जयपुर. 'इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति पेड़-पौधों पर आधारित होने के कारण सरल और प्रभावी चिकित्सा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एम्स जैसे अस्पतालों में आयुष की विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों से रोगियों का उपचार करने के अवसर प्रदान किए हैं.' पूर्व केंद्रीय मंत्री और झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शहर के एक निजी होटल में ये बाते कही. उन्होंने जनवरी में होने वाले इलेक्ट्रोपैथी सेमिनार कार्यक्रम के पोस्टर विमोचन समारोह में शामिल होकर संबोधित किया.
बता दें कि 11 जनवरी 2024 को इलेक्ट्रोपैथी सेमिनार आयोजित होगा, जिसमें देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचेंगे. 2018 में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी मेडिसिन एक्ट पारित होने के बावजूद बीते पांच सालों में कांग्रेस सरकार ने इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति के बोर्ड का गठन नहीं किया, जिसे जनता के साथ धोखा बताते हुए विधायक राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि इस पद्धति के विकास को राज्य में अवरुद्ध किया गया है, लेकिन अब दौर बदल गया है और ऐसी चिकित्सा पद्धतियों के विकास का मार्ग अब और ज्यादा प्रशस्त होगा.
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स्टेडियम में कांग्रेस सरकार ने लगाए ताले : उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने राजनीतिक दुर्भावनाओं के कारण कई कामों को रोक कर रखा था. खेल जगत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी ने शाहपुरा के आसपास तीन खेल स्टेडियम बनाए थे. उनमें भी 3 वर्ष तक ताले लगाकर खिलाड़ियों को खेलने से रोका गया.
वहीं, इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया ने 11 जनवरी को आयोजित होने वाली सेमिनार के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ मौजूद रहेंगे. इस दौरान रिनल डिजीज पर इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों की ओर से किए गए अनुसंधान और परिणामों को साझा किया जाएगा.