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राजनीति में आएंगी 'पीली लुगड़ी' वाली धोली मीणा! कहा- लोगों का प्यार मिला तो जरूर लड़ेंगी चुनाव - Rajasthan Hindi news

'अगर लोगों का प्यार मिला और वो सपोर्ट करेंगे तो राजनीति में भी जरूर उतरेंगे. उस पटल पर महिलाओं की सुरक्षा और पानी की समस्या को प्रमुखता से उठाएंगी', यह कहना है सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर धोली मीणा का. चर्चा है कि वो दौसा से सासंद का चुनाव लड़ने का मानस बना रही हैं. इस बीच जयपुर पहुंची धोली मीणा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

Social Media Influencer Dholi Meena
Social Media Influencer Dholi Meena
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 26, 2023, 9:02 PM IST

धोली मीणा से खास बातचीत

जयपुर. यूरोप के माल्टा बीच पर बिकनी गर्ल्स के बीच राजस्थानी परिधान पहनकर चर्चा में आईं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर धोली मीणा के सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जयपुर पहुंची धोली मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान चुनाव लड़ने के सवाल पर धोली मीणा ने कहा कि अगर लोगों का प्यार मिला और वो सपोर्ट करेंगे तो राजनीति में भी जरूर उतरेंगे.

राजनीति के सवाल पर ये कहा : उन्होंने कहा कि राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है. पानी की भी बड़ी समस्या है, जिसे प्रदेश स्तर पर दूर की जानी चाहिए. साथ ही किसान, बेरोजगारों का मुद्दा देश व्यापी है. अगर वो राजनीति में आईं तो उनका झुकाव ऐसे लोगों की तरफ ही रहेगा. वहीं, प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी उनका वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था, इस पर उन्होंने कहा कि "दीया कुमारी ने उनका घूमर करते हुए एक वीडियो ट्वीट किया था. जहां तक गोलमा देवी का सवाल है तो वो उन्हें दादी जी बोलती हैं. उन्हें अब तक टीवी में ही देखा था, इस वजह से उनसे मिलना चाहती थी. तब यहां किसी परिचित के माध्यम से उनसे मिलने गई और आशीर्वाद लिया."

पढ़ें. माल्टा से दौसा लौटी सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर धोली मीणा, साझा किया विलायती अनुभव, सियासत में आने को लेकर कही ये बड़ी बात

धोली नाम क्यों ? : ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने अपने यूनिक नेम की वजह भी बताई. उन्होंने बताया कि गांव में पहले सभी इसी तरह के नाम रखते थे. भूरे बालों वाले को भूरिया कहते थे, जिसका रंग सांवला होता था उसका कालीबाई नाम रख दिया जाता था. जब वो पैदा हुईं तो उनका रंग साफ था, तो उनकी बुआओं ने धोली नाम रखने का सुझाव दिया और तब से यही नाम उनके साथ जुड़ गया.

Social Media Influencer Dholi Meena
धोली मीणा के साथ सेल्फी लेते लोग

पति के साथ विदेश गईं : उन्होंने बताया कि जब आईएफएस पति के साथ शुरुआत में विदेश का रुख किया तो मन में खुशी थी कि प्लेन में बैठकर विदेश जा रहे हैं, लेकिन भाषा को लेकर वहां काफी परेशानी भी हुई. वो पहले करीब साढ़े तीन साल अफ्रीका में थे, तब यही सोचती थी कि अंग्रेजी आती नहीं, बाहर कैसे जाएंगे. मन में आता था कि काश पढ़ लेते, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगे, स्कूल जाने लगे तो उनके बच्चे ही गुरू बन गए. वो अंग्रेजी में बात करते थे, इसी तरह उन्होंने भी अडोप्ट किया.

पढ़ें. Instagram Star: यूरोप में धूम मचा रही है दौसा की धोळी, सात समंदर पार बिखेरी पीली लुगड़ी की चमक

धोली मीणा ने बताया कि आज वो जिस भी मुकाम पर हैं, उसके पीछे उनका पहनावा ही अहम वजह है. जो भी उन्हें सोशल मीडिया पर देखते हैं, फॉलो करते हैं, वहीं उन्हें सपोर्ट भी करते हैं. लोगों को अच्छा लगता है कि विदेश में जाकर भी वो भारतीय संस्कृति को अपनाए हुए हैं. यही नहीं वहां जाकर खानपान में भी किसी तरह का बदलाव नहीं आया. दाल-बाटी-चूरमा, दाल-रोटी, छाछ-राबड़ी, चटनी-रोटी इसी तरह का देसी खाना खाते हैं. खुशी इस बात की है कि वहां के लोगों को भी भारतीय लोग, यहां का परिधान और यहां का खान-पान बेहद पसंद आता है.

धोली मीणा स्वदेश आने पर दौसा में नीलकंठ महादेव मंदिर, मेहंदीपुर के बालाजी और जयपुर में भी आए तो बिरला मंदिर दर्शन करने पहुंचीं. इसे लेकर उन्होंने कहा कि ये तो उनकी संस्कृति है. ऐसा नहीं है कि आज वो फेमस हो गई, इस वजह से मंदिरों में जा रही हैं. पहले भी मंदिरों में जाती थी और आगे भी ये क्रम जारी रहेगा.

धोली मीणा से खास बातचीत

जयपुर. यूरोप के माल्टा बीच पर बिकनी गर्ल्स के बीच राजस्थानी परिधान पहनकर चर्चा में आईं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर धोली मीणा के सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जयपुर पहुंची धोली मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान चुनाव लड़ने के सवाल पर धोली मीणा ने कहा कि अगर लोगों का प्यार मिला और वो सपोर्ट करेंगे तो राजनीति में भी जरूर उतरेंगे.

राजनीति के सवाल पर ये कहा : उन्होंने कहा कि राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है. पानी की भी बड़ी समस्या है, जिसे प्रदेश स्तर पर दूर की जानी चाहिए. साथ ही किसान, बेरोजगारों का मुद्दा देश व्यापी है. अगर वो राजनीति में आईं तो उनका झुकाव ऐसे लोगों की तरफ ही रहेगा. वहीं, प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी उनका वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था, इस पर उन्होंने कहा कि "दीया कुमारी ने उनका घूमर करते हुए एक वीडियो ट्वीट किया था. जहां तक गोलमा देवी का सवाल है तो वो उन्हें दादी जी बोलती हैं. उन्हें अब तक टीवी में ही देखा था, इस वजह से उनसे मिलना चाहती थी. तब यहां किसी परिचित के माध्यम से उनसे मिलने गई और आशीर्वाद लिया."

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धोली नाम क्यों ? : ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने अपने यूनिक नेम की वजह भी बताई. उन्होंने बताया कि गांव में पहले सभी इसी तरह के नाम रखते थे. भूरे बालों वाले को भूरिया कहते थे, जिसका रंग सांवला होता था उसका कालीबाई नाम रख दिया जाता था. जब वो पैदा हुईं तो उनका रंग साफ था, तो उनकी बुआओं ने धोली नाम रखने का सुझाव दिया और तब से यही नाम उनके साथ जुड़ गया.

Social Media Influencer Dholi Meena
धोली मीणा के साथ सेल्फी लेते लोग

पति के साथ विदेश गईं : उन्होंने बताया कि जब आईएफएस पति के साथ शुरुआत में विदेश का रुख किया तो मन में खुशी थी कि प्लेन में बैठकर विदेश जा रहे हैं, लेकिन भाषा को लेकर वहां काफी परेशानी भी हुई. वो पहले करीब साढ़े तीन साल अफ्रीका में थे, तब यही सोचती थी कि अंग्रेजी आती नहीं, बाहर कैसे जाएंगे. मन में आता था कि काश पढ़ लेते, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगे, स्कूल जाने लगे तो उनके बच्चे ही गुरू बन गए. वो अंग्रेजी में बात करते थे, इसी तरह उन्होंने भी अडोप्ट किया.

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धोली मीणा ने बताया कि आज वो जिस भी मुकाम पर हैं, उसके पीछे उनका पहनावा ही अहम वजह है. जो भी उन्हें सोशल मीडिया पर देखते हैं, फॉलो करते हैं, वहीं उन्हें सपोर्ट भी करते हैं. लोगों को अच्छा लगता है कि विदेश में जाकर भी वो भारतीय संस्कृति को अपनाए हुए हैं. यही नहीं वहां जाकर खानपान में भी किसी तरह का बदलाव नहीं आया. दाल-बाटी-चूरमा, दाल-रोटी, छाछ-राबड़ी, चटनी-रोटी इसी तरह का देसी खाना खाते हैं. खुशी इस बात की है कि वहां के लोगों को भी भारतीय लोग, यहां का परिधान और यहां का खान-पान बेहद पसंद आता है.

धोली मीणा स्वदेश आने पर दौसा में नीलकंठ महादेव मंदिर, मेहंदीपुर के बालाजी और जयपुर में भी आए तो बिरला मंदिर दर्शन करने पहुंचीं. इसे लेकर उन्होंने कहा कि ये तो उनकी संस्कृति है. ऐसा नहीं है कि आज वो फेमस हो गई, इस वजह से मंदिरों में जा रही हैं. पहले भी मंदिरों में जाती थी और आगे भी ये क्रम जारी रहेगा.

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