जयपुर. टोंक रोड पर 14 साल पहले कार दुर्घटना में छात्रा की मौत के मामले में आरोपी पूर्व राजमाता गायत्री देवी के पोते विजित सिंह शनिवार को महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-7 कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से दुर्घटना के चश्मदीद गवाह आफताब अहमद के बयान दर्ज कराए गए.
बयानों में आफताब अहमद ने आरोपी विजित सिंह को देखकर कहा कि वह उन्हें नहीं पहचानता और पहली बार आज कोर्ट में ही देखा है. उसने कहा कि उसने कोई घटना भी नहीं देखी और जिस दिन यह घटना होना बताया गया है उस दिन में घर पर ही था. अदालत ने गवाह के बयान रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की सुनवाई 4 मार्च को तय की है. प्रकरण में अभियोजन के कुल 25 गवाह हैं. इनमें से अब तक दो गवाहों के ही बयान दर्ज हुए हैं.
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मामले के अनुसार कोटा की कॉलेज व्याख्याता ने 16 दिसंबर 2008 को दुर्घटना थाना पूर्व में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि 14 दिसंबर 2008 को कॉलेज के टूर के लिए स्टूडेंट्स को कोटा से जयपुर लाया गया था. विद्यार्थियों का दल 15 दिसंबर को गांधीनगर, टोंक रोड स्थित रेस्तरां से बाहर निकल कर रोड पार कर रहा था. इसी दौरान रात 10.45 बजे काले रंग की गाड़ी ने आगे चल रही बबिता, गौरी, मनिंदर कौर, शैफाली व मुकेश को जोरदार टक्कर मारी और वहां से भाग गया. घायलों को अस्पताल लाया गया जहां बबिता की मौत हो गई. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने विजित सिंह को गिरफ्तार किया था.