जयपुर. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ ने सोमवार को स्वर्ण आरक्षण को लेकर सरकार को खुली चेतावनी दी. उनका कहना था कि सवर्ण आरक्षण सरकार गुजरात मॉडल पर लागू करें और जमीन जायदाद की शर्त को हटाए. ऐसा नहीं करने पर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना उग्र आंदोलन करेगी. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के सदस्य अपनी मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे लेकिन सदस्यों को सहकार भवन के पास ही रोक लिया गया.
करणी सेना और अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के कार्यकर्ता विद्याधर नगर स्थित भैरों सिंह शेखावत की समाधि स्थल पहुंचे और भैरो सिंह शेखावत को श्रद्धांजलि देकर वहां से पैदल रवाना हुए. यह पैदल रैली शहर के अलग अलग रास्तों से होती हुई 22 गोदाम सर्किल पहुंची, जहां करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस भी मौजूद था.
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि केंद्र की ओर से 10% सवर्णों को आरक्षण गुजरात मॉडल पर लागू होना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से 10% सवर्णों को आरक्षण दिया गया, उसमें कई सारी विसंगतियां हैं. सरकार को जमीन, प्लॉट और मकान की जो शर्त लगाई है, उसे हटा देना चाहिए. दिल्ली-मुंबई हरियाणा में आधा बीघा और राजस्थान का 1000 बीघा बराबर है.
उन्होंने यह भी कहा कि गुर्जरों सवर्णों को जब एक ही दिन आरक्षण दिया गया था, गुर्जरों को तो चालू भर्ती में आरक्षण दे दिया गया, लेकिन सवर्णों को चालू भर्ती में आरक्षण नहीं दिया. गुर्जरों के लिए 25000 पद अलग से तय किए गए हैं.,यह दोहरी नीति नहीं चलने देंगे. गोगामेडी ने कहा कि चालू आरक्षण में भी हमें छूट चाहिए और उम्र में भी. गोगामेडी ने कहा कि अगर सरकार इन विसंगतियों को दूर नहीं करती है तो एक बार फिर वही उग्र आंदोलन होगा, जिसके लिए करनी सेना बदनाम है.
बता दें, गुजरात में स्वर्णो के आरक्षण के लिए जो आरक्षण लागू किया गया है, उसमें 8 लाख की वार्षिक आय की शर्त जोड़ी गई है. यदि कोई आठ लाख से ज्यादा की वार्षिक आय रखता है, तो उसे आरक्षण नहीं मिलेगा और उससे कम होने पर उसे आरक्षण मिलेगा. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित पंकज जोशी ने कहा ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 100 गज का प्लॉट होने की शर्त रखी गई है, जबकि हकीकत यह है कि अगर एक कच्ची बस्ती में भी सरकार प्लॉट देती है, तो वह 108 गज का दिया जाता है. पंकज जोशी ने कहा कम से कम सरकार को 200 गज का प्लॉट की शर्त रखनी चाहिए थी. जोशी ने कहा कि लगता है सरकार को आरक्षण देना ही नहीं है, इसलिए वे यह शर्त जोड़ रही है.