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जिले में संभावित टिड्डी दलों के आक्रमण को देखते हुए जिला कलेक्टर ने विभिन्न विभागों को जारी किया अलर्ट - राजस्थान में टिड्डी हमला

संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ ए ओ) ने मई माह के अंत में या जून माह के प्रारंभ तक पाकिस्तान से टिड्डी दलों के आक्रमण के प्रकोप की संभावनाएं व्यक्त की हैं. जिसको लेकर बुधवार को जिला कलेक्टर ने विभिन्न अधिकारियों को आपस में समन्वय और संपर्क बनाने के आदेश दिए हैं. साथ ही कलेक्टर ने विभागों को अलर्ट भी जारी कर दिया है.

जैसलमेर न्यूज, जैसलमेर में टिड्डी हमला, Locust attack in Jaisalmer
संभावित टिड्डी दलों के आक्रमण को लेकर जिले में जारी हुआ अलर्ट
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Published : May 19, 2021, 6:12 PM IST

जैसलमेर. संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ ए ओ) की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार मई माह के अंत में या जून माह के प्रारंभ तक पाकिस्तान से टिड्डी दलों के आक्रमण के प्रकोप की संभावनाएं हैं. इसी के मद्देनजर जिले की ओर संभावित टिड्डी दलों के आगमन को लेकर जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने एक आदेश जारी किया है.

जिसमें उन्होंने टिड्डी नियंत्रण अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारियों, राजस्व विभाग के अधिकारियों और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों सहित अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे आपस में समन्वय और संपर्क बनाते हुए टिड्डियों से संबंधित सूचनाओं को त्वरित गति से संप्रेषित कर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें.

जिला कलेक्टर मोदी की ओर से जारी आदेश के अनुसार टिड्डी नियंत्रण यूनिट जैसलमेर को निर्देशित किया गया है कि वे जिले में टिड्डी दलों के संभावित आगमन की सूचना तत्काल ही जिला/उपजिला स्तर के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर सूचनाओं का संप्रेषण करेंगे. इसके साथ ही कम से कम 10 आधुनिक स्प्रेयर राजकीय नियंत्रण मय वाहन, तकनीकी स्टाफ के साथ ही पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक (मेलाथियोन 96%) एलओसी यूनिट जैसलमेर में सदैव तैयार रहेंगे.

पढ़ें- राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया

इसके साथ ही वे टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर/फरीदाबाद मुख्यालय पर सक्षम स्तर से यूनिट की आवश्यकतानुसार संसाधनों की अग्रिम व्यवस्था सुनिश्चित भी करेंगे. साथ ही वे अपने विभाग में जिला स्तरीय टिड्डी नियंत्रण कक्ष को भी सुचारू रूप से संचालित करेंगे. टिड्डी नियंत्रण विभाग के अतिरिक्त कृषि विभाग के अधिकारियों, उपखंड तहसीलदारों के साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र जैसलमेर के अधिकारियों, उपवन संरक्षक वन विभाग को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्रों में टिड्डी दलों के आक्रमण की स्थिति में उसकी सूचना तुरंत संबंधित विभाग को पहुंचाएंगे ताकि नियंत्रण कार्य जल्द शुरू किया जा सके.

गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तान से आई टिड्डियों ने जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के किसानों की करोड़ों की फसलों को खराब किया था. वहीं टिड्डियों के आक्रमण के बाद हुए खराबे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जैसलमेर के नहरी क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे थे. ऐसे में इस बार फिर किसानों को इन टिड्डियों के आगमन से नुकसान होने की संभावनाएं हैं लेकिन जिला प्रशासन इस बार इस नुकसान को कम करने के लिए पहले से ही तैयारियों में जुटा है.

जैसलमेर. संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ ए ओ) की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार मई माह के अंत में या जून माह के प्रारंभ तक पाकिस्तान से टिड्डी दलों के आक्रमण के प्रकोप की संभावनाएं हैं. इसी के मद्देनजर जिले की ओर संभावित टिड्डी दलों के आगमन को लेकर जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने एक आदेश जारी किया है.

जिसमें उन्होंने टिड्डी नियंत्रण अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारियों, राजस्व विभाग के अधिकारियों और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों सहित अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे आपस में समन्वय और संपर्क बनाते हुए टिड्डियों से संबंधित सूचनाओं को त्वरित गति से संप्रेषित कर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें.

जिला कलेक्टर मोदी की ओर से जारी आदेश के अनुसार टिड्डी नियंत्रण यूनिट जैसलमेर को निर्देशित किया गया है कि वे जिले में टिड्डी दलों के संभावित आगमन की सूचना तत्काल ही जिला/उपजिला स्तर के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर सूचनाओं का संप्रेषण करेंगे. इसके साथ ही कम से कम 10 आधुनिक स्प्रेयर राजकीय नियंत्रण मय वाहन, तकनीकी स्टाफ के साथ ही पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक (मेलाथियोन 96%) एलओसी यूनिट जैसलमेर में सदैव तैयार रहेंगे.

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इसके साथ ही वे टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर/फरीदाबाद मुख्यालय पर सक्षम स्तर से यूनिट की आवश्यकतानुसार संसाधनों की अग्रिम व्यवस्था सुनिश्चित भी करेंगे. साथ ही वे अपने विभाग में जिला स्तरीय टिड्डी नियंत्रण कक्ष को भी सुचारू रूप से संचालित करेंगे. टिड्डी नियंत्रण विभाग के अतिरिक्त कृषि विभाग के अधिकारियों, उपखंड तहसीलदारों के साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र जैसलमेर के अधिकारियों, उपवन संरक्षक वन विभाग को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्रों में टिड्डी दलों के आक्रमण की स्थिति में उसकी सूचना तुरंत संबंधित विभाग को पहुंचाएंगे ताकि नियंत्रण कार्य जल्द शुरू किया जा सके.

गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तान से आई टिड्डियों ने जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के किसानों की करोड़ों की फसलों को खराब किया था. वहीं टिड्डियों के आक्रमण के बाद हुए खराबे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जैसलमेर के नहरी क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे थे. ऐसे में इस बार फिर किसानों को इन टिड्डियों के आगमन से नुकसान होने की संभावनाएं हैं लेकिन जिला प्रशासन इस बार इस नुकसान को कम करने के लिए पहले से ही तैयारियों में जुटा है.

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