जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन को आखिरकार नई मॉडर्न लाइब्रेरी भवन को गड्ढे में बनाने की गलती का एहसास हो ही गया. इसी का परिणाम है विश्वविद्यालय प्रशासन अब नई मॉडल लाइब्रेरी के लिए बन रही पार्किंग ऊंचाई में बना रहा है.
पार्किंग ऊंचाई में बनाए जाने से विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही की तरफ वहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति का ध्यान खींचा चला जा रहा है. विश्वविद्यालय कैंपस में हर तरफ यही चर्चा जोरों पर है कि लाइब्रेरी को गड्ढे में क्यों बनाया. अगर लाइब्रेरी को गड्ढे में बनाया भी गया तो विवि प्रशासन का इस ओर ध्यान समय रहते क्यों नहीं गया.
गौरतलब है कि नई लाइब्रेरी का भवन जहां बनाया गया है, वो जगह पहले से काफी ऊंचाई पर थी. लेकिन विश्वविद्यालय की गलत नीति के चलते उस स्थान से मिट्टी की खुदाई करके लाइब्रेरी भवन बनाया गया. जबकि विश्वविद्यालय को मिट्टी की खुदाई करने की जरूरत नहीं थी. लाइब्रेरी भवन को गड्ढे में बनाने के बाद अब इसके लिए जो पार्किंग बनाई जा रही है. उसे ऊपरी हिस्से में बनाया जा रहा है.
बारिश में खुलेगी पोल
विश्वविद्यालय ने नई लाइब्रेरी भवन को पुरानी लाइब्रेरी भवन और विवि के अन्य भवनों की अपेक्षा काफी गहराई में बनाया है. नई लाइब्रेरी का भवन सामने से जा रही सड़क से भी नीचा है. बारिश के दिनों में सड़क का पानी भी लाइब्रेरी भवन के चारों तरफ भर जाएगा. इससे यहां पढ़ाई के लिए आने वाले विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
प्रशासन का दावा इस साल खुलेगी सेंट्रल मॉडर्न लाइब्रेरी
मॉडर्न लाइब्रेरी का काम पिछले डेढ़ साल से चल रहा है. लाइब्रेरी को खोलने के लिए कई बार छात्र विरोध भी कर चुके हैं. लेकिन प्रशासन दावा कर रहा है कि नए सत्र से लाइब्रेरी को शुरू कर दिया जाएगा. लेकिन हालात इसके विपरीत हैं. लाइब्रेरी का भवन तो तैयार हो चुका है. लेकिन अंदर की साज-सज्जा के नाम पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है. वहीं साज-सज्जा के लिए यूजीसी से चार लाख रुपए राशि भी अनुमोदित हो चुकी है. 16 करोड़ की लागत से बन रही ये लाइब्रेरी सिर्फ यूनिवर्सिटी कैंपस के छात्र-छात्राओं के लिए ही होगी.
इस मामले पर कुलपति आरके कोठारी का मानना है कि भवन गड्ढे में नहीं है. आरएसआरडीसी के इंजीनियर्स ने प्रशासान को तर्क दिया है कि जो लाइब्रेरी का सरफेस लेवल है. वो विवि के मुख्य द्वार से काफी कम होता जा रहा है. इसलिए वो गड्ढे में लगता है, लेकिन ऐसा नहीं है.