जयपुर. छोटी काशी जयपुर के प्रसिद्ध मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में बुधवार को सवा लाख मोदकों की झांकी सजाई गई. मंदिर में शाम 6:30 बजे से रात्रि 9 बजे तक मोदक प्रसाद का निःशुल्क वितरण होगा. मोतीडूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा के अनुसार सवा लाख मोदकों की झांकी के दर्शन सुबह पांच बजे से भक्त कर रहे हैं. इस दिन भगवान को बाहर का प्रसाद नहीं चढ़ेगा. इस झांकी में 251 किलो के 3 मोदक के अलावा 5 मोदक 51 किलो के, 21 मोदक 21 किलो के, 1100 मोदक 1.25 किलो के और अन्य छोटे मोदकों की झांकी सजाई गई है. भगवान गणेश फूलों के झरोखे में विराजमान हैं.
मोदक बनाने में लगी 14 हजार 500 किलो सामग्री - मोती डूंगरी गणेश मंदिर पर मोदक झांकी के लिए 14 हजार 500 किलो से अधिक सामग्री काम में लाई गई है. प्रसाद को बनाने के लिए 2500 किलो घी, 3000 किलो बेसन, 9000 किलो शक्कर और 100 किलो के बीच में मेवे से लड्डू बनाए गए हैं. इस तरह से अलग-अलग आकार के सवा लाख मोदक भगवान गणेश को अर्पित किए गए हैं. भगवान गणेश को मोदक प्रिय होते हैं, इसलिए सवा लाख मोदकों की झांकी मंदिर में सजाई गई है, जिसका शाम को प्रसाद के रूप में वितरण किया जाएगा.
ध्रुपद और कत्थक भी होंगे आकर्षण का केंद्र - भगवान को इस विशेष अवसर पर मानक और पन्ना जैसे बहुमूल्य रत्न का विशेष मुकुट धारण करवाया गया है. मंदिर में कल से ध्रुपद गायन की प्रस्तुतियां होंगी, भजन संध्या के दौरान भगवान गणेश के प्रिय ध्रुपद पर ही प्रस्तुतियां की जाएंगी. इसके बाद अगले दो दिन कत्थक नृत्य की प्रस्तुतियां भी होंगी. कार्यक्रम 14 से 17 सितंबर तक शाम सात से रात नौ बजे तक आयोजित किया जाएगा. मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था के लिए बैरिकेडिंग सिस्टम रखा गया है, ताकि सभी श्रद्धालु आराध्य गणेश जी के सामने से दर्शन कर सकें
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9 दिन तक चलेगा गणेश उत्सव - छोटी काशी जयपुर में सोमवार से गणेश उत्सव की शुरुआत हुई थी, जो की 9 दिन तक चलेगा. इस नौ दिवसीय गणेशोत्सव के तहत मोती डूंगरी, सूरजपोल स्थित श्वेत सिद्धी विनायक और दिल्ली रोड पर बंगाली बाबा गणेश मंदिर सहित अन्य गणेश मंदिरों में ध्वजा बदली गई और पूजन के बाद भगवान गणपति का पंचामृत अभिषेक हुआ. कलश यात्रा के बाद इष्ट देव गणेश जी का अभिषेक किया गया. इसमें 251 किलो दूध, 25 किलो बूरा, 50 किलो दही, 11 किलो शहद, 11 किलो घी शामिल है. इसके बाद मोदक अर्पित करने के साथ रक्षा सूत्र और हल्दी का प्रसाद भक्तों में बांटा गया.