जयपुर. वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में राजस्थान (RPSC Paper Leak Case) पुलिस मास्टर माइंड सुरेश ढाका की तलाश कर रही है. उसकी सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा की गई है. वहीं, शुक्रवार को जयपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर सैनी के नेतृत्व में एक टीम अधिगम कोचिंग सेंटर पहुंची. जहां आवासीय जमीन पर किए गए व्यावसायिक निर्माण और जीरो सेटबैक (second grade teacher exam paper leak case) पर कोचिंग की इमारत के निर्माण को चिह्नित किया गया. इस दौरान मीडिया से रूबरू हुए रघुवीर सैनी ने बताया कि प्रवर्तन संबंधी प्रावधानों के उल्लंघन के संबंध में विधिक परीक्षण कर नोटिस दिए गए और आवश्यकता पड़ने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी की जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि इस कोचिंग सेंटर में फीस के नाम पर छात्रों से भारी भरकम राशि वसूली जा रही थी, साथ ही यहां हाल ही में नया बैच शुरू किया गया था. इतना ही नहीं, कोचिंग के कर्मचारी छात्रों और परिजन को प्रवेश के लिए झांसा दे रहे थे कि कोचिंग का पेपर लीक मामले से कोई लेना-देना (JDA administration in action) नहीं है. अगर ऐसा होता तो सरकार उनकी इमारत को अभी तक सीज कर देती. बता दें कि अधिगम कोचिंग सेंटर गोपालपुरा बाइपास पर स्थित है. आरपीएससी वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी सुरेश ढाका ने अधिगम कोचिंग सेंटर के लिए ये बिल्डिंग किराए पर ले रखी है. सेंटर में अभी भी करीब 200 छात्र अध्ययनरत हैं.
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जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से जोन-5 के क्षेत्र में शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में मुख्य अभियुक्तों की ओर से संचालित अधिगम कोचिंग इन्स्टीट्यूट बिल्डिंग पर अवैध निर्माण, रोड सीमा पर अवैध अतिक्रमण, अवैध व्यावसायिक गतिविधियॉं संचालन पर परीक्षण कर विधिक कार्रवाई की गई. आवासीय कॉलोनी के दो आवासीय भूखण्डों पर भवन विनियमों का उल्लंघन कर बने अवैध निर्माण संचालित व्यावसायिक गतिविधियों के संबंध में 32 जेडीए एक्ट के अन्तर्गत और रोड़ सीमा पर अवैध अतिक्रमण-निर्माण के संबंध में 72 जेडीए एक्ट के अन्तर्गत नोटिस जारी कर 72 घंटे के अन्दर जवाब पेश करने के लिए पाबन्द किया गया है. जेडीए द्वारा निर्धारित समयावधि में संबंधित का जवाब प्राप्त होने पर विधिक परीक्षण कर प्रवर्तन संबंधी प्रभावी विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
प्रदेश में बना है एंटी चीटिंग बिल : राज्य सरकार पिछले बजट के दौरान एंटी चीटिंग बिल लेकर आई थी, जो राज्यपाल की अनुमति के बाद कानून बन गया था. इस कानून के तहत नकल करके पकड़े जाने या पेपर माफिया से प्रश्न पत्र खरीदने का दोषी पाए जाने वाले अभ्यर्थी को एक लाख रुपए के जुर्मान (Action on mastermind coaching centre) और 3 साल की सजा का प्रावधान है. नकल कराने वाले गिरोह के सदस्यों पर 10 लाख रुपए से लेकर 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. इसके साथ अपराध साबित होने पर संपत्ति जब्त किए जाने के साथ 5 साल से 10 साल तक की जेल का भी प्रावधान है. उधर आरपीएससी के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक में शामिल सभी 46 आरोपियों पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है. अब आरोपी अभ्यर्थी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की किसी भी भर्ती परीक्षा में भाग नहीं ले सकेंगे.