जयपुर. श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तनसिंह की 100वीं जयंती के उपलक्ष में एक बार फिर क्षत्रिय युवक संघ इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है. जन्म शताब्दी उपलक्ष में इस बार 28 जनवरी 2024 को नई दिल्ली जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में समारोह आयोजित होगा. इस कार्यक्रम में राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से बड़ी संख्या में 36 कौम के लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. कार्यक्रम के लिए देश के विभिन्न राज्यों में विशेष ट्रेन आरक्षित कराई जा रही है.
निकाली गई संदेश यात्रा : श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तनसिंह की जन्म शताब्दी समारोह मनाने के लिए क्षत्रिय समाज की ओर से अलग-अलग जिलों में संदेश यात्रा निकाली जा रही है. इसी कड़ी में जयपुर में अल्बर्ट हॉल से संघ शक्ति कार्यलय तक वाहन रैली निकाली गई. इस दौरान कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि पहले भी क्षत्रिय युवक संघ लंबे समय से काम करता आ रहा है, उन्हीं के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली में बड़ा आयोजन होने जा रहा है. इससे पहले भी जयपुर में तनसिंह जयंती पर बड़ी अनुशासित सभा हुई थी, सभी समाज को साथ लेकर चलने वाले स्वर्गीय तन सिंह के संदेशों को आगे बढ़ाने के लिए होने वाले इस कार्यक्रम के लिए संदेश यात्रा निकाली गई है.
2021 में जयपुर में आयोजित हुए हीरक जयंती समारोह को लेकर राठौड़ ने कहा कि उस विशाल कार्यक्रम में 5 लाख से ज्यादा लोग एकत्रित हुए थे और एक भी अप्रिय घटना नहीं हुई. उस अनुशासित कार्यक्रम ने देश भर में एक मिसाल का काम किया था, उसके बाद अन्य समाज के उसी तर्ज पर कार्यक्रम हुए. उस आयोजन ने सभी समाज को एक साथ आने का संदेश दिया था. स्वर्गीय तनसिंह के भी आदर्श थे कि क्षत्रिय समाज को 36 कौम साथ लेकर चलना चाहिए, तब ही देश मजबूत होगा.
आदर्श नई पीढ़ी कारखाना तैयार हो रहा : पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि स्वर्गीय तन सिंह की जन्म शताब्दी समारोह है. एक ऐसा युग पुरुष जिन्होंने सिद्धांत और संस्कार दिए, जिसमें राष्ट्रीयता है, सभी समाज को साथ लेकर चलने के आदर्श हैं. उन संस्कारों के आधार पर नई पीढ़ी को तैयार करने का एक ऐसा कारखाना अनवरत चल रहा है, जिसमें कई संस्कारवान नौजवान इस देश हित में सेवा करने के लिए प्रेरित होकर अपने जीवन को उतार रहे हैं. उन्होंने कहा कि तनसिंह के जन्म शताब्दी समारोह में एक बड़ा कार्यक्रम देश की राजधानी में होगा, उसी के लिए ये संदेश यात्रा है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली में हो रहे इस आयोजन पर राठौड़ ने कहा कि इसके पीछे कोई राजनीतिक लाभ नहीं है.
क्षत्रिय युवक संघ गैर राजनीतिक रूप से काम कर रहा है, हर वर्ग के लाखों लोग बरसों से विचारधारा के साथ कम कर रहे हैं. विधायक देवी सिंह शेखावत ने कहा कि स्वर्गीय तन सिंह की जन्म शताब्दी समारोह पर यह कार्यक्रम हो रहा है, उनका हमेशा 36 कौम के साथ लेकर चलने का संदेश रहा है. गरीब, पिछड़े और जरूरतमंद को आगे बढ़ने के आदर्श उन्होंने दिए हैं. इसी विचारधारा पर हम काम कर रहे हैं. दिल्ली में आयोजन हो रहा है, जिसमें सभी समाज के लोग अलग-अलग राज्यों से इसमें शामिल होंगे.
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केसरिया रंग में रंगा था जयपुर : बता दें कि 2021 में श्री क्षत्रिय युवक संघ के 75 वर्ष पूर्ण होने पर जयपुर में हीरक जयंती समारोह आयोजित किया गया था. सीकर रोड स्थित भवानी निकेतन में आयोजित इस कार्यक्रम में बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने शिरकत की थी. इस आयोजन की खास बात थी कि उस दिन जयपुर केसरिया रंग में रंगा हुआ नजर आया था. देशभर से राजपूत समाज के लोग राजधानी जयपुर में जुटे. देश के कोने कोने से लाखों की तादाद में आए क्षत्रिय समाज ने मंच से संदेश दिया कि केसरिया किसी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि हिंदुस्तान के मान-सम्मान की रक्षा के लिए है. यह एक प्रगतिशील संगठन है. यह परंपराओं का संरक्षण भी करता है और नए विचारों को अंगीकार भी करता है.
समारोह के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई थी. जयपुर की सड़कों पर हर तरफ केसरिया रंग देखकर हर कोई हैरान था. समारोह में आए पुरुष केसरिया साफा बांधे हुए थे, वहीं महिलाएं केसरिया वेशभूषा पहनकर आईं थीं. बता दें कि राजपूत समाज के राजस्थान में अब तक हुए कार्यक्रमों में हीरक जयंती समारोह सबसे बड़ा साबित हुआ, जिसमें किसी तरह का कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था और न ही कोई समाज की मांग. बताया जा रहा है कि 28 जनवरी को दिल्ली में होने वाले जन्म शताब्दी समारोह में इसी तरह से दिल्ली केसरिया रंग में रंगी हुई दिखेगी. वहीं, इस संदेश रैली में कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक देवी सिंह शेखावत, विधायक हमीर सिंह भायल, श्रवण सिंह बागड़ी, प्रेम सिंह बनवासा, राजेंद्र सिंह बयाड़, एडवोकेट सुरेंद्र सिंह नरुका, जयपाल मांडोता, सहित कई राजनितिक और सामाजिक नेता इसमें शामिल हुए.