जयपुर. राजस्थान में बीते 4 साल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई चल रही है. लेकिन लंबे समय से दोनों नेताओं के बीच चल रहे शीत युद्ध में शांति काल चल रहा है. अब यह शांति काल ज्यादा लंबा चलेगा इसकी संभावना कम ही दिखाई दे रही है. एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 23 जनवरी को विधानसभा में बजट सत्र शुरुआत करने से पहले 16 ओर 17 जनवरी को सभी मंत्रियों के साथ उनके विभागों को लेकर समीक्षा के जरिए फीडबैक लेते दिखाई देंगे, तो दूसरी ओर सचिन पायलट सीधे जनता के बीच जाकर सरकार के प्रति जनता का फीडबैक लेंगे.
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I will be among people and workers in various districts of Rajasthan.
— Sachin Pilot (@SachinPilot) January 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The schedule for public meetings and interactions is as follows:
16 January - Nagaur
17 January - Hanumangarh
18 January - Jhunjhunu
19 January - Pali
20 January - Jaipur pic.twitter.com/iPvv5PFKtJ
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— Sachin Pilot (@SachinPilot) January 12, 2023
The schedule for public meetings and interactions is as follows:
16 January - Nagaur
17 January - Hanumangarh
18 January - Jhunjhunu
19 January - Pali
20 January - Jaipur pic.twitter.com/iPvv5PFKtJ
4 संभागों में दिखाएंगे पायलट अपनी ताकत- राहुल गांधी से पंजाब में मुलाकात करने के बाद सचिन पायलट ने 16 जनवरी से 20 जनवरी तक लगातार जनता के बीच रहने ऐलान कर दिया है. जिसे अब 'राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए योग्य कौन' की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है. राजस्थान में यह कहा जाता है कि मलमास समाप्त होने के साथ ही शुभ काम शुरू हो जाते हैं, ऐसे में सचिन पायलट ने भी अपने लिए जनता में जाने का समय मलमास के बाद तय किया है. 16 जनवरी से लेकर 20 जनवरी तक वह आम सभा और संवाद के जरिए पायलट लोगों की नब्ज भी टटोलेंगे और इन सभाओं में आने वाली भीड़ के जरिए आलाकमान को जनता में अपनी पकड़ भी दिखाएंगे.
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लोगों की नब्ज टटोलेंगे पायलट- 16 जनवरी को पायलट नागौर के परबतसर, 17 जनवरी को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा, 18 जनवरी को झुंझुनू के गुड़ा, 19 जनवरी को पाली के बाली में सादड़ी में जनसभा करेंगे. 20 जनवरी को जयपुर में सचिन पायलट का महाराज कॉलेज में युवाओं से संवाद का कार्यक्रम है. ऐसे में 5 दिनों में सचिन पायलट 5 जिलों में अपनी ताकत दिखाते नजर आएंगे, जिनमें नागौर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, पाली और जयपुर शामिल है. लेकिन पायलट ने इन 5 जिलों के जरिए राजस्थान के 7 में से 4 संभाग भी कवर कर लिए हैं, जिनमें जोधपुर, बीकानेर, जयपुर और अजमेर शामिल है.
पायलट दिखाना चाहते हैं जनता में अपनी पकड़- बीते 4 साल से सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर हैं. शुरुआत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठता के आधार पर मौका मिला, लेकिन 2 साल बाद ही सचिन पायलट ने गहलोत से नाराजगी जताते हुए उन्हें मुख्यमंत्री मानने से इनकार कर दिया था. उसके बाद पायलट को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा, लेकिन वह लगातार मुखर रहे और कार्यकर्ता की बात करते रहे.
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पायलट देना चाहते हैं यह संदेश- अब बीते 2 साल से पायलट समर्थक इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कब कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को राजस्थान की सत्ता की चाबी सौंपेगा. लेकिन तमाम इंतजार के बाद भी सिवाय तारीखों के पायलट के हाथ अब तक कुछ नहीं लगा है. यही कारण है कि अब पायलट सीधे जनता के बीच जाकर आलाकमान को यह मैसेज देना चाहते हैं कि राजस्थान की जनता की पसंद कौन हैं? ऐसे में इन जनसभाओं में आने वाली भीड़ और वहां पायलट की ओर से कही गई बातों पर हर किसी की नजर होगी.
16 जनवरी को नागौर में किसान सम्मेलन- सचिन पायलट के नागौर दौरे को लेकर परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया ने बताया कि पायलट 16 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम परबतसर में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन राजनीतिक सम्मेलन नहीं है. इस सम्मेलन का आयोजन केवल और केवल किसानों की हित को लेकर किया जा रहा है.