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​​​​​​​कोर्ट ने बैंक गारंटी का डिमांड ड्राफ्ट भुनाने पर लगाई रोक

कमर्शियल कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए शहर में लो फ्लोर बस संचालन का काम कर रही कंपनी बैंक गारंटी के डिमांड ड्राफ्ट बनाने पर रोक लगा दी है....

कांसेप्ट इमेज।
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Published : Mar 28, 2019, 8:20 AM IST

जयपुर . कमर्शियल कोर्ट संख्या एक ने शहर में लो फ्लोर बस संचालन का काम कर रही मातेश्वरी बस ऑपरेशन प्राइवेट लिमिटेड की बैंक गारंटी के डिमांड ड्राफ्ट भुनाने पर रोक लगा दी है. अदालत ने यह आदेश कंपनी की ओर से दायर कंपनी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. गौरतलब है कि अदालत पूर्व में जेसीटीएसएल की ओर से बैंक गारंटी जप्त करने पर भी रोक लगा चुकी है.

याचिका में अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि जेसीटीएसएल ने शहर में वर्ष 2013 से वर्ष 2020 तक लो फ्लोर बस चलाने का ठेका याचिकाकर्ता कंपनी को दिया था. जिसके चलते जेसीटीएसएल को याचिकाकर्ता को सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराना था. वहीं बसों के मेंटेनेंस और चालक परिचालक के वेतन भत्तों के बदले याचिकाकर्ता को प्रति किलोमीटर 17 रुपए का भुगतान होना था. याचिका में कहा गया कि जेसीटीएसएल ने 10 माह से भुगतान नहीं किया.

वहीं जेसीटीएसएल के एमडी ने गत दिनों बसों का संचालन ठीक ढंग से नहीं होना बताकर पेनल्टी लगाई तथा करीब 13 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जब्त करने की धमकी दी. याचिका में कहा कि उनकी ओर से बसों का संचालन सही ढंग से किया जा रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया है कि गारंटी जब्त करने पर अदालती रोक के बावजूद जेसीटीएसएल ने बैंक से डिमांड ड्राफ्ट ले लिया है. ऐसे में उसे भुनाने पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने रोक लगा दी है.

जयपुर . कमर्शियल कोर्ट संख्या एक ने शहर में लो फ्लोर बस संचालन का काम कर रही मातेश्वरी बस ऑपरेशन प्राइवेट लिमिटेड की बैंक गारंटी के डिमांड ड्राफ्ट भुनाने पर रोक लगा दी है. अदालत ने यह आदेश कंपनी की ओर से दायर कंपनी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. गौरतलब है कि अदालत पूर्व में जेसीटीएसएल की ओर से बैंक गारंटी जप्त करने पर भी रोक लगा चुकी है.

याचिका में अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि जेसीटीएसएल ने शहर में वर्ष 2013 से वर्ष 2020 तक लो फ्लोर बस चलाने का ठेका याचिकाकर्ता कंपनी को दिया था. जिसके चलते जेसीटीएसएल को याचिकाकर्ता को सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराना था. वहीं बसों के मेंटेनेंस और चालक परिचालक के वेतन भत्तों के बदले याचिकाकर्ता को प्रति किलोमीटर 17 रुपए का भुगतान होना था. याचिका में कहा गया कि जेसीटीएसएल ने 10 माह से भुगतान नहीं किया.

वहीं जेसीटीएसएल के एमडी ने गत दिनों बसों का संचालन ठीक ढंग से नहीं होना बताकर पेनल्टी लगाई तथा करीब 13 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जब्त करने की धमकी दी. याचिका में कहा कि उनकी ओर से बसों का संचालन सही ढंग से किया जा रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया है कि गारंटी जब्त करने पर अदालती रोक के बावजूद जेसीटीएसएल ने बैंक से डिमांड ड्राफ्ट ले लिया है. ऐसे में उसे भुनाने पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने रोक लगा दी है.

Intro:जयपुर। कमर्शियल कोर्ट संख्या एक में शहर में लो फ्लोर बस संचालन का काम कर रही मातेश्वरी बस ऑपरेशन प्राइवेट लिमिटेड की बैंक गारंटी के डिमांड ड्राफ्ट बनाने पर रोक लगा दी है। अदालत ने यह आदेश कंपनी की ओर से दायर कंपनी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। गौरतलब है कि अदालत पूर्व में जेसीटीएसएल की ओर से बैंक गारंटी जप्त करने पर भी रोक लगा चुकी है।


Body:याचिका में अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि जेसीटीएसएल ने शहर में वर्ष 2013 से वर्ष 2020 तक लो फ्लोर बस चलाने का ठेका याचिकाकर्ता कंपनी को दिया था। जिसके चलते जेसीटीएसएल को याचिकाकर्ता को सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराना था। वहीं बसों के मेंटेनेंस और चालक परिचालक के वेतन भत्तों के बदले याचिकाकर्ता को प्रति किलोमीटर ₹17 का भुगतान होना था।
याचिका में कहा गया कि जेसीटीएसएल ने 10 माह से भुगतान नहीं किया। वहीं जेसीटीएसएल के एमडी ने गत दिनों बसों का संचालन ठीक ढंग से नहीं होना बताकर पेनल्टी लगाई तथा करीब 13 करोड रुपए की बैंक गारंटी जप्त करने की धमकी दी। याचिका में कहा कि उनकी ओर से बसों का संचालन सही ढंग से किया जा रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया है कि गारंटी जब्त करने पर अदालती रोक के बावजूद जेसीटीएसएल ने बैंक से डिमांड ड्राफ्ट ले लिया है। ऐसे में उसे भुनाने पर रोक लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने रोक लगा दी है।


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