जयपुर. राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा चरण मंगलवार को शुरू हुआ. जिसमें विपक्ष 'लाल डायरी' के मामले को लेकर हमलावर दिखा. हालांकि, लाल डायरी पर बरपे हंगामे के बाद कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. इस बीच नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि टेबल करने वाली डायरी को छीनना गलत है. इस पर गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया और कहा कि राठौड़ और गुढ़ा आपस में मिले हुए हैं. इधर, पहले से ही सदन में लाल डायरी को लेकर हंगामे के आसार बने थे. ऐसे में पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही तैयारियां कर रखी थी. दो बार सदन स्थगन के बाद भी जब विपक्ष का हंगामा शांत नहीं हुआ तो अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
पूर्वकल्पित आसार के अनुरुप ही सदन में शून्यकाल के दौरान हंमागा देखने को मिला. शून्यकाल में जैसे ही स्पीकर सीपी जोशी ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को बोलने की इजाजत दी तो उन्होंने सबसे पहले भाजपा विधायक मदन दिलावर के निलंबन को वापस लेने की बात कही. साथ ही उन्होंने लाल डायरी का जिक्र कर सदन में गहमागहमी का माहौल बना दिया. इसी हंगामे के चलते कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा.
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दरअसल, हुआ यूं कि प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद शून्यकाल में स्पीकर सीपी जोशी ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को अपनी बात रखने को कहा. इस पर राठौड़ ने कहा कि 21 जुलाई को जब सत्ता पक्ष के विधायक हम लोगों से मणिपुर मामले में जवाब मांग रहे थे तो ठीक उसी समय गृह रक्षा राज्यमंत्री उठे और उन्होंने राज्य में महिला अपराधों पर बयान दिया. इस पर डोटासरा अचानक सदन में खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि ये दोनों आपस में मिले हुए हैं.
इसके बाद किसी तरह से स्पीकर जोशी ने सदन को शांत करवाया तो नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात रखनी शुरू की. इस दौरान उन्होंने मदन दिलावर के निलंबन वापस लेने और सदन में महिला दुष्कर्म को लेकर चर्चा करवाने की मांग की. साथ ही उन्होंने कहा कि एक डॉक्यूमेंट टेबल होता है. लाल डायरी के तौर पर और सत्ता पक्ष के लोग उसे छीन कर ले जाते हैं, जो उचित नहीं है.
इस बीच राठौड़ के लाल डायरी को टेबल करने की बात को लेकर सदन में हंगामा शुरू हो गया. इस पर मंत्री महेश जोशी ने कहा कि भाजपा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट बन गई है, जिसमें केवल व केवल झूठ बोलने की सीख दी जाती है. वहीं, मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कोई भी डायरी टेबल नहीं करना चाहते थे. हालांकि, हंगामे को बढ़ता देख स्पीकर जोशी ने सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया. वहीं, जब आधे घंटे बाद दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो भी सदन में भाजपा विधायक नारेबाजी करते रहे और नारेबाजी के बीच ही सदन की कार्यवाही को चलती रही.