जयपुर. छोटी काशी में मोक्षदा एकादशी के अवसर पर कृष्ण मंदिरों में विशेष झांकियां सजाई गई. साथ ही गीता जयंती मनाते हुए भगवद्गीता के 700 श्लोकों का सामूहिक पाठ किया गया. खास बात यह है कि भगवद्गीता एक मात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी हर साल जयंती मनाई जाती है. 5160 साल पहले कुरुक्षेत्र में आज के ही दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था.
राजधानी के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में मोक्षदा एकादशी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी का विशेष शृंगार कर झांकियां सजाई गई. वहीं, जगतपुरा स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर में भगवान का विशेष शृंगार करते हुए गीता जयंती महोत्सव मनाया गया. इस दौरान गीता परायण में भक्तों ने गीता के आदि, मध्य और अंत के श्लोकों का एक साथ उच्चारण किया. इसके साथ ही गीता के 700 श्लोकों का भी वाचन किया गया.
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हरे कृष्ण मूवमेंट के सिद्ध स्वरूप दास ने बताया कि कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान भगवान ने आज ही के दिन गीता का उपदेश दिया था. चूंकि गीता का प्रादुर्भाव स्वयं भगवान के श्री मुख से हुआ, इसीलिए गीता जयंती मनाई जाती है. गीता जयंती पर कृष्ण मंदिर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करने की परंपरा रही है. श्री कृष्ण बलराम मंदिर में विशेष पालकी उत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें शहरभर से भक्तों ने कीर्तन और नृत्य कर भगवान की भक्ति लीन हो गए.
उन्होंने बताया कि गीता जयंती पर श्रीमद्भागवत गीता के अध्याय 1 से 6 पर आधारित गीता कॉन्टेस्ट का रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है. ये रजिस्ट्रेशन 28 फरवरी तक चलेगा. ये प्रतियोगिता 5 मई को आयोजित कराई जाएगी. जिसमें प्रथम स्थान पर रहने वाले को 11000, दूसरे स्थान पर 5100 और तीसरे पुरस्कार 2100 दिए जाएंगे. कैंडिडेट्स को कांटेस्ट की तैयारी सोमवार से बुधवार को शाम 8 से 9 बजे यूट्यूब चैनल स्कूल ऑफ गीता लाइव (School of Gita live) पर करवाई जाएगी.आपको बता दें कि गीता को श्रीमद्भगवद्गीता और गीतोपनिषद के नाम से भी जाना जाता है. आज पूरे विश्व में 87 भाषाओं में भगवद्गीता पढ़ी जा रही है. हरे कृष्ण मूवमेंट की ओर से दुनिया के कोने-कोने में भगवद्गीता का वितरण किया जा रहा है.