जयपुर. सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज का स्किन बैंक बजट और जगह के अभाव में शुरू नहीं हो पा रहा है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इसके लिए दो संस्थाओं से एमओयू की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन अब इसे फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
इसके लिए सबसे पहले एसएमएस अस्पताल के पुराने भवन को चिन्हित किया गया था, लेकिन वहां जगह पर्याप्त नहीं थी. इसके बाद ट्रोमा सेंटर में भी स्किन बैंक शुरू करने की कवायद हुई, लेकिन बजट नहीं होने के चलते इसे रोक दिया गया. इसके बाद तय किया गया कि एमओयू के माध्यम से स्किन बैंक शुरू किया जाएगा. जहां मशीनें और अन्य संसाधन जुटाए जाएंगे, लेकिन एमओयू करने वाली संस्था ने भी हाथ पीछे खींच लिए.
बैंक शुरू हुआ तो स्किन हो सकेगी डोनेट
एसएमएस अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन्स का कहना है कि अगर जल्द से जल्द स्किन बैंक शुरू हो जाता है तो ब्रेन डेड व्यक्ति जिस तरह से हार्ट, किडनी और लीवर डोनेट करता है, उसी तरह से उसकी स्किन भी डोनेट की जा सकेगी. वहीं इसका फायदा बर्न मरीजों को मिल सकेगा.
चिकित्सकों ने बताया कि अगर अच्छे स्तर पर बैंक की शुरुआत हो तो करीब 5 साल तक इस स्किन को सुरक्षित रखा जा सकता है. वहीं एसएमएस अस्पताल में अब तक तीन स्किन ट्रांसप्लांट भी हो चुके हैं.
एसएमएस हॉस्पिटल में स्किन बैंक शुरू हो जाता है तो इसका फायदा हजारों मरीजों को मिल सकेगा और स्किन ट्रांसप्लांट करने वाला यह प्रदेश का पहला अस्पताल होगा.