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फरार CBI इंस्पेक्टर ने ACB मुख्यालय में किया सरेंडर

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Published : Sep 17, 2019, 10:39 AM IST

घूसखोरी के प्रकरण में पिछले 6 माह से फरार चल रहे CBI के निलंबित इंस्पेक्टर प्रकाश चंद मंडीवाल ने आखिरकार ACB मुख्यालय में पहुंच सरेंडर कर दिया. दरअसल, 7 मार्च को एसीबी टीम ने जयपुर CBI कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर प्रकाश चंद के दलाल शांतिलाल को रिश्वत राशि लेते हुए गिरफ्तार किया था. उस दौरान गिरफ्तार होने के डर के चलते प्रकाश चंद फरार हो गया था. प्रकाश चंद ने खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई. लेकिन दोनों ही कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया. जिसके बाद प्रकाश चंद ने ACB मुख्यालय में सरेंडर किया.

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जयपुर. सीबीआई के निलंबित इंस्पेक्टर प्रकाश चंद ने गृह निर्माण सहकारी समिति के कुछ भूखंडों की जांच करते हुए एक परिवादी को परेशान करना शुरू किया और साथ ही उससे 1.50 करोड रुपए की रिश्वत राशि दलाल शांतिलाल के माध्यम से मांगी. जिस पर परिवादी ने 90 लाख रूपए दलाल के माध्यम से इंस्पेक्टर प्रकाश चंद्र को दे दिए, और शेष 60 लाख रुपए देने के लिए भी प्रकाश चंद ने परिवादी पर दबाव बनाया.

प्रकाश चंद मंडीवाल ने ACB मुख्यालय में सरेंडर किया

जिस पर परिवादी ने एसीबी मुख्यालय में पहुंच शिकायत दर्ज कराई और एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए दलाल शांतिलाल को गिरफ्तार किया. ट्रैप की कार्रवाई के दौरान ही सीबीआई इंस्पेक्टर प्रकाश चंद फरार हो गया और लंबे समय से फरार होने के चलते उसे निलंबित भी कर दिया गया.

यह भी पढें- खबर का असर: जयपुर नगर निगम में अब इस्तेमाल नहीं होगी प्लास्टिक बोतल

गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रकाश चंद ने राजस्थान हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. उसके बाद प्रकाश चंद ने सुप्रीम कोर्ट में भी अग्रिम जमानत याचिका लगाई जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए 4 सप्ताह में एसीबी के सामने सरेंडर करने के आदेश दिए. इसके बाद निलंबित इंस्पेक्टर प्रकाश चंद ने एसीबी मुख्यालय पहुंच सरेंडर किया.

जयपुर. सीबीआई के निलंबित इंस्पेक्टर प्रकाश चंद ने गृह निर्माण सहकारी समिति के कुछ भूखंडों की जांच करते हुए एक परिवादी को परेशान करना शुरू किया और साथ ही उससे 1.50 करोड रुपए की रिश्वत राशि दलाल शांतिलाल के माध्यम से मांगी. जिस पर परिवादी ने 90 लाख रूपए दलाल के माध्यम से इंस्पेक्टर प्रकाश चंद्र को दे दिए, और शेष 60 लाख रुपए देने के लिए भी प्रकाश चंद ने परिवादी पर दबाव बनाया.

प्रकाश चंद मंडीवाल ने ACB मुख्यालय में सरेंडर किया

जिस पर परिवादी ने एसीबी मुख्यालय में पहुंच शिकायत दर्ज कराई और एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए दलाल शांतिलाल को गिरफ्तार किया. ट्रैप की कार्रवाई के दौरान ही सीबीआई इंस्पेक्टर प्रकाश चंद फरार हो गया और लंबे समय से फरार होने के चलते उसे निलंबित भी कर दिया गया.

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गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रकाश चंद ने राजस्थान हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. उसके बाद प्रकाश चंद ने सुप्रीम कोर्ट में भी अग्रिम जमानत याचिका लगाई जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए 4 सप्ताह में एसीबी के सामने सरेंडर करने के आदेश दिए. इसके बाद निलंबित इंस्पेक्टर प्रकाश चंद ने एसीबी मुख्यालय पहुंच सरेंडर किया.

Intro:जयपुर
एंकर- घूसखोरी के प्रकरण में पिछले 6 माह से फरार चल रहे सीबीआई के निलंबित इंस्पेक्टर प्रकाश चंद मंडीवाल ने आखिरकार एसीबी मुख्यालय में पहुंच सरेंडर कर दिया। दरअसल 7 मार्च को एसीबी टीम ने जयपुर सीबीआई कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर प्रकाश चंद के दलाल शांतिलाल को रिश्वत राशि लेते हुए गिरफ्तार किया था और उस दौरान गिरफ्तार होने के डर के चलते प्रकाश चंद फरार हो गया था। प्रकाश चंद ने खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई लेकिन दोनों ही कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया। जिसके बाद प्रकाश चंद ने एसीबी मुख्यालय में सरेंडर किया।


Body:वीओ- सीबीआई के निलंबित इंस्पेक्टर प्रकाश चंद ने गृह निर्माण सहकारी समिति के कुछ भूखंडों की जांच करते हुए एक परिवादी को परेशान करना शुरू किया और साथ ही उससे 1.50 करोड रुपए की रिश्वत राशि दलाल शांतिलाल के माध्यम से मांगी। जिस पर परिवादी ने 90 लाख रूपए दलाल के माध्यम से इंस्पेक्टर प्रकाश चंद्र को दे दिए और शेष 60 लाख रुपए देने के लिए भी प्रकाश चंद ने परिवादी पर दबाव बनाया। जिस पर परिवादी ने एसीबी मुख्यालय में पहुंच शिकायत दर्ज कराई और एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए दलाल शांतिलाल को गिरफ्तार किया। ट्रैप की कार्रवाई के दौरान ही सीबीआई इंस्पेक्टर प्रकाश चंद फरार हो गया और लंबे समय से फरार होने के चलते उसे निलंबित भी कर दिया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रकाश चंद ने राजस्थान हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। उसके बाद प्रकाश चंद ने सुप्रीम कोर्ट में भी अग्रिम जमानत याचिका लगाई जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए 4 सप्ताह में एसीबी के सामने सरेंडर करने के आदेश दिए। इसके बाद निलंबित इंस्पेक्टर प्रकाश चंद ने एसीबी मुख्यालय पहुंच सरेंडर किया।


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