जयपुर. वीरांगनाओं के मामले में गुरुवार को एक बार फिर राजस्थान विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. वीरांगना सुंदरी के नाते जाने के बयान पर मंत्री धारीवाल और उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ आमने-सामने हो गए. गुरुवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी मंजू जाट के लिए एक शब्द नहीं बोला. उन्होंने सिर्फ सुंदरी के लिए कहा कि 'सुंदरी नाते गई' और इसमें कुछ गलत भी नहीं है.
धारीवाल के नाते शब्द का इस्तेमाल करने के बाद उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इसपर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस दौरान विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करने लगे. बाद में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने मामले को शांत करवाया.
यूं शुरू हुआ हंगामा : विधानसभा में वीरांगनाओं के मामले पर पिछले दिनों संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की ओर से पक्ष रखा था, उसमें वीरांगना सुंदरी के नाते जाने की बात कही थी. विपक्ष ने धारीवाल पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने मंजू जाट के भी नाते जाने बात कही है. धारीवाल के बयान को मंजू जाट के साथ जोड़े जाने को लेकर गुरुवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने अपना स्पष्टीकरण दिया.
धारीवाल ने कहा कि उन्होंने कभी भी मंजू जाट के नाते जाने की बात नहीं कही, सिर्फ सुंदरी के लिए कहा था. वह अपने देवर के 3 साल पहले नाते जा चुकी है और यह सत्य है. मुझसे व्यक्तिगत कुंठा है इसलिए इसका दुष्प्रचार किया जा रहा है या फिर राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह का दुष्प्रचार हो रहा है. धारीवाल ने कहा कि जो मेरा स्पष्टीकरण है उसे रिकॉर्ड पर लिया जाए.
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ खड़े हुए और उन्होंने कहा कि शांति धारीवाल जब वीरांगनाओं को लेकर जवाब दे रहे थे, उन्होंने देश के शहीद हुए जवानों की वीरांगनाओं का अपमान किया था. आज शांति धारीवाल विरांगनाओं के निजी जीवन की बात कर रहे हैं. सदन में व्यक्तिगत जीवन पर चर्चा करने के लिए नहीं बैठे हैं. यह मंत्री वही हैं जिन्होंने राजस्थान में बलात्कार क्यों हो रहा है, इस पर उन्होंने कहा था कि ये मर्दों का प्रदेश है इसलिए बलात्कार होते हैं. इनका स्पष्टीकरण स्वीकार नहीं किया जाएगा.
धारीवाल ने 'सुंदरी नाते गई' शब्द को इस हंगामे के बीच करीब 10 बार दोहराया. इस दौरान तमाम विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करने लगे. वीरांगनाओं को लेकर चल रहे इस हंगामे के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा खड़े हुए और उन्होंने कहा कि यह विरोध रिकॉर्ड में नहीं आ सकता. राजनीति करने के लिए इस तरह कि झूठे बयानों को मुद्दा बनाया जा रहा है.
जोशी ने संभाला मोर्चा : ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान जिस समय हंगामा हुआ उस वक्त आसन पर सभापति जेपी चंदेलिया थे. हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी आसन पर पहुंचे और उन्होंने पक्ष-विपक्ष के सदस्यों को शांत होने के निर्देश दिए. सीपी जोशी ने कहा कि सदन में किसी भी मंत्री को अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने का अधिकार है. इसी नियम के तहत शांति धारीवाल ने अपना स्पष्टीकरण दिया है. इसके बावजूद भी हंगामा लगातार जारी रहा.