जयपुर. पर्यटकों का वाइल्डलाइफ के प्रति रुझान बढ़ा है. देश-विदेश से पर्यटक वाइल्डलाइफ को देखने के लिए जयपुर आते हैं. लेपर्ड, लॉयन और एलीफेंट के बाद अब टाइगर सफारी भी जयपुर में शुरू होने वाली है, इसके लिए टाइगर लाने की कवायद भी शुरू कर गई है. सेंट्रल जू अथॉरिटी ने दो टाइगर लाने की अनुमति भी दे दी है. राजस्थान आने वाले पर्यटकों के लिए झालाना और आमागढ़ की लेपर्ड सफारी पहले से ही आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की लायन सफारी भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती है. टूरिस्ट सीजन के दौरान झालाना में इतनी ज्यादा भीड़ रहती है कि पर्यटकों को ऑनलाइन टिकट मिलना मुश्किल हो जाता है.
जयपुर में होगी चार जंगल सफारी : वन विभाग ने सफारी के लिए टाइगर लाने की कवायद शुरू कर दी है. एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत टाइगर लाए जाएंगे. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी शुरू होने के बाद जयपुर में चार सफारी हो जाएगी. झालाना लेपर्ड सफारी, आमागढ़ लेपर्ड सफारी, नाहरगढ़ लायन सफारी और आमेर की एलीफेंट सफारी जयपुर में पहले से ही चल रही है.
30 हेक्टेयर एरिया में विकसित की जाएगी टाइगर सफारी : नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 30 हेक्टेयर एरिया में टाइगर सफारी विकसित की जा रही है. सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों के अनुसार 30 हेक्टेयर क्षेत्र में चारों तरफ 5 फीट ऊंची फेंसिंग की जाएगी, 10 नाइट शेल्टर बनाए जाएंगे, जहां रात्रि के समय वन्यजीव को रखा जाएगा. करीब 8 किलोमीटर लंबा सफारी ट्रैक बनाया जाएगा, वन्यजीवों को पानी पीने के लिए वाटर बॉडीज बनाई जाएगी. टाइगर सफारी में छायादार पेड़ पौधे लगाए जाएंगे, ताकि पूरे 12 महीने हरियाली बनी रहे. जूली फ्लोरा को हटाने के बाद ग्रास लैंड को भी विकसित किया जाएगा, जिससे सफारी में टाइगर स्वच्छंद रूप से विचरण कर सकेंगे.
टाइगर सफारी के लिए करीब 3.5 करोड़ रुपए का बजट : डीएफओ संग्राम सिंह ने बताया कि जयपुर का पहला टाइगर सफारी प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है. जल्द ही टाइगर सफारी शुरू होने वाली है. टाइगर प्रोजेक्ट के फर्स्ट फेज का काम पूरा हो चुका है. सेकेंड फेज का काम शुरू हो रहा है. टाइगर सफारी के लिए दूसरे चिड़ियाघरों से टाइगर लाने के लिए एंक्लोजर तैयार किए जा रहे हैं. सेंट्रल जू अथॉरिटी से परमिशन मिलने के बाद टाइगर लाए जाएंगे. उन्होने कहा कि 30 हेक्टेयर में करीब 3.5 करोड़ रुपए की लागत से टाइगर सफारी तैयार की जा रही है.
नेचुरल हैबिटाट में वन्यजीवों को देखेंगे पर्यटक : डीएफओ संग्राम सिंह ने बताया कि पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टाइगर सफारी में विशेष प्रबंध किए जाएंगे. सफारी में चलने के लिए नए वाहनों के टेंडर जल्द किए जाएंगे, बंद गाड़ियों में पर्यटक टाइगर सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे. शुरुआती दौर में एक मेल और एक फीमेल टाइगर को रखा जाएगा, ताकि 30 हेक्टेयर के क्षेत्र में पर्यटकों को टाइगर की साइटिंग आसानी से हो सके. इस सफारी के शुरू होने के बाद पर्यटक नेचुरल हैबिटाट में वन्यजीवों को देखने का अच्छा अनुभव ले पाएंगे.
डीएफओ संग्राम सिंह ने बताया कोरोना काल के दौरान सबको यह महसूस हुआ कि हम प्राकृतिक वातावरण की तरफ चलें. जंगल और वन्यजीवों के साथ अपना समय बिताएं. ऐसी जगह पर रहें जहां शुद्ध हवा और शुद्ध पानी मिले. इन सब को देखते हुए राजस्थान वन विभाग का यह एक अच्छा प्रयास है. जयपुर देश का पहला शहर होगा जहां लेपर्ड सफारी, टाइगर सफारी, लायन सफारी और एलीफेंट सफारी एक जगह मिलेंगी.