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शहीदों के परिजनों ने उपखण्ड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, ये हैं मांग

जैसलमेर में मंगलवार को शहीद सैनिकों के परिजनों ने उपखण्ड अधिकारी राजेश विश्नोई को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने देश की सेवा करते हुए सीमा पर शहीद सैनिकों के परिजनों को नौकरी और आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की.

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Published : Mar 9, 2021, 8:32 PM IST

Martyrs families submitted memo, उपखंड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
शहीदों के परिजनों ने सौंपा ज्ञापन

पोकरण (जैसलमेर). देश की सेवा करते हुए सीमा पर शहीद सैनिकों के परिजनों को नौकरी और आर्थिक सहायता दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को शहीद के परिजनों ने उपखण्ड अधिकारी राजेश विश्नोई को ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन देने वालों में सुजान सिंह गुड्डी ने बताया कि देश की रक्षा के खातिर सीने पर गोली खाकर शहीद हुए वीर सपूतों के परिवार वर्षों से अपने हक के लिए लड़ रहे हैं, उन्हें अनुकंपा नियुक्ति के तहत मिलने वाली नौकरी का लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पिछली सरकार द्वारा 1947 से 1970 तक शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को रक्त संबंध नियमों के तहत शामिल करके अनुकम्पा नौकरी देने का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने कहा कि सन 1971 के युद्ध में राजस्थान के करीब 547 से अधिक सैनिक शहीद हुए थे, लेकिन 65 के करीब शहीद आश्रितों को ही अनुकम्पा नौकरी मिली है. इसके साथ ही युद्ध में शहीद हुए अधिकांश सैनिक अविवाहित या फिर उनके बच्चे नहीं थे, ऐसे में माता-पिता या उसकी पत्नी को नौकरी देने का प्रावधान था, लेकिन उस समय शिक्षा का स्तर बहुत कमजोर होने के चलते नौकरी नहीं मिल पाई है.

पढ़ें- गणेश घोघरा ने सदन में कहा- हम आदिवासी खुद को हिंदू नहीं मानते हैं, हमारे ऊपर हिंदू धर्म थोपा जा रहा है

ऐसे में सरकार जल्द प्रावधान लाकर इन परिवारों को नौकरी दिलाएं इस दौरान ज्ञापन देने वालों में सांगसिंह, आसकन्द्रा, स्वरुप सिंह, बाबुराम बारुपाल थाट, नेपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, सुरेश दान सहित कई युवा उपस्थित थे.

पोकरण (जैसलमेर). देश की सेवा करते हुए सीमा पर शहीद सैनिकों के परिजनों को नौकरी और आर्थिक सहायता दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को शहीद के परिजनों ने उपखण्ड अधिकारी राजेश विश्नोई को ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन देने वालों में सुजान सिंह गुड्डी ने बताया कि देश की रक्षा के खातिर सीने पर गोली खाकर शहीद हुए वीर सपूतों के परिवार वर्षों से अपने हक के लिए लड़ रहे हैं, उन्हें अनुकंपा नियुक्ति के तहत मिलने वाली नौकरी का लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पिछली सरकार द्वारा 1947 से 1970 तक शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को रक्त संबंध नियमों के तहत शामिल करके अनुकम्पा नौकरी देने का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने कहा कि सन 1971 के युद्ध में राजस्थान के करीब 547 से अधिक सैनिक शहीद हुए थे, लेकिन 65 के करीब शहीद आश्रितों को ही अनुकम्पा नौकरी मिली है. इसके साथ ही युद्ध में शहीद हुए अधिकांश सैनिक अविवाहित या फिर उनके बच्चे नहीं थे, ऐसे में माता-पिता या उसकी पत्नी को नौकरी देने का प्रावधान था, लेकिन उस समय शिक्षा का स्तर बहुत कमजोर होने के चलते नौकरी नहीं मिल पाई है.

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ऐसे में सरकार जल्द प्रावधान लाकर इन परिवारों को नौकरी दिलाएं इस दौरान ज्ञापन देने वालों में सांगसिंह, आसकन्द्रा, स्वरुप सिंह, बाबुराम बारुपाल थाट, नेपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, सुरेश दान सहित कई युवा उपस्थित थे.

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