ. ऐसे में टीम को शक है कि फूड पॉइजनिंग के मामले आने के बाद सभी ने इस ब्रांड का माल अपनी दुकानों-गोदामों से हटा लिया है. अब फूड सेफ्टी की टीम विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों की किराना दुकानों पर दबिश देकर माल पकड़ने के प्रयास कर रही है. वहीं, जिला प्रशासन और पुलिस समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अस्पताल पहुंचे. प्रशासन ने सभी को फिलहाल इस ब्रांड का सौंख नहीं खाने की अपील की है.
अस्पताल में मरीजों को देख रहे डॉक्टर रेवताराम ने बताया कि इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं है कोई भी पेशेंट सीरियस नहीं है. सभी को उल्टी, चक्कर आना जैसे लक्षण है. सभी को एडमिट किया गया है और इनका इलाज जारी है.