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रबी सीजन के लिए पर्याप्त यूरिया और डीएपी उपलब्ध, जानिए इस महीने की आपूर्ति और उपलब्धता के आंकड़े - रबी सीजन के लिए पर्याप्त यूरिया और डीएपी

प्रदेश में रबी सीजन के लिए यूरिया और डीएपी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है. यह कहना कृषि विभाग के आयुक्त कानाराम का. उनका दावा है कि अक्टूबर में अब तक 1.67 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 1.09 लाख मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी है. वहीं, राज्य में 1.31 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 56 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध (Urea and DAP availability in Rajasthan) है.

Urea and DAP availability in Rajasthan for sowing Rabi crops, check the present status
रबी सीजन के लिए पर्याप्त यूरिया और डीएपी उपलब्ध, जानिए इस महीने की आपूर्ति और उपलब्धता के आंकड़े
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Published : Oct 19, 2022, 7:07 PM IST

जयपुर. यूरिया और डीएपी की कमी को लेकर चल रही खबरों के बीच राज्य में रबी फसलों के लिए किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. यह दावा प्रदेश के कृषि विभाग की ओर से किया जा रहा है.

अक्टूबर माह में अब तक 1.67 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 1.09 लाख मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी है. वर्तमान में राज्य में 1.31 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 56 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध (Urea and DAP availability in Rajasthan) है. कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि रबी सीजन के लिए 14.50 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 4.50 लाख मैट्रिक टन डीएपी की मांग केन्द्र सरकार की ओर से स्वीकृत की गई है.

पढ़ें: डीएपी और यूरिया की कमी से रबी की फसल की बुवाई हो रही है प्रभावित : सांसद भागीरथ चौधरी

अक्टूबर महीने में 4.50 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 2 लाख मैट्रिक टन डीएपी की मांग के विरूद्ध अब तक 1.67 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 1.09 लाख मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी है. 2.83 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 91 हजार मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति होना अपेक्षित है, जो लगातार जारी है. उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में 1.31 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 56 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है. किसानों को मांग अनुसार उर्वरक उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

पढ़ें: खाद-बीज भंडार पर छापा, 200 डीएपी के बैग किए बरामद, लाइसेंस किया रद्द

उन्होंने बताया कि उर्वरकों की निरन्तर आपूर्ति जारी है. ऐसे में किसान जरूरत के मुताबिक ही उर्वरक खरीदें. अग्रिम खरीददारी कर अनावश्यक भण्डारण नहीं करें. आयुक्त कानाराम ने बताया कि इस साल खरीफ सीजन में भी मांग के मुताबिक पर्याप्त आपूर्ति की गई थी. खरीफ में 8.50 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 4.40 लाख मैट्रिक टन डीएपी की मांग के विरूद्ध 8.92 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 4.94 लाख मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की गई थी.

पढ़ें: कम पानी में करें सरसों की बुआई, DAP की जगह SSP व यूरिया का करें उपयोग-कृषि उपनिदेशक

उर्वरक कालाबाजारी रोकथाम के लिए कार्रवाई: कानाराम ने बताया कि राज्य में उर्वरकों की गुणवता सुनिश्चित करने तथा कालाबाजारी एवं गैर कृषि उपयोग की रोकथाम के लिए विभाग की ओर से निरन्तर कार्रवाई की जा रही (Action against black marketing of fertilizers) है. इसके लिए आयुक्तालय स्तर से टीमें गठित कर जिलों में भिजवायी गई हैं. टीमों ने सितम्बर एवं अक्टूबर महीने में विभिन्न उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध 23 विक्रय रोक, 11 जब्ती, 10 लाईसेंस निलम्बन, 1 लाईसेंस निरस्त, 7 एफआईआर एवं 77 पर अन्य कार्रवाई की है.

राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना: उर्वरक, यूरिया और डीएपी की कालाबाजारी एवं अवैध बिक्री की रोकथाम के लिए कृषि आयुक्तालय में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है. नियंत्रण कक्ष सुबह 9ः30 बजे से सायं 6ः30 बजे तक खुला रहेगा. जिस पर किसान उर्वरकों की कालाबाजारी, नकली खाद से सम्बन्धित व अन्य शिकायत कर सकते हैं. कन्ट्रोल रूम के नम्बर 0141-2227674 विभाग की ओर से जारी किए हैं. इन पर सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी.

जयपुर. यूरिया और डीएपी की कमी को लेकर चल रही खबरों के बीच राज्य में रबी फसलों के लिए किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. यह दावा प्रदेश के कृषि विभाग की ओर से किया जा रहा है.

अक्टूबर माह में अब तक 1.67 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 1.09 लाख मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी है. वर्तमान में राज्य में 1.31 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 56 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध (Urea and DAP availability in Rajasthan) है. कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि रबी सीजन के लिए 14.50 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 4.50 लाख मैट्रिक टन डीएपी की मांग केन्द्र सरकार की ओर से स्वीकृत की गई है.

पढ़ें: डीएपी और यूरिया की कमी से रबी की फसल की बुवाई हो रही है प्रभावित : सांसद भागीरथ चौधरी

अक्टूबर महीने में 4.50 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 2 लाख मैट्रिक टन डीएपी की मांग के विरूद्ध अब तक 1.67 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 1.09 लाख मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी है. 2.83 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 91 हजार मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति होना अपेक्षित है, जो लगातार जारी है. उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में 1.31 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 56 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है. किसानों को मांग अनुसार उर्वरक उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि उर्वरकों की निरन्तर आपूर्ति जारी है. ऐसे में किसान जरूरत के मुताबिक ही उर्वरक खरीदें. अग्रिम खरीददारी कर अनावश्यक भण्डारण नहीं करें. आयुक्त कानाराम ने बताया कि इस साल खरीफ सीजन में भी मांग के मुताबिक पर्याप्त आपूर्ति की गई थी. खरीफ में 8.50 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 4.40 लाख मैट्रिक टन डीएपी की मांग के विरूद्ध 8.92 लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं 4.94 लाख मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की गई थी.

पढ़ें: कम पानी में करें सरसों की बुआई, DAP की जगह SSP व यूरिया का करें उपयोग-कृषि उपनिदेशक

उर्वरक कालाबाजारी रोकथाम के लिए कार्रवाई: कानाराम ने बताया कि राज्य में उर्वरकों की गुणवता सुनिश्चित करने तथा कालाबाजारी एवं गैर कृषि उपयोग की रोकथाम के लिए विभाग की ओर से निरन्तर कार्रवाई की जा रही (Action against black marketing of fertilizers) है. इसके लिए आयुक्तालय स्तर से टीमें गठित कर जिलों में भिजवायी गई हैं. टीमों ने सितम्बर एवं अक्टूबर महीने में विभिन्न उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध 23 विक्रय रोक, 11 जब्ती, 10 लाईसेंस निलम्बन, 1 लाईसेंस निरस्त, 7 एफआईआर एवं 77 पर अन्य कार्रवाई की है.

राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना: उर्वरक, यूरिया और डीएपी की कालाबाजारी एवं अवैध बिक्री की रोकथाम के लिए कृषि आयुक्तालय में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है. नियंत्रण कक्ष सुबह 9ः30 बजे से सायं 6ः30 बजे तक खुला रहेगा. जिस पर किसान उर्वरकों की कालाबाजारी, नकली खाद से सम्बन्धित व अन्य शिकायत कर सकते हैं. कन्ट्रोल रूम के नम्बर 0141-2227674 विभाग की ओर से जारी किए हैं. इन पर सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी.

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