जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने वेटनरी ऑफिसर भर्ती-2020 में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि अदालत में विशेष अनुमति याचिका लंबित रहने के दौरान अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जाए. वहीं, अदालत ने आरपीएससी भर्ती को लेकर साक्षात्कार जारी रखने की अनुमति दी है. जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने यह आदेश विष्णुदत्त सैनी और अन्य की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए.
एसएलपी में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि भर्ती में वरीयता तय करने के लिए लिखित परीक्षा के 40 फीसदी अंक और 20 फीसदी अंक अकादमिक के तय हैं. इसके बाद 40 फीसदी अंक साक्षात्कार के हैं. इसके बावजूद अकादमिक के अंकों को जोड़े बिना लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों को सीधे साक्षात्कार के लिए बुलाने से याचिकाकर्ता जैसे ही कई अभ्यर्थियों को भर्ती से वंचित कर दिया गया है, जिनके अकादमिक में अच्छे अंक हैं.
एसएलपी लंबित रहने तक नियुक्ति देने पर रोक : साक्षात्कार अंत की प्रक्रिया होती है. ऐसे में बिना अकादमिक के अंक जोड़े साक्षात्कार के लिए बुलाना अनुचित और विज्ञापन में दी गई प्रक्रिया के विपरीत है. एसएलपी में कहा गया कि मामले में एकलपीठ ने आरपीएससी को निर्देश दिए थे कि वह साक्षात्कार से पूर्व अभ्यर्थियों के लिखित और अकादमिक के अंकों को जोड़कर सूची बनाए. इस आदेश को खंडपीठ ने निरस्त कर दिया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साक्षात्कार प्रक्रिया जारी रखते हुए एसएलपी लंबित रहने तक नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है.