जयपुर. पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति के लिए ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया के निर्माण की मांग को लेकर 1600 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाल रहे हरित ऋषि विजयपाल बघेल जयपुर पहुंचे. पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण की वजह सिर्फ पराली जलाना और पटाखे जलाना ही नहीं है. अफगानिस्तान की तरफ से आने वाली धूल की वजह से ज्यादा प्रभाव हो रहा है. पहले अरावली पर्वतमाला इसको रोक देती थी लेकिन अरावली के तहस-नहस होने से इसका प्रभाव बढ़ गया है. इसलिए फिर से अरावली को विकसित करना पड़ेगा.
बघेल ने कहा इसके लिए अफ्रीका की तर्ज पर ग्रीन वॉल का निर्माण किया जाना चाहिए. इसके लिए केंद्र सरकार को भी सुझाव दिए गए हैं. जिसको केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया है और वह अपने स्तर पर सर्वे करा रही है. बघेल ने बताया कि अरावली पर्वतमाला की शुरुआत गुजरात से होती है. इसलिए उन्होंने 11 दिसंबर को पोरबंदर से पदयात्रा शुरू की है. जो 21 मार्च को हरियाणा के कुरुक्षेत्र तक जाएगी.
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इस पदयात्रा के माध्यम से जगह जगह पेड़ लगाए जा रहे हैं. साथ ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ग्रीन वॉल 600 किलोमीटर लंबी और 5 किलोमीटर चौड़ी बनेगी. 8000 वर्ग किलोमीटर का एरिया ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित होगा. इसके अलावा बघेल ने कहा कि पेड़ को जीवित प्राणी की वैधानिक मान्यता दी जानी चाहिए. पेड़ काटने पर रोक लगाने के लिए कठोर राष्ट्रीय वृक्ष नीति बनाई जाए ताकि लोग पेड़ों को काटने से डरे.