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क्लैट में राजस्थान के होनहारों ने लहराया परचम, टॉपर्स ने सुनाई संघर्ष की कहानी

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 11, 2023, 10:53 PM IST

CLAT Result Released, क्लैट में चार साल बाद एक बार फिर राजस्थान के छात्र ने ऑल इंडिया में टॉप किया है. वहीं, टॉप 25 में जय कुमार बोहरा के अलावा जिज्ञासा, गौरव और विपुल का नाम शामिल है.

CLAT Result Released
CLAT Result Released
क्लैट में चौथी बार राजस्थान से टॉपर

जयपुर. कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) में 4 साल बाद एक बार फिर राजस्थान के छात्र ने ऑल इंडिया लेवल पर टॉप किया है. उदयपुर के रहने वाले महज 15 साल के जय कुमार बोहरा ने ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल की. ऑल इंडिया टॉप 25 में जय कुमार बोहरा के अलावा जिज्ञासा ने 9वीं, गौरव ने 18वीं और विपुल ने 21वीं रैंक प्राप्त कर राजस्थान का नाम रोशन किया.

परीक्षा से एक महीने पहले हुआ था एक्सीडेंट : क्लैट के परिणाम में राजस्थान के होनहारों ने अपना परचम लहराया है. ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल करने वाले जय कुमार बोहरा ने बताया कि उन्होंने सिलेबस के अनुसार प्रिपरेशन की थी और मेथड फॉलो करने मात्र से उन्हें अच्छे परिणाम हासिल हुए. वहीं, जय ने उनके दादा जी को उनका इंस्पिरेशन बताया और कहा कि उनके दादा जी एलआईसी से रिटायर्ड थे और रिटायरमेंट के बाद उन्होंने लॉ की थी. जय ने आगे बताया कि परीक्षा से ठीक पहले अक्टूबर में उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसकी वजह से वो थोड़े डिस्टर्ब भी हुए थे. हालांकि, जल्द ही सब व्यवस्थित हो गया.

इसे भी पढ़ें - कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट में उदयपुर के जय कुमार बोहरा को पूरे देश में मिली पहली रैंक

छूट गया था साथियों से मिलना जुलना : उन्होंने बताया कि पेपर के पहले तक लगता था कि कुछ पॉइंट्स रह गए हैं, लेकिन कुछ टॉपिक को प्राथमिकता देनी पड़ती है. एग्जाम के दौरान फोन का इस्तेमाल बहुत कम कर दिया था. यहां तक कि दोस्तों से मिलना जुलना भी छूट गया था. स्थिति यह थी कि एग्जाम के लास्ट टाइम में वो स्कूल भी नहीं गए थे. अंतत: वो कामयाब रहे. अब आगे चलकर वो लीगल एंड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में काम करना चाहते हैं.

सिस्टर भी रही क्लैट टॉपर : वहीं, ऑल इंडिया में 18वीं रैंक हासिल करने वाले गौरव बिश्नोई ने अपने परिजनों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके परिजनों ने हमेशा से वो जो करना चाहते थे, उसमें सपोर्ट किया. अब एक साल की जो जर्नी थी, वो सुखद परिणाम के साथ खत्म हो गई और जिस ड्रीम कॉलेज में वो पढ़ना चाहते थे, वो उन्हें मिला है. उन्होंने बताया कि उनकी सिस्टर भी क्लैट की टॉपर रही है. उनसे उन्हें काफी सपोर्ट मिला. खासकर तैयारियों को लेकर बहन ने उनकी काफी मदद की. ऐसे में उनकी बहन ही उनके लिए इंस्पिरेशन और मोटिवेशन थी. आगे चलकर वो कॉर्पोरेट फील्ड में जाना चाहते हैं और सिविल सर्विसेज में भी भाग्य आजमाएंगे.

इसे भी पढ़ें - क्लैट परीक्षा में जयपुर के सौम्य सिंह गुर्जर ने हासिल किया पहला स्थान

परीक्षा से 2 दिन पहले पिता का हुआ था सीरियस हेल्थ इश्यू : वहीं, ऑल इंडिया में 21वीं रैंक प्राप्त करने वाले विपुल खींचा ने बताया कि एग्जाम से ठीक पहले उनके पिता को सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम हुआ था, लेकिन ये उन पर निर्भर करता था कि वो इसे किस तरह से लें. उन्होंने उस दौरान पॉजिटिव सोच रखी और उनके पिता भी ठीक हो गए. वहीं, सोचकर अच्छे से उन्होंने पढ़ाई की, जिसका उन्हें सकारात्मक परिणाम हासिल हुआ. उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता खुद सीए हैं और उन्हीं को देखकर उन्होंने इस फील्ड में आने का सोचा था. अब वो चाहते हैं कि लिटिगेशन क्षेत्र में कुछ करें. बाकी आगे जो भी ऑप्शन मिलेंगे, उसी के आधार पर बढ़ेंगे.

चौथी बार राजस्थान से टॉपर : उधर, क्लैट विशेषज्ञ सागर जोशी ने बताया कि 2008 से क्लैट का आयोजन हो रहा है. इस बार पूरे देश का टॉपर राजस्थान से निकला है. इससे पहले भी 2017, 2018 और 2019 में देश का टॉपर राजस्थान का ही छात्र रहा है. किसी राज्य से देश का टॉपर निकलने से उस राज्य के दूसरे छात्रों को भी मोटिवेशन मिलता है. साथ ही बच्चों में उस क्षेत्र को लेकर जागरूकता बढ़ती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब छात्र 11वीं, 12वीं में होते हैं तब से क्लैट की प्रिपरेशन शुरू कर देते हैं और यही सही समय भी होता है.

क्लैट में चौथी बार राजस्थान से टॉपर

जयपुर. कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) में 4 साल बाद एक बार फिर राजस्थान के छात्र ने ऑल इंडिया लेवल पर टॉप किया है. उदयपुर के रहने वाले महज 15 साल के जय कुमार बोहरा ने ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल की. ऑल इंडिया टॉप 25 में जय कुमार बोहरा के अलावा जिज्ञासा ने 9वीं, गौरव ने 18वीं और विपुल ने 21वीं रैंक प्राप्त कर राजस्थान का नाम रोशन किया.

परीक्षा से एक महीने पहले हुआ था एक्सीडेंट : क्लैट के परिणाम में राजस्थान के होनहारों ने अपना परचम लहराया है. ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल करने वाले जय कुमार बोहरा ने बताया कि उन्होंने सिलेबस के अनुसार प्रिपरेशन की थी और मेथड फॉलो करने मात्र से उन्हें अच्छे परिणाम हासिल हुए. वहीं, जय ने उनके दादा जी को उनका इंस्पिरेशन बताया और कहा कि उनके दादा जी एलआईसी से रिटायर्ड थे और रिटायरमेंट के बाद उन्होंने लॉ की थी. जय ने आगे बताया कि परीक्षा से ठीक पहले अक्टूबर में उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसकी वजह से वो थोड़े डिस्टर्ब भी हुए थे. हालांकि, जल्द ही सब व्यवस्थित हो गया.

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छूट गया था साथियों से मिलना जुलना : उन्होंने बताया कि पेपर के पहले तक लगता था कि कुछ पॉइंट्स रह गए हैं, लेकिन कुछ टॉपिक को प्राथमिकता देनी पड़ती है. एग्जाम के दौरान फोन का इस्तेमाल बहुत कम कर दिया था. यहां तक कि दोस्तों से मिलना जुलना भी छूट गया था. स्थिति यह थी कि एग्जाम के लास्ट टाइम में वो स्कूल भी नहीं गए थे. अंतत: वो कामयाब रहे. अब आगे चलकर वो लीगल एंड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में काम करना चाहते हैं.

सिस्टर भी रही क्लैट टॉपर : वहीं, ऑल इंडिया में 18वीं रैंक हासिल करने वाले गौरव बिश्नोई ने अपने परिजनों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके परिजनों ने हमेशा से वो जो करना चाहते थे, उसमें सपोर्ट किया. अब एक साल की जो जर्नी थी, वो सुखद परिणाम के साथ खत्म हो गई और जिस ड्रीम कॉलेज में वो पढ़ना चाहते थे, वो उन्हें मिला है. उन्होंने बताया कि उनकी सिस्टर भी क्लैट की टॉपर रही है. उनसे उन्हें काफी सपोर्ट मिला. खासकर तैयारियों को लेकर बहन ने उनकी काफी मदद की. ऐसे में उनकी बहन ही उनके लिए इंस्पिरेशन और मोटिवेशन थी. आगे चलकर वो कॉर्पोरेट फील्ड में जाना चाहते हैं और सिविल सर्विसेज में भी भाग्य आजमाएंगे.

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परीक्षा से 2 दिन पहले पिता का हुआ था सीरियस हेल्थ इश्यू : वहीं, ऑल इंडिया में 21वीं रैंक प्राप्त करने वाले विपुल खींचा ने बताया कि एग्जाम से ठीक पहले उनके पिता को सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम हुआ था, लेकिन ये उन पर निर्भर करता था कि वो इसे किस तरह से लें. उन्होंने उस दौरान पॉजिटिव सोच रखी और उनके पिता भी ठीक हो गए. वहीं, सोचकर अच्छे से उन्होंने पढ़ाई की, जिसका उन्हें सकारात्मक परिणाम हासिल हुआ. उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता खुद सीए हैं और उन्हीं को देखकर उन्होंने इस फील्ड में आने का सोचा था. अब वो चाहते हैं कि लिटिगेशन क्षेत्र में कुछ करें. बाकी आगे जो भी ऑप्शन मिलेंगे, उसी के आधार पर बढ़ेंगे.

चौथी बार राजस्थान से टॉपर : उधर, क्लैट विशेषज्ञ सागर जोशी ने बताया कि 2008 से क्लैट का आयोजन हो रहा है. इस बार पूरे देश का टॉपर राजस्थान से निकला है. इससे पहले भी 2017, 2018 और 2019 में देश का टॉपर राजस्थान का ही छात्र रहा है. किसी राज्य से देश का टॉपर निकलने से उस राज्य के दूसरे छात्रों को भी मोटिवेशन मिलता है. साथ ही बच्चों में उस क्षेत्र को लेकर जागरूकता बढ़ती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब छात्र 11वीं, 12वीं में होते हैं तब से क्लैट की प्रिपरेशन शुरू कर देते हैं और यही सही समय भी होता है.

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