जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी यह पता नहीं लग पा रहा है कि प्रदेश में कितने संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं. संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर बनाई गई मंत्रिमंडल सब कमेटी लगातार चार मीटिंग से सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की सूची मांग रही है. लेकिन अधिकारी आंकड़ा ही तैयार नहीं कर पा रहे है.
प्रदेश के लगभग दो लाख संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार ने मंत्रिमंडल सब कमेटी का गठन किया. जिसे लेकर सब कमेटी ने अब तक 4 बार बैठक कर ली है, लेकिन कमेटी ये आकड़ा नहीं जुटा पाई है कि आखिर प्रदेश में कुल कितने संविदा कर्मचारी है.
सचिवालय में बुधवार को चौथी बार ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल सब कमेटी की बैठक में चिकित्सा, शिक्षा, पंचायती राज सहित करीब एक दर्जन विभागों के आंकड़े जुटाए गए. बैठक में इन एक दर्जन विभागों में कितने संविदा कर्मी किस-किस विभाग में लगे हुए हैं इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई. लेकिन अभी भी आधे से ज्यादा विभाग ऐसे है जिन्होंने आंकड़े नही दिए है. जिस पर सब कमेटी ने नाराजगी जताते हुए एक सप्ताह में आंकड़े पेश करने के निर्देश दिए.
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वहीं इसके अलावा बैठक में यह भी देखा गया कि अगर विभाग के हिसाब से संविदाकर्मियों को नियमित किया जाता है तो किस विभाग में कितने पद खाली है. जिससे संविदाकर्मियों को समायोजित किया जा सके. मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि ज्यादातर काम निपटा लिया गया है और कमेटी को रिपोर्ट पेश करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
वहीं अधिकारियों के दुबारा आंकड़े पेश करने को लेकर मंत्री ने कहा कि कुछ विभागों की रिपोर्ट आना बाकी है जिसे जल्द देने के निर्देश दिए गए है. मंत्री ने कहा पिछली सरकार ने तो पूरे पांच साल में सिर्फ मीटिंग कर टाइम पास किया गया और किसी भी संविदाकर्मी को नियमित करने की दिशा में कोई काम नहीं किया गया. हमारी सरकार ने कम से कम आंकड़े तो एकत्रित किये है.
उन्होंने कहा कि काफी हद तक काम खत्म कर लिया जाता लेकिन बीच मे लोकसभा चुनाव की आचार सहिंता लगने की वजह से तीन महीने काम नहीं हो पाया था. बैठक में मंत्री बीडी कल्ला के अलावा चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, खेल मंत्री अशोक चांदना, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.
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बता दें कि कांग्रेस की सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व अपने घोषणापत्र में कहा था कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा.
सरकार ने अपने घोषणा पत्र को सत्ता में आने के साथ ही सरकारी दस्तावेज में शामिल किया था और घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए मंत्रिमंडलीय सब कमेटी का गठन किया.
साथ ही उन समितियों को अलग-अलग कामकाज की जिम्मेदारी दी गई थी. जिसमें मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में बनाई गई समिति को जिम्मेदारी दी गई थी कि प्रदेश में लगे संविदा कर्मचारियों का डेटाबेस तैयार करके उनके नियमितीकरण को लेकर प्रक्रिया पूरी कराएं.