जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में संविदाकर्मियों का भविष्य अदरझूल में फंसा है. आरयू के 943 संविदाकर्मी नियमित होने की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशसन और एजेंसी के बीच में फंसे गए है.
उधर कार्मिक विभाग ने राजस्थान विश्विविद्यालय प्रशासन से संविदाकर्मियों की लिस्ट मांगी है लेकिन आरयू प्रशासन लिस्ट नहीं दे रही है. इस मामले में पेंच इस बात का है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन कार्यरत कार्मिकों को संविदाकर्मी न मानते हुए एजेंसी के कर्मचारी मान रहा है, जिसके चलते वो संविदा पर कार्यरत कार्मिकों की लिस्ट नहीं दे रहा है.
उधर नियमितीकरण की मांग कर रहे संविदाकर्मियों का कहना है की जब सरकार हर विभाग में संविदाकर्मियों को नियमित करने जा रही है तो फिर आरयू के संविदाकर्मियों के साथ नाइंसाफी क्यों की जा रही है. यूनिवर्सिटी में कई कर्मचारी 20 से 25 सालों से संविदा पर काम कर रहे है, लेकिन जब नियमित करने की मांग आयी है तो यूनिवर्सिटी ने उन्हें एजेंसी के कर्मचारी मान लिया है. यूनिवर्सिटी के कर्मचारी संघ ने भी संविदाकर्मियों का समर्थन किया है और उनकी मांग को सरकार तक रखने की बात कही है.