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पॉक्सो मामलों में प्रभावी पैरवी को लेकर कार्यशाला का आयोजन, सरकारी वकीलों ने जानी पैरवी की बारीकियां - Jaipur court news

राजधानी जयपुर में विधि व विधिक कार्य विभाग की ओर से पॉक्सो मामलों में प्रभावी पैरवी को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य की सभी पॉक्सो कोर्ट में तैनात विशेष लोक अभियोजक शामिल हुए.

Workshop on effective advocacy in POCSO cases
Workshop on effective advocacy in POCSO cases
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Published : Aug 12, 2023, 6:20 PM IST

जयपुर. विधि व विधिक कार्य विभाग की ओर से शनिवार को पॉक्सो मामलों में प्रभावी पैरवी को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश की सभी पॉक्सो कोर्ट में तैनात विशेष लोक अभियोजक शामिल हुए. कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख विधि सचिव ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने बताया कि सुनवाई के दौरान किस तरह से एफएसएल रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट और मेडिकल रिपोर्ट को एक साथ पेश कर संबंधित गवाह के बयान दर्ज कराए जाएं, ताकि उसमें मेडिकल पक्ष की सभी साक्ष्य एक साथ आ जाए.

वहीं, सरकारी वकीलों को यह भी बताया गया कि पैरवी के दौरान उनसे किस तरह की गलती होती है और उसे किस तरह से दूर किया जा सकता है. कार्यशाला को संबोधित करते हुए विशिष्ट सचिव गिरिजेश ओझा ने बताया कि नाबालिग से दुष्कर्म के कई मामलों में सुनवाई के दौरान पीड़िता की उम्र निर्धारण नहीं हो पाने के कारण आरोपी बरी हो जाते हैं. ऐसे में पीड़िता की उम्र संबंधी साक्ष्य किस तरह से एकत्र किए जाए कि बचाव पक्ष उनका काट न निकाल सके.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान में बढ़ रहा है मासूमों का शोषण...POCSO ACT प्रकरणों में लगातार हो रही बढ़ोतरी

ओझा ने आगे बताया कि उम्र दर्शाने के लिए आधार कार्ड पेश किए जाते हैं, लेकिन कई मामलों में आधार कार्ड बनवाते समय सही जानकारी नहीं दी जाती. ऐसे में पीड़िता की उम्र का निर्धारण करने लिए कक्षा दसवीं की अंकतालिका और प्रथम पाठशाला का रिकॉर्ड पेश किया जाना चाहिए. कार्यशाला में एफएसएल रिपोर्ट, मेडिकल साक्ष्य, प्री-ट्रायल और पुलिस व अभियोजन पक्ष के बीच समन्वय को लेकर भी विशेषज्ञों ने जानकारी दी. इस दौरान विशेष लोक अभियोजकों ने विशेषज्ञों से सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की. कार्यशाला के दौरान सबसे ज्यादा मुकदमों में सजा दिलाने वाले विशेष लोक अभियोजकों का सम्मान भी किया गया. इसमें पहला स्थान जयपुर जिले की एसपीपी विजया पारीक ने प्राप्त किया.

जयपुर. विधि व विधिक कार्य विभाग की ओर से शनिवार को पॉक्सो मामलों में प्रभावी पैरवी को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश की सभी पॉक्सो कोर्ट में तैनात विशेष लोक अभियोजक शामिल हुए. कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख विधि सचिव ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने बताया कि सुनवाई के दौरान किस तरह से एफएसएल रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट और मेडिकल रिपोर्ट को एक साथ पेश कर संबंधित गवाह के बयान दर्ज कराए जाएं, ताकि उसमें मेडिकल पक्ष की सभी साक्ष्य एक साथ आ जाए.

वहीं, सरकारी वकीलों को यह भी बताया गया कि पैरवी के दौरान उनसे किस तरह की गलती होती है और उसे किस तरह से दूर किया जा सकता है. कार्यशाला को संबोधित करते हुए विशिष्ट सचिव गिरिजेश ओझा ने बताया कि नाबालिग से दुष्कर्म के कई मामलों में सुनवाई के दौरान पीड़िता की उम्र निर्धारण नहीं हो पाने के कारण आरोपी बरी हो जाते हैं. ऐसे में पीड़िता की उम्र संबंधी साक्ष्य किस तरह से एकत्र किए जाए कि बचाव पक्ष उनका काट न निकाल सके.

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ओझा ने आगे बताया कि उम्र दर्शाने के लिए आधार कार्ड पेश किए जाते हैं, लेकिन कई मामलों में आधार कार्ड बनवाते समय सही जानकारी नहीं दी जाती. ऐसे में पीड़िता की उम्र का निर्धारण करने लिए कक्षा दसवीं की अंकतालिका और प्रथम पाठशाला का रिकॉर्ड पेश किया जाना चाहिए. कार्यशाला में एफएसएल रिपोर्ट, मेडिकल साक्ष्य, प्री-ट्रायल और पुलिस व अभियोजन पक्ष के बीच समन्वय को लेकर भी विशेषज्ञों ने जानकारी दी. इस दौरान विशेष लोक अभियोजकों ने विशेषज्ञों से सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की. कार्यशाला के दौरान सबसे ज्यादा मुकदमों में सजा दिलाने वाले विशेष लोक अभियोजकों का सम्मान भी किया गया. इसमें पहला स्थान जयपुर जिले की एसपीपी विजया पारीक ने प्राप्त किया.

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