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राजस्थान : सरकारी विभाग में पेपरलेस प्रक्रिया की पहल...अब इन झंझटों से मिलेगा छुटकारा - राजस्थान हिंदी न्यूज

राजस्थान सरकार ने सरकारी विभाग के लिए एक नई पहल की है. अब आमजन को राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग में स्थाई और अस्थाई लोन के आवेदन के लिए ऑफिस तक नहीं जाना पड़ेगा और ना ही हार्ड कॉपी जमा करने की झंझट होगी.

Rajasthan State Insurance and Provident Fund, जयपुर न्यूज
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग होगा पेपरलेस
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Published : Oct 22, 2020, 1:12 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण से जहां एक ओर लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा है तो वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी पटरी से उतर गई है. इन दोनों की स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए राज्य की अशोक गहलोत सरकार हर संभव कदम उठा रही है. इसी कड़ी में राज्य के एक सरकारी विभाग में एक अभूतपूर्व पहल की गई है.

राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग होगा पेपरलेस

राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग में पहले स्थाई और अस्थाई लोन के लिए आवेदन तो ऑनलाइन ही किया जाता है, लेकिन उसके बाद आवेदन और संबंधित दस्तावेजों की हार्ड कॉपी भी जमा करवाना अनिवार्य होता था. साथ ही अगर किसी आवेदन में कोई कमी रह जाए तो उसे सुधारने के लिए भी संबंधित कर्मचारी को विभाग कार्यालय आना पड़ता था, लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर में विभाग की कोशिश है कि लोगों को अपने काम करवाने के लिए ऑफिस तक ना जाना पड़े और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा सके.

यह भी पढ़ें. जयपुर में IPL सट्टे की सबसे बड़ी कार्रवाई, 4.19 करोड़ रुपए कैश बरामद, नोट गिनने वाली मशीनें भी पकड़ी

इसलिए अब कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए विभाग ने इस पूरी प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने का फैसला किया है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 15 दिनों के लिए कार्यालय से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है. इससे प्रदेश के कर्मचारियों को कई तरह के लाभ होंगे. इसको लेकर विभाग के अतिरिक्त निदेशक योगमित्र दिनकर ने बताया कि विभाग ने 2008-09 में एसआईपीएफ पोर्टल के जरिए करीब 7 लाख कर्मचारियों की आईडी बनाई गई थी. कोरोना काल में विभाग की कोशिश है कि व्यक्तिगत को न्यूनतम किया जा सके.

यह भी पढ़ें. राज्य सरकार तक पहुंचा RU कैंपस में शिक्षकों और रजिस्ट्रार का विवाद, बनी कमेटी

साथ ही उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को आवेदन करते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि आवेदन में बैंक संबंधित सभी जानकारीयां एकदम सही भरी गई हो और अगर कहीं किसी बदलाव करवाना हो तो पहले उससे करवाकर ही आवेदन करें. जिससे किसी तरह की बाद में परेशानी नहीं हो. इस तरह कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और गैरजरूरी खर्चों को नियंत्रित कर सीमित संसाधनों के जरिए प्रदेश का विकास करना गहलोत सरकार की प्राथमिकता है. इसे पूरा करने के लिए ही ऐसी अनुकरणीय पहल की गई है. इस पहल के जरिए पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल सकेगी.

जयपुर. कोरोना संक्रमण से जहां एक ओर लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा है तो वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी पटरी से उतर गई है. इन दोनों की स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए राज्य की अशोक गहलोत सरकार हर संभव कदम उठा रही है. इसी कड़ी में राज्य के एक सरकारी विभाग में एक अभूतपूर्व पहल की गई है.

राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग होगा पेपरलेस

राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग में पहले स्थाई और अस्थाई लोन के लिए आवेदन तो ऑनलाइन ही किया जाता है, लेकिन उसके बाद आवेदन और संबंधित दस्तावेजों की हार्ड कॉपी भी जमा करवाना अनिवार्य होता था. साथ ही अगर किसी आवेदन में कोई कमी रह जाए तो उसे सुधारने के लिए भी संबंधित कर्मचारी को विभाग कार्यालय आना पड़ता था, लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर में विभाग की कोशिश है कि लोगों को अपने काम करवाने के लिए ऑफिस तक ना जाना पड़े और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा सके.

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इसलिए अब कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए विभाग ने इस पूरी प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने का फैसला किया है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 15 दिनों के लिए कार्यालय से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है. इससे प्रदेश के कर्मचारियों को कई तरह के लाभ होंगे. इसको लेकर विभाग के अतिरिक्त निदेशक योगमित्र दिनकर ने बताया कि विभाग ने 2008-09 में एसआईपीएफ पोर्टल के जरिए करीब 7 लाख कर्मचारियों की आईडी बनाई गई थी. कोरोना काल में विभाग की कोशिश है कि व्यक्तिगत को न्यूनतम किया जा सके.

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साथ ही उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को आवेदन करते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि आवेदन में बैंक संबंधित सभी जानकारीयां एकदम सही भरी गई हो और अगर कहीं किसी बदलाव करवाना हो तो पहले उससे करवाकर ही आवेदन करें. जिससे किसी तरह की बाद में परेशानी नहीं हो. इस तरह कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और गैरजरूरी खर्चों को नियंत्रित कर सीमित संसाधनों के जरिए प्रदेश का विकास करना गहलोत सरकार की प्राथमिकता है. इसे पूरा करने के लिए ही ऐसी अनुकरणीय पहल की गई है. इस पहल के जरिए पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल सकेगी.

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