जयपुर. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से कराई गई सीएचओ भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगने के चलते अब तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया है. मामले में अभी भी जांच की जा रही है. इस बीच अभ्यर्थियों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. सोमवार को युवा बेरोजगार कर्मचारी चयन बोर्ड पहुंचे थे, लेकिन वहां सुनवाई नहीं होने पर वो चिकित्सा मंत्री के आवास पर पहुंचे. यहां चिकित्सा मंत्री से मुलाकात नहीं होने पर अभ्यर्थियों ने इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में भुगतने की चेतावनी दी है.
ये बंगला नसीब ही नहीं होगा : राजस्थान युवा शक्ति एकीकृत महासंघ प्रदेश अध्यक्ष मनोज मीणा ने बताया कि सीएचओ भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर पहले कर्मचारी चयन बोर्ड में अधिकारियों से वार्ता की. उन्होंने उनके हाथ में कुछ नहीं होने की बात कहते हुए सचिवालय में बात करने को कहा. आरोप है कि इसके बाद चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के आवास पहुंचे तो यहां उन्होंने मिलने से ही मना कर दिया और अभ्यर्थियों को हटाने के लिए पुलिस भेज दी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मंत्री युवाओं की सुनवाई नहीं करेंगे, तो अगली बार उन्हें ये बंगला नसीब ही नहीं होगा. सरकार रिपीट होने का सपना सिर्फ सपना बनकर रह जाएगा.
अभ्यर्थियों ने उठाया सवाल : अभ्यर्थियों ने बताया कि 19 फरवरी 2023 सीएचओ भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी. इसके बाद कर्मचारी चयन बोर्ड पर पेपर लीक के आरोप लगे, लेकिन उसकी जांच चलते हुए करीब 7 महीने का समय बीत चुका है. अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया कि क्या अब तक एसओजी जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई और अगर जांच रिपोर्ट पेश कर चुकी है तो जो पेपर लीक में लिप्त पाए गए हैं, उन्हें बाहर कर रिजल्ट जारी करें. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मांग कर रहे हैं कि ये पेपर रद्द हो, रिजल्ट जारी न हो, लेकिन पेपर रद्द होना समाधान नहीं है. इस बात की क्या गारंटी है कि दोबारा यदि पेपर कराया जाता है तो धांधली नहीं होगी?
7 महीने से इंतजार : बता दें कि बीते साल राज्य सरकार की ओर से बेरोजगार युवाओं के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर 3 हजार 531 पदों पर सीएचओ भर्ती निकाली गई थी. इस भर्ती को कराने का जिम्मा कर्मचारी चयन बोर्ड को दिया गया, लेकिन परीक्षा होने के करीब 7 महीने बाद भी अभ्यर्थी रिजल्ट का इंतजार ही कर रहे हैं. ऐसे में सोमवार को कर्मचारी चयन बोर्ड पहुंच अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की और रिजल्ट जारी करने की मांग की. यहां सुनवाई नहीं होने पर चिकित्सा मंत्री के आवास रुख किया.