जैसलमेर. प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे में हर दिन नया मोड़ देखने को मिल रहा है. अशोक गहलोत ने अपनी हुकूमत पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए अपने सभी विधायकों को जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट किया है. जैसलमेर के सूर्यगढ़ होटल में ही विधायकों को ईद-उल-जुहा का त्योहार मनाया था. वहीं आज यानी 3 अगस्त को रक्षाबंधन भी विधायकों ने बाड़ेबंदी के दौरान ही मनाया. होटल में ही कई विधायकों की बहनें पहुंची, तो कई महिला विधायकों ने अन्य विधायकों को भी राखी बांधी. वहीं होटल से बाहर निकले बीडी कल्ला ने ईटीवी भारत से खास बात की.
मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि विधायक और मंत्री बाड़ेबंदी में नहीं हैं, बल्कि यह एक पॉलिटिकल ट्रेनिंग है. जो राज्यसभा के बाद अभी फिर से हो रही है. इससे विधायकों का विधानसभा के पटल पर प्रदर्शन और अधिक बेहतर हो सकेगा. मंत्री ने विधायकों के घर से दूर राखी पर कहा कि राजनेताओं का जीवन सार्वजनिक होता है और शायराना अंदाज में मंत्री ने कहा 'हम अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जिए दिल जमाने के लिए.'
उन्होंने कहा ''हम जहां भी रहते हैं, वहीं सभी लोगों के साथ पर्व मनाते हैं. मैंने भी राखी बंधवा कर रक्षाबंधन का पर्व मनाया है और अन्य कई विधायक और मंत्री भी रक्षाबंधन पर्व मना रहे हैं.'' मंत्री ने इस दौरान कहा कि सरकार के काम रोजाना हो रहे हैं. जब सभी विधायक और मंत्री 31 जुलाई को जैसलमेर पहुंचे थे, तब तक वो अपने सभी काम निपटा कर यहां आए थे और उसके बाद भी यहां से तकनीकी माध्यमों से अपने काम संपादित कर रहे हैं और अभी फिलहाल एक भी फाइल पेंडिंग नहीं है.
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गौरतलब है कि कल मंत्री बी.डी. कल्ला के विभाग से 37 फाइलें जैसलमेर आई थी, जिनका निस्तारण उनके द्वारा किया गया था. कल्ला ने कहा कि जैसलमेर आने से पहले उन्होंने लगभग 375 करोड़ रुपए की लागत के जल जीवन मिशन के कार्य स्वीकृत करके आए हैं और वापस जाने पर कई अन्य कार्य भी किए जाएंगे. वहीं मंत्री ने इस दौरान बीजेपी द्वारा सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे अभियान बाड़ेबंदी में सरकार पर कहा "वे तो यहां पॉलिटिकल ट्रेनिंग के लिए आए हुए हैं, लेकिन बीजेपी चोखी ढाणी में क्या कर रही थी."