ETV Bharat / state

Jahan e Khusrau : 19 नवंबर से होगा विश्व सूफी संगीत समारोह, 10 साल बाद हो रहा आयोजन - Rajasthan Hindi news

पर्यटन विभाग की ओर से वार्षिक विश्व सूफी संगीत समारोह 10 साल बाद फिर (Sufi music festival Jahan e Khusrau In Jaipur) से हो रहा है. जहां-ए-खुसरो का आयोजन राजधानी जयपुर में 19 नंवबर और 20 नवंबर को आयोजित किया जाएगा.

Jahan e Khusrau In Jaipur
Jahan e Khusrau In Jaipur
author img

By

Published : Nov 9, 2022, 8:37 PM IST

Updated : Nov 9, 2022, 9:06 PM IST

जयपुर. विश्व सूफी संगीत समारोह जहां-ए-खुसरो संगीत महोत्सव का आयोजन गुलाबी नगरी (Sufi music festival Jahan e Khusrau In Jaipur) में होने जा रहा है. पर्यटन विभाग की ओर से 10 साल बाद होने वाले इस संगीत महोत्सव में जावेद अली, नूरान सिस्टर, जसलीन कौर, नियाजी जैसे कलाकार प्रस्तुति देंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन 19 और 20 नवंबर को जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में होगा. साथ ही राजस्थान की एक दंतकथा 'मूमल को एक स्टेज शो के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.

19 और 20 नवंबर को सजेगी शाम : प्रदेश की पर्यटन विभाग की ओर से वार्षिक विश्व सूफी संगीत समारोह जहां-ए-खुसरो का आयोजन राजधानी जयपुर में 19 नंवबर ओर 20 नवंबर को किया जाएगा. पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि वार्षिक विश्व सूफी संगीत समारोह जहां-ए-खुसरो का आयोजन जयपुर के अल्बर्ट हॉल में आयोजित किया जाएगा. यह कार्यक्रम 10 साल बाद फिर से हो रहा है. दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थान की संस्कृति की झलक दिखाई देगी. इस साल यह राजस्थान की एक दंतकथा 'मूमल को एक स्टेज शो के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.

19 नवंबर से होगा विश्व सूफी संगीत समारोह

पढ़ें. Jodhpur RIFF : जोधपुर की फिजा में बिखरा संगीत, देशी-विदेशी सहित लोक कलाकार देंगे प्रस्तुति

प्रमुख हस्तियां देंगी प्रस्तुति : राठौड़ ने बताया कि महोत्सव में जावेद अली, नूरां सिस्टर्स, जसलीन कौर, नियाज़ी जैसे कलाकार प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम के पहले दिन बैले नृत्य का आयोजन किया जाएगा. पूजा गायतोंडे की ओर से नारा-ए-मस्ताना नामक प्रस्तुति जो (Programs in Jahan e Khusrau in Jaipur) सूफी प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करेगी. दूसरे दिन मुजफ्फर अली की ओर से निर्देशित 'मूमल- रूह-ए-रेगिस्तान' नामक एक बैले नृत्य शिवानी वर्मा और ग्रुप प्रस्तुत करेंगे. समापन समारोह नूरां सिस्टर्स की ओर से सदा- ए- सूफी से होगा.

ट्यूरिज्म को मिलेगा बूम : गायत्री राठौड़ ने कहा कि 10 साल बाद 19 और 20 नवंबर को सूफी म्यूजिक फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है. इसमें राजस्थानी परंपरा कला और साहित्य की अनूठी झलक देखने को मिलेगी. ऐसे में सूफी फेस्टिवल के आयोजन राजस्थान के टूरिज्म इंडस्ट्री को बूम मिलेगा. जिस तरह से राजस्थान में लिटरेचर फेस्टिवल है अपनी पहचान बनाई है जयपुर के नाम पर इस आयोजन को भी उसी स्तर पर ले जाने की कोशिश होगी. जिससे जयपुर के नाम से एक और कार्यक्रम की पहचान बने. फिल्म निर्माता और चित्रकार मुजफ्फर अली ने कहा कि राजस्थानी संस्कृति पर आधारित होने वाले इस फेस्टिवल को लेकर लोगों में काफी उत्साह नजर आ रहा है. इस फेस्टिवल को लोग जरूर पसंद करेंगे.

जयपुर. विश्व सूफी संगीत समारोह जहां-ए-खुसरो संगीत महोत्सव का आयोजन गुलाबी नगरी (Sufi music festival Jahan e Khusrau In Jaipur) में होने जा रहा है. पर्यटन विभाग की ओर से 10 साल बाद होने वाले इस संगीत महोत्सव में जावेद अली, नूरान सिस्टर, जसलीन कौर, नियाजी जैसे कलाकार प्रस्तुति देंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन 19 और 20 नवंबर को जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में होगा. साथ ही राजस्थान की एक दंतकथा 'मूमल को एक स्टेज शो के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.

19 और 20 नवंबर को सजेगी शाम : प्रदेश की पर्यटन विभाग की ओर से वार्षिक विश्व सूफी संगीत समारोह जहां-ए-खुसरो का आयोजन राजधानी जयपुर में 19 नंवबर ओर 20 नवंबर को किया जाएगा. पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि वार्षिक विश्व सूफी संगीत समारोह जहां-ए-खुसरो का आयोजन जयपुर के अल्बर्ट हॉल में आयोजित किया जाएगा. यह कार्यक्रम 10 साल बाद फिर से हो रहा है. दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थान की संस्कृति की झलक दिखाई देगी. इस साल यह राजस्थान की एक दंतकथा 'मूमल को एक स्टेज शो के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.

19 नवंबर से होगा विश्व सूफी संगीत समारोह

पढ़ें. Jodhpur RIFF : जोधपुर की फिजा में बिखरा संगीत, देशी-विदेशी सहित लोक कलाकार देंगे प्रस्तुति

प्रमुख हस्तियां देंगी प्रस्तुति : राठौड़ ने बताया कि महोत्सव में जावेद अली, नूरां सिस्टर्स, जसलीन कौर, नियाज़ी जैसे कलाकार प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम के पहले दिन बैले नृत्य का आयोजन किया जाएगा. पूजा गायतोंडे की ओर से नारा-ए-मस्ताना नामक प्रस्तुति जो (Programs in Jahan e Khusrau in Jaipur) सूफी प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करेगी. दूसरे दिन मुजफ्फर अली की ओर से निर्देशित 'मूमल- रूह-ए-रेगिस्तान' नामक एक बैले नृत्य शिवानी वर्मा और ग्रुप प्रस्तुत करेंगे. समापन समारोह नूरां सिस्टर्स की ओर से सदा- ए- सूफी से होगा.

ट्यूरिज्म को मिलेगा बूम : गायत्री राठौड़ ने कहा कि 10 साल बाद 19 और 20 नवंबर को सूफी म्यूजिक फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है. इसमें राजस्थानी परंपरा कला और साहित्य की अनूठी झलक देखने को मिलेगी. ऐसे में सूफी फेस्टिवल के आयोजन राजस्थान के टूरिज्म इंडस्ट्री को बूम मिलेगा. जिस तरह से राजस्थान में लिटरेचर फेस्टिवल है अपनी पहचान बनाई है जयपुर के नाम पर इस आयोजन को भी उसी स्तर पर ले जाने की कोशिश होगी. जिससे जयपुर के नाम से एक और कार्यक्रम की पहचान बने. फिल्म निर्माता और चित्रकार मुजफ्फर अली ने कहा कि राजस्थानी संस्कृति पर आधारित होने वाले इस फेस्टिवल को लेकर लोगों में काफी उत्साह नजर आ रहा है. इस फेस्टिवल को लोग जरूर पसंद करेंगे.

Last Updated : Nov 9, 2022, 9:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.